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Lakshmi Puja 2023: दिवाली पर महाकीर्तन का आयोजन, की गई धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा - Diwali 2023

Diwali 2023: दिवाली पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की गई. इस बीच राजधानी पटना से सटे धनरूआ प्रखंड के सूर्यगढा गांव में आजादी से पहले से लक्ष्मी पूजन पर महा कीर्तन का आयोजन किया जाता रहा है. इस बार भी यहां ग्रमीणों द्वारा रातभर कीर्तन किया गया. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 13, 2023, 7:56 AM IST

Updated : Nov 13, 2023, 8:02 AM IST

पटना: राजधानी पटना से धनरूआ प्रखंड में दिवाली का त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया. यहां के सूर्यगढा गांव में पौराणिक परंपरा के अनुसार पिछले कई सालों से लक्ष्मी पूजा पर गांव में अखंड कीर्तन का आयोजन किया जाता है. कहा जाता है कि पूरे गांव के लोग रात भर जागरण कर झाल मंजीरे के साथ माता लक्ष्मी का आह्वान करते हैं. जिससे गांव में कभी भी निर्धनता नहीं आती है और सुख समृद्धि संपन्नता गांव में आती है.

अच्छी फसल के लिए मां लक्ष्मी से प्रथाना: इसके अलावा खेतों में लगी हुई फसल लहलहातती रहे और आने वाले कुछ ही दिनों के बाद खेतों में रबी की बुवाई होती है, जिसके पैदावार को लेकर लोग माता लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं. गांव के नवल शर्मा ने बताया कि यह पिछले कई सालों से एक पौराणिक परंपरा के अनुसार चला आ रहा है. यहां के सभी लोग लक्ष्मी पूजन पर मां के कीर्तन का आयोजन करते हैं.

"दिवाली के दिन कई सालों से एक पौराणिक परंपरा के अनुसार यहां लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जाता है. गांव के सभी लोग इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं. हम मां लक्ष्मी से सभी के खुशाली की प्राथना करते हैं."-नवल शर्मा, ग्रामीण

क्या है मान्यता: बता दें कि की दिवाली के दिन मां लक्षमी की पूजा को लेकर कई मान्यता है. लोगों गका मानना है कि इस दिन रात को जागरण कर माता लक्ष्मी का आह्वान करने से पूरे गांव में धन संपदा सुख समृद्धि आती है. इसके अलावा खेतों में अच्छी फसल आती है, उससे गांव के पूरे किसान समृद्ध होते हैं. जिसको लेकर धनरूआ प्रखंड के सूर्यगढा गांव में कई वर्षों से लक्ष्मी पूजन की रात भव्य जल मंजरी के साथ कीर्तन होता है और हर कोई उस कीर्तन में सरोबार दिखाई देता है.

पढ़ें-Firing In Buxar: बक्सर में दीप जलाने को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प, गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल

पटना: राजधानी पटना से धनरूआ प्रखंड में दिवाली का त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया. यहां के सूर्यगढा गांव में पौराणिक परंपरा के अनुसार पिछले कई सालों से लक्ष्मी पूजा पर गांव में अखंड कीर्तन का आयोजन किया जाता है. कहा जाता है कि पूरे गांव के लोग रात भर जागरण कर झाल मंजीरे के साथ माता लक्ष्मी का आह्वान करते हैं. जिससे गांव में कभी भी निर्धनता नहीं आती है और सुख समृद्धि संपन्नता गांव में आती है.

अच्छी फसल के लिए मां लक्ष्मी से प्रथाना: इसके अलावा खेतों में लगी हुई फसल लहलहातती रहे और आने वाले कुछ ही दिनों के बाद खेतों में रबी की बुवाई होती है, जिसके पैदावार को लेकर लोग माता लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं. गांव के नवल शर्मा ने बताया कि यह पिछले कई सालों से एक पौराणिक परंपरा के अनुसार चला आ रहा है. यहां के सभी लोग लक्ष्मी पूजन पर मां के कीर्तन का आयोजन करते हैं.

"दिवाली के दिन कई सालों से एक पौराणिक परंपरा के अनुसार यहां लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जाता है. गांव के सभी लोग इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं. हम मां लक्ष्मी से सभी के खुशाली की प्राथना करते हैं."-नवल शर्मा, ग्रामीण

क्या है मान्यता: बता दें कि की दिवाली के दिन मां लक्षमी की पूजा को लेकर कई मान्यता है. लोगों गका मानना है कि इस दिन रात को जागरण कर माता लक्ष्मी का आह्वान करने से पूरे गांव में धन संपदा सुख समृद्धि आती है. इसके अलावा खेतों में अच्छी फसल आती है, उससे गांव के पूरे किसान समृद्ध होते हैं. जिसको लेकर धनरूआ प्रखंड के सूर्यगढा गांव में कई वर्षों से लक्ष्मी पूजन की रात भव्य जल मंजरी के साथ कीर्तन होता है और हर कोई उस कीर्तन में सरोबार दिखाई देता है.

पढ़ें-Firing In Buxar: बक्सर में दीप जलाने को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प, गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल

Last Updated : Nov 13, 2023, 8:02 AM IST
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