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आम बजट से डॉक्टरों को उम्मीद, कहा- स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार दे ध्यान

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Published : Jan 27, 2020, 2:21 PM IST

आम बजट पर पीएमसीएच के शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल ने कहा कि वह डॉक्टर है तो यही चाहते हैं कि हेल्थ पर ज्यादा बजट का प्रावधान हो. जिससे देश के रिमोट एरिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का प्रबंध हो सके.

Patna
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पटनाः 1 फरवरी को आम बजट पेश होने वाला है. इससे हर तबके के लोगों को उम्मीदें रहती है. इसी के तहत इस बार के आम बजट से स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को भी उम्मीदें हैं. पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बात करते हुए बजट के बारे अपनी राय बताई.

'गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने की जरूरत'
बिहार स्वास्थ्य सेवा समिति के भाषा के सेक्रेटरी डॉक्टर अरुण ने कहा कि वह सरकार की तारीफ करेंगे कि पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य सेवा में काफी कुछ काम हुए हैं. सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर सेवा भी दे रहे हैं. लेकिन गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा में अभी और सुधार करने की जरूरत है.

आम बजट से डॉक्टरों को उम्मीद

'बजट को बढ़ाने की आवश्यकता'
डॉक्टर अरुण ने कहा कि अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन पावर को बढ़ाने के साथ ही चिकित्सकों और कर्मियों के रिक्त पदों को भरने की जरूरत है. इसके लिए निश्चित रूप से बजट को बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों में कुल बजट का आठ से दस प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य सेवा में खर्च किया जाता है जबकि हमारे यहां यह मात्र 2 से 3 प्रतिशत ही होता है.

'आयुष्मान योजना अच्छी पहल'
आम बजट पर पीएमसीएच के शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल ने कहा कि वह डॉक्टर है तो यही चाहते हैं कि हेल्थ पर ज्यादा बजट का प्रावधान हो. जिससे देश के रिमोट एरिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का प्रबंध हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार की आयुष्मान योजना अच्छी है. लेकिन रिमोट एरिया में अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त नहीं होने की वजह से लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल पाती है.

'मैन पावर को बढ़ाने की जरूरत'
वहीं, पीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत ने कहा कि देश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर के सीटों की संख्या बढ़ानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मैन पावर को बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि डॉक्टर के साथ पारा मेडिकल स्टाफ की भी काफी कमी है.

पटनाः 1 फरवरी को आम बजट पेश होने वाला है. इससे हर तबके के लोगों को उम्मीदें रहती है. इसी के तहत इस बार के आम बजट से स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को भी उम्मीदें हैं. पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बात करते हुए बजट के बारे अपनी राय बताई.

'गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने की जरूरत'
बिहार स्वास्थ्य सेवा समिति के भाषा के सेक्रेटरी डॉक्टर अरुण ने कहा कि वह सरकार की तारीफ करेंगे कि पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य सेवा में काफी कुछ काम हुए हैं. सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर सेवा भी दे रहे हैं. लेकिन गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा में अभी और सुधार करने की जरूरत है.

आम बजट से डॉक्टरों को उम्मीद

'बजट को बढ़ाने की आवश्यकता'
डॉक्टर अरुण ने कहा कि अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन पावर को बढ़ाने के साथ ही चिकित्सकों और कर्मियों के रिक्त पदों को भरने की जरूरत है. इसके लिए निश्चित रूप से बजट को बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों में कुल बजट का आठ से दस प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य सेवा में खर्च किया जाता है जबकि हमारे यहां यह मात्र 2 से 3 प्रतिशत ही होता है.

'आयुष्मान योजना अच्छी पहल'
आम बजट पर पीएमसीएच के शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल ने कहा कि वह डॉक्टर है तो यही चाहते हैं कि हेल्थ पर ज्यादा बजट का प्रावधान हो. जिससे देश के रिमोट एरिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का प्रबंध हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार की आयुष्मान योजना अच्छी है. लेकिन रिमोट एरिया में अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त नहीं होने की वजह से लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल पाती है.

'मैन पावर को बढ़ाने की जरूरत'
वहीं, पीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत ने कहा कि देश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर के सीटों की संख्या बढ़ानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मैन पावर को बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि डॉक्टर के साथ पारा मेडिकल स्टाफ की भी काफी कमी है.

Intro:1 फरवरी को आम बजट आना है और बजट से हर तबके के लोगों को कुछ उम्मीद रहती है. इस बार के आम बजट में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए लोग क्या कुछ चाहते हैं इसको लेकर पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बजट के बारे में राय जानी ईटीवी भारत के संवाददाता ने.


Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत में बिहार स्वास्थ्य सेवा समिति के भाषा के सेक्रेटरी डॉक्टर अरुण ने कहा कि वह सरकार की तारीफ करेंगे कि पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य सेवा में काफी कुछ काम हुए हैं और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है और विश्वास भी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि हम डॉक्टर सेवा भी दे रहे हैं मगर अगर आप गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की बात करते हैं तो उसमें कुछ और करने की आवश्यकता है. डॉक्टर अरुण ने कहा कि अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन पावर को बढ़ाने की आवश्यकता है. चिकित्सकों और कर्मियों के कमियों को दूर करने की आवश्यकता है और इसके लिए निश्चित रूप से बजट को बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों में कुल बजट के आठ से 10% हिस्सा स्वास्थ्य सेवा में खर्च किए जाते हैं जबकि हमारे यहां यह मात्र 2 से 3% ही है.


Conclusion:पीएमसीएच के शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ एके जायसवाल ने कहा कि वह डॉक्टर है तो यही चाहते हैं कि हेल्थ पर ज्यादा बजट का प्रावधान हो ताकि जो देश के रिमोट एरिया हैं वहां भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का प्रबंध हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार की आयुष्मान योजना अच्छी है मगर अगर रिमोट एरिया के अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त होगा तो वहां भी लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि बजट का जो परसेंटेज हेल्थ को मिल रहा है वह थोड़ा बढ़े.
पीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अभिजीत ने कहा कि वह चाहते हैं कि देश में जिस प्रकार डॉक्टरों की कमी है इसको लेकर मेडिकल कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर के सीटों की संख्या बढ़े. उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान होना चाहिए कि डॉक्टरों की संख्या बढ़े इसको लेकर मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ानी होगी. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मेन पावर को बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि डॉक्टर के साथ साथ पारा मेडिकल स्टाफ की भी कमी है.
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