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पटना : राजधानी से सटे इलाके में पेयजल के लिए हाहाकार, नल जल योजना का कार्य अधूरा - कोरोना वायरस

PHED विभाग के जलमीनार से उपभोक्ताओं को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. शिकायत के बाद भी नल जल योजना का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है.

पटना
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Published : Apr 23, 2020, 12:26 AM IST

पटना: पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत दुल्हिन बाजार प्रखंड मुख्यालय बाजार में वर्षों से लाखों की लागत से जलमीनार बनकर तैयार है. इसके बावजूद अधिकांश आबादी नल जल योजना के पानी से वंचित है. हालांकि बाजार के कुछ इलाकों में जलापूर्ति हो रही है लेकिन ज्यादातर लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं.

drinking
लॉकडाउन में पेयजल की समस्या

एक तरफ लोग कोरोना वायरस भयभीत हैं वहीं दूसरी तरफ पेयजल उपलब्ध न होने से आमजन और भी परेशान हैं. भीषण गर्मी के बाद भी विभाग जरूरतमंद लोगों को पानी मुहैया नहीं करा पा रहा है.

सुध लेने को तैयार नहीं अधिकारी
वहीं दुल्हिन बाजार के जगदेव चौक के पास जलमीनार पाइप से कनेक्शन निकालकर लगभग बीस फुट ऊंचे कर बास के सहारे एक साल पहले उपभोक्ताओं को पानी पंहुचाया गया था. आज तक उसी अवस्था में पाइप से आधे-अधूरे लोगों को जल मिल रहा है. पानी का पाइप फटा हुआ है, जिसके कारण पानी सड़क पर गिरकर बर्बाद होता रहता है लेकिन विभाग इसकी भी सुध लेने को तैयार नहीं है.

drinking
जर्जर हो रहे पंप घर

विभाग के ढुलमुल रवैये से परेशान हैं लोग
बता दें कि सरकार की सात निश्चय योजना के तहत नलजल योजना महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. निर्देश है कि पानी सप्लाई पाइप को एक मीटर जमीन में गाढ़कर बिछाया जाए. लेकिन नियमों को ताख पर रख कर विभागीय अधिकारी जमीन से बीस फुट ऊंचाई से सड़क पार कर उपभोक्ताओं को किसी तरह खानापूर्ति कर पीने का पानी मुहैया करा रहे हैं. कई बार शिकायत करने के बावजूद विभाग का वही ढुलमुल रवैया कायम है.

क्या कहते हैं स्थानीय?
वहीं, धर्मेंद्र गुप्ता ने बताया कि विगत वर्ष गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मची थी. पीने के पानी के लिए लोग काफी परेशान रहे थे. दुल्हिन बाजार के नरेश प्रसाद ने बताया कि पीएचईडी विभाग के अधिकारी की मनमानी के कारण दर्जनों जल मीनार के उपभोक्ता नलजल योजना के तहत पानी से वंचित हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक साल पहले घर में पानी का कनेक्शन देने के नाम पर पांच से छह हजार रुपए भी लिए गए थे. इसके बाद भी अभी तक कनेक्शन नहीं मिला है.

पटना: पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत दुल्हिन बाजार प्रखंड मुख्यालय बाजार में वर्षों से लाखों की लागत से जलमीनार बनकर तैयार है. इसके बावजूद अधिकांश आबादी नल जल योजना के पानी से वंचित है. हालांकि बाजार के कुछ इलाकों में जलापूर्ति हो रही है लेकिन ज्यादातर लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं.

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लॉकडाउन में पेयजल की समस्या

एक तरफ लोग कोरोना वायरस भयभीत हैं वहीं दूसरी तरफ पेयजल उपलब्ध न होने से आमजन और भी परेशान हैं. भीषण गर्मी के बाद भी विभाग जरूरतमंद लोगों को पानी मुहैया नहीं करा पा रहा है.

सुध लेने को तैयार नहीं अधिकारी
वहीं दुल्हिन बाजार के जगदेव चौक के पास जलमीनार पाइप से कनेक्शन निकालकर लगभग बीस फुट ऊंचे कर बास के सहारे एक साल पहले उपभोक्ताओं को पानी पंहुचाया गया था. आज तक उसी अवस्था में पाइप से आधे-अधूरे लोगों को जल मिल रहा है. पानी का पाइप फटा हुआ है, जिसके कारण पानी सड़क पर गिरकर बर्बाद होता रहता है लेकिन विभाग इसकी भी सुध लेने को तैयार नहीं है.

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जर्जर हो रहे पंप घर

विभाग के ढुलमुल रवैये से परेशान हैं लोग
बता दें कि सरकार की सात निश्चय योजना के तहत नलजल योजना महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. निर्देश है कि पानी सप्लाई पाइप को एक मीटर जमीन में गाढ़कर बिछाया जाए. लेकिन नियमों को ताख पर रख कर विभागीय अधिकारी जमीन से बीस फुट ऊंचाई से सड़क पार कर उपभोक्ताओं को किसी तरह खानापूर्ति कर पीने का पानी मुहैया करा रहे हैं. कई बार शिकायत करने के बावजूद विभाग का वही ढुलमुल रवैया कायम है.

क्या कहते हैं स्थानीय?
वहीं, धर्मेंद्र गुप्ता ने बताया कि विगत वर्ष गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मची थी. पीने के पानी के लिए लोग काफी परेशान रहे थे. दुल्हिन बाजार के नरेश प्रसाद ने बताया कि पीएचईडी विभाग के अधिकारी की मनमानी के कारण दर्जनों जल मीनार के उपभोक्ता नलजल योजना के तहत पानी से वंचित हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक साल पहले घर में पानी का कनेक्शन देने के नाम पर पांच से छह हजार रुपए भी लिए गए थे. इसके बाद भी अभी तक कनेक्शन नहीं मिला है.

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