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PU में डॉल्फिन पर रिसर्च सेंटर का शुभारंभ, मंत्री नीरज सिंह ने किया उद्घाटन

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Published : Jul 31, 2021, 9:44 AM IST

पटना विश्विविद्यालय स्थित कैंपस में एक राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर का शुक्रवार को शुभारंभ हो गया. इस सेंटर में वैज्ञानिक डॉल्फिन की तमाम गतिविधियों, उनकी जनसंख्या के साथ- साथ उनके डीएनए पर शोध करेंगे.

PU में डॉल्फिन पर रिसर्च सेंटर का शुभारंभ
PU में डॉल्फिन पर रिसर्च सेंटर का शुभारंभ

पटना : राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर का (Dolphin Research Center) पटना विश्वविद्यालय (Patna University) परिसर में शुभारंभ हो गया. शुक्रवार को इसका उद्घाटन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने किया. डॉल्फिन संरक्षण के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार लगातार कार्य कर रही है. बता दें कि ये देश का ये पहला डॉल्फिन रिसर्च सेंटर है. इस रिसर्च सेंटर के जरिए डॉल्फिन की पूरी जानकारी लोगों को उपलब्ध हो पाएगी. गंगा में सर्वे के दौरान 1464 डॉल्फिन के होने की जानकारी मिली है.

ये भी पढ़ें : पटना: डॉल्फिन रिसर्च सेंटर ऑटोनॉमस ना होकर विश्वविद्यालय प्रबंधन के अधीन हो- रजिस्ट्रार

उद्घाटन मौके पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यह बिहार के लिए काफी गौरव की बात है. डॉल्फिन शोध केंद्र बिहार राजधानी पटना में शुरू हो गया है. इस रिसर्च सेंटर को खुलने में और समय लगता लेकिन सरकार के प्रयास से इसे फिलहाल यहां शुरू कर दिया गया है. हालांकि इसके लिए अलग से एक नए भवन का निर्माण कराया जा रहा है. करीब 30 करोड़ की लागत में नया भवन बनेगा और 2 वर्षों में उसका कार्य पूरा हो जाएगा.

देखें वीडियो

'जब तक कार्य पूरा नहीं हो जाता तब जाके छात्र-छात्रा यहां पर शोध कर सकेंगे. इस शोध केंद्र से डॉल्फिन के संरक्षण में काफी सहायता मिलेगी. क्योंकि जब तक लोगों को डॉल्फिन के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होगी. केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों का प्रयास है कि अधिक से अधिक डॉल्फिन का संरक्षण किया जाए. इस क्षेत्र में सरकार लगातार कार्य कर रही है.' :- नीरज कुमार सिंह , मंत्री

इसे भी पढ़ें : पटना में गंगा की छाती को चीर रहे हैं खनन माफिया, खतरे में 'डॉल्फिन' का अस्तित्व

बता दें कि इस रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक डॉल्फिन को लेकर विभिन्न विषयों जैसे गंगा में डॉल्फिन कहां-कहां रहती हैं, उनका आहार क्या है, गंगा और दूसरी नदियों में मिलने वाली डॉल्फिन के स्वभाव में क्या अंतर है, डॉल्फिन की संख्या कहां कम है और कहां ज्यादा है. इसके साथ ही जलीय जीवों के साथ डॉल्फिन किस तरह रहती हैं. इन सभी विषयों पर शोध करेंगे. रिसर्च के लिए जरूरी उपकरण जैसे कैमरे, दूरबीन, माइक्रोस्कोप,डी फ्रीजर और पानी के प्रदूषण की जांच के सभी उपकरण सेंटर में मौजूद हैं.

पटना : राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर का (Dolphin Research Center) पटना विश्वविद्यालय (Patna University) परिसर में शुभारंभ हो गया. शुक्रवार को इसका उद्घाटन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने किया. डॉल्फिन संरक्षण के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार लगातार कार्य कर रही है. बता दें कि ये देश का ये पहला डॉल्फिन रिसर्च सेंटर है. इस रिसर्च सेंटर के जरिए डॉल्फिन की पूरी जानकारी लोगों को उपलब्ध हो पाएगी. गंगा में सर्वे के दौरान 1464 डॉल्फिन के होने की जानकारी मिली है.

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उद्घाटन मौके पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यह बिहार के लिए काफी गौरव की बात है. डॉल्फिन शोध केंद्र बिहार राजधानी पटना में शुरू हो गया है. इस रिसर्च सेंटर को खुलने में और समय लगता लेकिन सरकार के प्रयास से इसे फिलहाल यहां शुरू कर दिया गया है. हालांकि इसके लिए अलग से एक नए भवन का निर्माण कराया जा रहा है. करीब 30 करोड़ की लागत में नया भवन बनेगा और 2 वर्षों में उसका कार्य पूरा हो जाएगा.

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'जब तक कार्य पूरा नहीं हो जाता तब जाके छात्र-छात्रा यहां पर शोध कर सकेंगे. इस शोध केंद्र से डॉल्फिन के संरक्षण में काफी सहायता मिलेगी. क्योंकि जब तक लोगों को डॉल्फिन के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होगी. केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों का प्रयास है कि अधिक से अधिक डॉल्फिन का संरक्षण किया जाए. इस क्षेत्र में सरकार लगातार कार्य कर रही है.' :- नीरज कुमार सिंह , मंत्री

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बता दें कि इस रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक डॉल्फिन को लेकर विभिन्न विषयों जैसे गंगा में डॉल्फिन कहां-कहां रहती हैं, उनका आहार क्या है, गंगा और दूसरी नदियों में मिलने वाली डॉल्फिन के स्वभाव में क्या अंतर है, डॉल्फिन की संख्या कहां कम है और कहां ज्यादा है. इसके साथ ही जलीय जीवों के साथ डॉल्फिन किस तरह रहती हैं. इन सभी विषयों पर शोध करेंगे. रिसर्च के लिए जरूरी उपकरण जैसे कैमरे, दूरबीन, माइक्रोस्कोप,डी फ्रीजर और पानी के प्रदूषण की जांच के सभी उपकरण सेंटर में मौजूद हैं.

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