ETV Bharat / state

Bihar Politics: महागठबंधन में घमासान से लेफ्ट नाराज, बोले दीपांकर भट्टाचार्य, 'कोआर्डिनेशन कमेटी का हो गठन'

author img

By

Published : Jan 18, 2023, 4:08 PM IST

अब महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी की कमी महसूस होने लगी है. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बयानबाजियों को रोकने लिए ऐसी कमेटी की सख्त जरूरत है जो सभी बयानों पर नजर रखे और गठबंधन के तमाम घटक दलों के नेताओं को साथ लेकर चले.

formation of coordination committee is necessary
formation of coordination committee is necessary
CPI (ML) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

पटना: बिहार में इन दिनों शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर सियासत गरमाई हुई है. रामचरितमानस पर दिए बयान को लेकर महागठबंधन की एक बड़ी घटक दल जदयू शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं महागठबंधन की एक और घटक दल भाकपा माले (सीपीआई एमएल) ने शिक्षा मंत्री के बयान पर कहा है कि बयान किस संदर्भ में कहा गया है, इसपर चर्चा की जा सकती है.

पढ़ें- Ramcharitmanas Controversy: जदयू के दबाव के आगे नहीं झुकी राजद , महा संकट में महागठबंधन..

'कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन जरूरी': सीपीआईएमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है. महागठबंधन के घटक दलों में जो इस प्रकार बयानबाजी चल रही है इसके पीछे का एकमात्र कारण कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन ना होना है. कॉमन मिनिमम एजेंडा तैयार हो ना हो कोआर्डिनेशन कमेटी रहती तो ऐसे बयानों पर नजर रखती.

'कोई भी धार्मिक ग्रंथ आलोचना से नहीं परे': वहीं रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर उन्होंने कहा कि यह शिक्षा मंत्री ने किस संदर्भ में कहा है, यह देखना होगा. लेकिन कोई भी धर्म ग्रंथ आलोचनाओं से परे नहीं है. धर्म ग्रंथ जब लिखा गया है उस समय के कालखंड और सामाजिक स्थिति को देखते हुए लिखा गया है. इस पर बेवजह का विवाद करके भाजपा मुद्दा बना रही है. यह देखना होगा कि किस संदर्भ में शिक्षा मंत्री ने बयान दिया है कि भाजपा ने इस बयान को लपक लिया है. आज शिक्षा मंत्री के बयान पर साधु समाज के लोग भी जीभ काटने वाले को दस करोड़ देने की बातें कह रहे हैं यह निंदनीय है.

15 फरवरी को लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ रैली: दीपांकर भट्टाचार्य ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि 15 फरवरी को गांधी मैदान में लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ रैली का आयोजन किया जाएगा. जिसमें बिहार के तमाम जिलों से हजारों की तादाद में ग्रामीण, मजदूर, किसान, महिलाएं और छात्र नौजवान हिस्सा लेंगे.

"यह रैली केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ बिहार और देश में चल रहे तमाम आंदोलनों के सवालों को मुखरता और पूरी ताकत प्रदान करेगी. यह रैली बुलडोजर राज, विस्थापन, बेरोजगारी और महंगाई के साथ-साथ किसानों के अधिकार और सुरक्षा के सवालों पर केंद्रित होगी जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई पार्टी के नेता संबोधित करेंगे."- दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव, सीपीआईएमएल

पार्टी का 11वां महाधिवेशन: दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इसके बाद फिर 16 फरवरी से 20 फरवरी तक पटना के ऐतिहासिक श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में पार्टी का 11वां महाधिवेशन होगा. महाअधिवेशन के उद्घाटन में तमाम वामपंथी दल के नेता शामिल होंगे. विपक्षी एकता को एकजुट करने के उद्देश्य से 18 फरवरी को महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है जिसमें नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, जीतन राम मांझी जैसे नेता शामिल होंगे.

'बक्सर के किसानों को मिले इंसाफ': बक्सर में हुए किसानों के ऊपर लाठीचार्ज के मुद्दे पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और पार्टी के तमाम विधायकों ने टीम बनाकर घटनास्थल का दौरा किया है. पीड़ित किसानों से बातचीत की है. सरकार ने किसानों से निजी कंपनियों को देने के लिए जमीन अगर ली है तो इसका उचित मुआवजा पहले देना चाहिए. इसके साथ ही धरना दे रहे किसानों के ऊपर हुए मुकदमे को वापस लिया जाए, यह सरकार से मांग करते हैं.

CPI (ML) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

पटना: बिहार में इन दिनों शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर सियासत गरमाई हुई है. रामचरितमानस पर दिए बयान को लेकर महागठबंधन की एक बड़ी घटक दल जदयू शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं महागठबंधन की एक और घटक दल भाकपा माले (सीपीआई एमएल) ने शिक्षा मंत्री के बयान पर कहा है कि बयान किस संदर्भ में कहा गया है, इसपर चर्चा की जा सकती है.

पढ़ें- Ramcharitmanas Controversy: जदयू के दबाव के आगे नहीं झुकी राजद , महा संकट में महागठबंधन..

'कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन जरूरी': सीपीआईएमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है. महागठबंधन के घटक दलों में जो इस प्रकार बयानबाजी चल रही है इसके पीछे का एकमात्र कारण कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन ना होना है. कॉमन मिनिमम एजेंडा तैयार हो ना हो कोआर्डिनेशन कमेटी रहती तो ऐसे बयानों पर नजर रखती.

'कोई भी धार्मिक ग्रंथ आलोचना से नहीं परे': वहीं रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर उन्होंने कहा कि यह शिक्षा मंत्री ने किस संदर्भ में कहा है, यह देखना होगा. लेकिन कोई भी धर्म ग्रंथ आलोचनाओं से परे नहीं है. धर्म ग्रंथ जब लिखा गया है उस समय के कालखंड और सामाजिक स्थिति को देखते हुए लिखा गया है. इस पर बेवजह का विवाद करके भाजपा मुद्दा बना रही है. यह देखना होगा कि किस संदर्भ में शिक्षा मंत्री ने बयान दिया है कि भाजपा ने इस बयान को लपक लिया है. आज शिक्षा मंत्री के बयान पर साधु समाज के लोग भी जीभ काटने वाले को दस करोड़ देने की बातें कह रहे हैं यह निंदनीय है.

15 फरवरी को लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ रैली: दीपांकर भट्टाचार्य ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि 15 फरवरी को गांधी मैदान में लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ रैली का आयोजन किया जाएगा. जिसमें बिहार के तमाम जिलों से हजारों की तादाद में ग्रामीण, मजदूर, किसान, महिलाएं और छात्र नौजवान हिस्सा लेंगे.

"यह रैली केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ बिहार और देश में चल रहे तमाम आंदोलनों के सवालों को मुखरता और पूरी ताकत प्रदान करेगी. यह रैली बुलडोजर राज, विस्थापन, बेरोजगारी और महंगाई के साथ-साथ किसानों के अधिकार और सुरक्षा के सवालों पर केंद्रित होगी जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई पार्टी के नेता संबोधित करेंगे."- दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव, सीपीआईएमएल

पार्टी का 11वां महाधिवेशन: दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इसके बाद फिर 16 फरवरी से 20 फरवरी तक पटना के ऐतिहासिक श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में पार्टी का 11वां महाधिवेशन होगा. महाअधिवेशन के उद्घाटन में तमाम वामपंथी दल के नेता शामिल होंगे. विपक्षी एकता को एकजुट करने के उद्देश्य से 18 फरवरी को महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है जिसमें नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, जीतन राम मांझी जैसे नेता शामिल होंगे.

'बक्सर के किसानों को मिले इंसाफ': बक्सर में हुए किसानों के ऊपर लाठीचार्ज के मुद्दे पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और पार्टी के तमाम विधायकों ने टीम बनाकर घटनास्थल का दौरा किया है. पीड़ित किसानों से बातचीत की है. सरकार ने किसानों से निजी कंपनियों को देने के लिए जमीन अगर ली है तो इसका उचित मुआवजा पहले देना चाहिए. इसके साथ ही धरना दे रहे किसानों के ऊपर हुए मुकदमे को वापस लिया जाए, यह सरकार से मांग करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.