पटना: इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के 24 घंटे बीत गए, लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. मामले की जांच कर रही एसआईटी हत्यारों का सुराग खोज रही है. रूपेश की हत्या की वजह बड़ा टेंडर बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार हत्याकांड में पूर्वांचल के शूटरों के शामिल होने की बात सामने आ रही है.
3 बाइक से आए थे 6 अपराधी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हत्याकांड में 6 पेशेवर अपराधी शामिल थे. तीन बाइक पर सवार होकर छह अपराधी आए थे. अपराधियों ने बलदेव पथ के पास रुककर पहले सिगरेट का कश लगाया फिर एक बाइक पर दो अपराधी बैठकर शंकर पथ की ओर जाते नजर आए. इन्हीं दो अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया.
सीसीटीवी कैमरा से क्राइम कंट्रोल का दावा फेल
अपराधियों ने रूपेश की हत्या मंगलवार की शाम 7:15 बजे उनके घर के ठीक नीचे कर दी थी. जहां हत्या हुई उस अपार्टमेंट के सीसीटीवी कैमरे महीनों से बंद पड़े थे. ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने पुनाइचक इलाके में लगे सरकारी सीसीटीवी कैमरों की ग्राउंड रियलिटी चेक की तो पता चला कि पुनाइचक में प्रवेश करने वाले रास्ते से लेकर शंकर पथ तक एक भी सरकारी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है.
कैमरा लगा होता तो चिह्नित हो जाते अपराधी
पुनाइचक के गांधी चौक पर मौजूद लोगों ने कहा कि यहां एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. अगर कैमरा लगा होता तो अपराधियों को चिह्नित करने में पुलिस को काफी सहूलियत होती. बलदेव पथ पर भी सरकारी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं. पटना पुलिस चौक चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के सहारे अपराधियों की धरपकड़ के दावे करती है, लेकिन रूपेश हत्याकांड ने पुलिस के दावों की सच्चाई सामने ला दी है. ईटीवी भारत के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगा है. इसमें रूपेश की कार 7:00 बजे शाम को पुनाइचक के गांधी चौक से गुजरती नजर आ रही है.