पटना: राज्य में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. डॉक्टर्स नवंबर के आखिरी सप्ताह तक राज्य में फिर से एक बार कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने की आशंका जता रहे हैं. कोरोना सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम की बीमारी है और ठंड के मौसम में सार्स बीमारियों के मामले लागातार बढ़ते हैं.
पटना के मशहूर फिजीशियन और टीवी रोग विशेषज्ञ डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि चुनाव का समय चल रहा है और प्रचार-प्रसार के दौरान लोगों की काफी भीड़ जुट रही है. सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं हो रहा है. त्योहारों का सीजन चल रहा है और आने वाले दिनों में कई बड़े त्यौहार आएंगे, ऐसे में लोगों का एक दूसरे से घुलना- मिलना बढेगा. डॉक्टर दिवाकर ने क्या कुछ कहा वो भी जानिए-
- 'गंभीर स्थिति में एडमिट होने वालों की भी बढ़ेगी संख्या'
डॉ दिवाकर ने आगे कहा कि ठंड का मौसम भी शुरू होने वाला है. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए तो यह आशंका जताई जा रही है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह और दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में राज्य में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ेंगे और अस्पतालों में गंभीर स्थिति में एडमिट होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ेगी. - 'सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां'
डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने कि उम्मीद इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि लोग अब कोरोना के एहतियाती नियमों को पालन करने में लापरवाही दिखा रहें हैं. चुनाव प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कि लोग धज्जियां उड़ा रहे हैं. चेहरे पर मास्क का भी प्रयोग नहीं कर रहे हैं. - 'कोरोना को लेकर नहीं होना चाहिए लापरवाह'
डॉ दिवाकर आगे कहा कि जिन लोगों को लग रहा है कि उनकी इम्यूनिटी काफी मजबूत है और उन्हें कोरोना नहीं होगा. यह लोगों की गलतफहमी है. लोगों को कोरोना को लेकर बिल्कुल भी लापरवाह नहीं दिखानी चाहिए क्योंकि जो भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो रहा है उसमें कोमोरबिडिटी आ जा रही है. - 'कोमोरबिडिटी से लोगों में होती है इम्युनिटी कमजोर'
डॉक्टर ने आगे बताया कि कोमोरबिडिटी से मतलब है कि जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है, जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, एचआईवी, कैंसर और फेफड़े से जुड़ी समस्या. ऐसे लोगों में इम्युनिटी कम हो जाती है. इनमें जब संक्रमण होता है तो वायरस गंभीर रूप से अटैक करता है. - 'बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिलाओं को ध्यान रखने की जरूरत'
डॉक्टर ने आगे बताया कि वायरस उनके फेफड़ों तक पहुंच जाता है और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. लोगों के फेफड़े में फाइब्रोसिस की शिकायत उत्पन्न हो रही है. इसमें ज्यादातर बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिलाएं आती हैं. इन्हें सबसे ज्यादा अपना ध्यान रखने की जरूरत है. - 'हर्ट और ब्रेन सेल्स भी हो रहे डैमेज'
डॉ दिवाकर ने आगे कहा कि इसके साथ ही हर्ट और ब्रेन सेल्स भी डैमेज हो रहे हैं. अभी का समय काफी क्रिटिकल समय है और लोगों को इस समय अनिवार्य रूप से कोरोना के एहतियाती नियमों को पालन करना होगा, जैसे कि जब भी बाहर निकले तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें, 2 गज की दूरी मेंटेन करें और समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें या फिर हाथों को सैनिटाइज करते रहें.
यानी ठंड में कोरोना का असर काफी तेज होने वाला है. एहतियात ही कोरोना से बचने का कारगर इलाज है. लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है. इसलिए मास्क जरूर पहनें, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और सैनिटाइजर से या फिर साबुन से हाथों को धोते रहें. गंभीर बीमारी वाले लोगों को इस मामले में कतई कोताही नहीं बरतनी चाहिए.