पटना: आज दुनिया भर में विश्व विकलांग दिवस (World Disabled Day) मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें अपनी 46 सूत्री मांगों को लेकर बिहार के अलग-अलग हिस्से से आए दिव्यांग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद (Deputy CM Tar Kishore Prasad) और पूर्व मंत्री श्याम रजक समेत कई नेता भी शामिल हुए. कार्यक्रम में नक्सली सर्च ऑपरेशन के दौरान हुए विस्फोट में अपनी पैर खोने वाले सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर सुशील कुमार भी शामिल हुए.
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विश्व विकलांग दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में बिहार के सभी हिस्से से लगभग हजारों की संख्या में दिव्यांग पहुंचे. सभी अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए थे. उनकी कई मांगे हैं. जिसमें दिव्यांग जनों का पेंशन, विवाह प्रोत्साहन राशि, गरीबी उन्मूलन योजना, दिव्यांग योजना आयोग का गठन, दिव्यांग भवन, मनरेगा में दिव्यांगों को विशेष श्रेणी का कार्ड बनवाना, 40 प्रतिशत से ऊपर सभी लोकोमोटिव दिव्यांगों को बैटरी चलित तीन पहिया वाहन प्रदान करना, प्रत्येक दिव्यांग को तय योजना के तहत 35 किलो अनाज देना, प्रत्येक पंचायत भवन, प्रखंड कार्यालय परिसर, अनुमंडल कार्यालय परिसर, जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में दिव्यांगों के लिए एक सिंगल विंडो की व्यवस्था.
इसके अलावा बस पास बनाने की भी सुविधा, भूमिहीन दिव्यांगों को 5 डिसमिल जमीन मुहैया कराया जाए, प्रत्येक विद्यालय में 2 विशेष शिक्षक बहाल कराया जाए, विशेष न्यायालय के अंतर्गत दिव्यांगों के केस को निपटारा किया जाए, संस्कृति खेलकूद में दिव्यांगों की भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिला स्तर पर दिव्यांगों के लिए छात्रावास की व्यवस्था, दिव्यांगों के बैकलॉग वैकेंसी जारी किया जाए, समान खिलाड़ी के जैसे दिव्यांग को भी सम्मान और प्रोत्साहित राशि दी जाए, शिक्षा मित्र और विकास मित्र पंचायती राज चुनाव में राजस्थान की तरह दिव्यांग को भी आरक्षण दिया जाए. इन्हीं कई सारी मांगों को लेकर शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान में हजारों की संख्या में दिव्यांग एकत्रित हुए.
सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर सुशील कुमार (CRPF Inspector Sushil Kumar) ने बताया कि वर्ल्ड दिव्यांग दिवस के अवसर पर सभी पटना के गांधी मैदान में पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि 27 जनवरी 2014 को सर्च ऑपरेशन के दौरान करीब दिन के एक बजे पारसनाथ पहाड़ी के नीचे बम से उन्हें उड़ा दिया गया था जिसमें उनका एक पैर उड़ गया, जिसके बाद भी वे चार घंटे तक नक्सलियों से लोहा लेते रहे और बाद में उन्हें इलाज के लिए एम्स ट्रामा सेंटर दिल्ली भेजा गया. जहां उनका इलाज किया गया और एक पैर लगाया गया. उन्होंने कहा कि अब वे पूरी तरह चल रहे हैं और दोड़ भी रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वे अपनी आत्मबल में कभी कमी नहीं आने दिये. सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर ने कहा कि अगर आपके पास पैर या हाथ नहीं है तो आप दिव्यांग हैं लेकिन मन से कभी दिव्यांग मत होइए. अपने हौसलों को हमेशा मजबूत रखें और अपने मकसद के प्रति हमेशा अग्रसर होते रहे. वहीं कार्यक्रम में शामिल हुए गुरूजी के नाम से प्रचलित नालंदा के रहने वाले दिव्यांग ने बताया कि वे एक संत हैं और हमेशा दिव्यांगों की भलाई के लिए आश्रम में अपना काम करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों का जो हक है वह मिलना चाहिए. इसी को लेकर सभी गांधी मैदान में एकत्रित हुए हैं.
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