पटना: बिहार में आगामी एक अगस्त से रेड एफआईआर मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल शुरू हो रहा है. इससे अभियंताओं द्वारा किए गए रेड और एफआईआर के साक्ष्य ऑनलाइन दर्ज होंगे. साथ ही एफआईआर से मिली रकम का भी ब्योरा होगा. बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने कहा कि सभी पोर्टल के माध्यम से एनर्जी एकाउंटिंग किया जा रहा है, जिससे दोनों डिस्कॉम कंपनियां 100 प्रतिशत ऑटोमेटीव मोड पर जल्द हो जाएगीं.
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बिहार में बिजली चोरी को रोकने की दिशा में बड़ा कदम: संजीव हंस ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं के डाटा का एक विशेष अंतराल पर विश्लेषण किया जाएगा, जिससे बिजली एकाउंटिंग करने में मदद मिलेगी. इस प्रक्रिया में कनीय अभियंता से लेकर सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2023-24 के प्रथम तिमाही में जो ऊर्जा हानि हुई है, उसे हमें रोकना होगा. सभी अधिकारियों को बेहतर प्रदर्शन करना होगा. जिन अधिकारियों का बेहतर प्रदर्शन नहीं होगा, उन्हें दंडित भी किया जाएगा.
"आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बिजली चोरी रोकने में करने का निर्णय लिया गया है. इससे एनर्जी एकाउंटिंग प्रणाली मजबूत और जवाबदेह बनेगी. सभी फीडर और ट्रांसफार्मर के एकाउंटिंग का काम तेजी से हो रहा है. इसके पूरा होने पर हम क्षेत्र में हो रहे बिजली चोरी करने वाले को आसानी से पकड़ सकेंगे"- संजीव हंस, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, बीएसपीएचसीएल
पायलट प्रोजेक्ट के नतीजे सकारात्मक: मुजफ्फरपुर और भागलपुर में एनर्जी एकाउंटिंग के पायलट प्रोजेक्ट चलाए गए हैं, जिसके परिणाम काफी अच्छे रहे हैं. एसटीएफ को अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से निभानी होगी. बैठक में एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेन्द्र कुमार, एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश, एनर्जी अकाउंटिंग सलाहकार प्रकाश नाथ मिश्र, टेक्निकल सलाहकार ए.के सिन्हा, सीनियर प्रोटॉकॉल ऑफिसर ख्वाजा जमाल और अन्य वरिय अधिकारियों ने शिरकत की, बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इनर्जी एकाउंटिंग टीम और एसटीएफ में बेहतर समन्वय के लिए प्रत्येक महीने के तीसरे मंगलवार को बैठक होगी.