पटना: 17 फरवरी 2020 से पुराने शिक्षकों की तरह वेतनमान और 7 सूत्री मांगों को लेकर नियोजित शिक्षक हड़ताल पर चले गए थे. इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई करते हुए विभाग ने दो शिक्षक नेता मनोज कुमार और मुस्तफा आजाद को बर्खास्त कर दिया था. जिसका शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने खुलकर विरोध किया था.
विरोध के बाद विभाग ने दोनों शिक्षक नेताओं की बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया है. शिक्षक समिति ने विभाग के इस पहल पर खुशी जताई है.
'विरोध के बाद विभाग ने बदला फैसला'
बता दें कि शिक्षकों के हड़ताल विरोध के कारण शिक्षा विभाग ने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार और महासचिव मोहम्मद मुस्तफा आजाद को बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति ने शिक्षा विभाग के कार्रवाई का खुलकर विरोध किया था. शिक्षकों का कहना था कि सरकार से समझौते के अनुसार शिक्षकों ने हड़ताल तोड़ दिया है, इस वजह से शिक्षकों की बर्खास्तगी रद्द होनी चाहिए.
20 जून को हुई थी सुनवाई
शिक्षकों की बर्खास्तगी के मामले को 20 जून 2020 को आरडीडी पटना प्रमंडल में सुनवाई हुई थी. इस बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के जिला संयोजक मौजूद थे. बैठक में दोनों शिक्षक नेताओं की बर्खास्तगी रद्द की गई थी.
शिक्षकों की बर्खास्तगी रद्द करने का फैसला तो ले लिया गया था. लेकिन दोनों शिक्षक नेताओं की बर्खास्तगी रद्द करने का पत्र 27 जून को जारी किया गया. फिलहाल दोनों शिक्षकों को शिक्षक विद्यालय में योगदान देने के निर्देश जारी किया गया है.
'शिक्षक समिति ने किया फैसले का स्वागत'
शिक्षा विभाग कि इस पहल का बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने स्वागत किया है. समिति ने विभाग की प्रशंसा करते हुए आरडीडी पटना को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही सरकार से मांग किया है कि तय समझौते के अनुसार शिक्षकों ने हड़ताल तोड़ को समाप्त कर दिया है. अब सरकार की बारी है कि जल्द से जल्द बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति से वार्ता की तिथि घोषित की जाए और शिक्षकों की मांगों पर विचार किया जाए.