पटना: बिहार के समस्तीपुर जिले के विद्यापति नगर प्रखंड के मऊ गांव में बीते दिनों हृदय विदारक घटना घटी. जिसमें कर्ज के बोझ तले एक परिवार के 5 सदस्यों ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली (Five People Hanged Together In Samastipur). इस घटना के अगले दिन 6 जून को भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya on Samastipur Mass Suicide Case) के नेतृत्व में सात सदस्यीय कमेटी घटनास्थल पर परिजनों से मिलने पहुंचे और मिलकर के घटना के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की. मृतक मनोज झा के परिजनों से मिलकर आने के बाद मंगलवार को छज्जू बाग स्थित भाकपा माले कार्यालय में दीपांकर भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता किया और घटना के संबंध में जानकारी दी.
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दोषियों पर कार्रवाई की मांग: मीडिया से बात करते हुए भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 'यह पूरा का पूरा मामला कर्ज की फांस का है. प्रदेश में एक बार फिर से साहूकारों और सूदखोरों का वर्चस्व बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे मृतक मनोज झा के बड़ी बेटी काजल और उसके पति से घटनास्थल पर पहुंचकर बात की. जिसके बाद परिजनों ने बताया कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. मनोज झा की मां जो सही से खड़ा होने में असमर्थ थी और दो छोटे बच्चे सभी का एक साथ एक छोटे कमरे में फांसी लगा लिया जाना और आसपास किसी को सूचना भी नहीं मिलना, मामला संदेहास्पद है.' उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करते हैं कि प्रशासन इस पूरे मामले की जांच करें और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें.
6 माह पहले मनोज झा के पिता ने किया था आत्महत्या: दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि जब वह गांव में मनोज झा की बेटी और गांव के आसपास के लोगों से मिले तो पता चला कि मनोज झा को पड़ोसी गांव के दबंग मुन्नू झा ने लगभग 3 लाख रुपये कर्ज दिया था. जिसका ब्याज बढ़कर ज्यादा हो गया था. मन्नु झा 18 लाख रुपये की मांग कर रहा था. उसकी प्रताड़ना से तंग आकर 6 महीने पहले मनोज झा के पिता रविकांत झा ने खुदकुशी कर ली थी, लेकिन उसके बाद भी मुन्नु झा नहीं माना. गांव के लोगों ने बताया कि मुन्नू झा लगातार मनोज झा के परिजनों को प्रताड़ित कर रहा था. उसके जमीन और घर के सभी कागजात मुन्नू झा ने छीन लिए थे. ओने पौने भाव पर ऑटो रिक्शा और पिकअप वैन बिकवा दिया था.
"मनोज झा जब खाना खाते थे तो मुन्नू झा आकर थाली छीन लेता था और गैस का चूल्हा लेकर के जब्त कर लेता था. मनोज झा पर प्रताड़ना की पराकाष्ठा पार कर चुकी थी. अब मनोज झा की दो बेटियां बची है. जिसकी शादी हाल ही में संपन्न हुई है. मैं सरकार से मांग करता हूं कि बेटियों के बयान के आधार पर प्रशासन संज्ञान ले और कार्रवाई करे. 1 सप्ताह पूर्व मनोज झा की मां सीता देवी अपने दो छोटे पोते शिवम कुमार और सत्यम कुमार के साथ प्रताड़ना का आवेदन लेकर के थाने में पहुंची थी. लेकिन, थाना ने कोई संज्ञान नहीं लिया और कर्ज का मामला बताकर थाने से भगा दिया. हाल ही में जो केंद्र सरकार के तरफ से राशन कार्ड से नाम हटाए जा रहे हैं. इसी क्रम में इस परिवार का भी राशन कार्ड से नाम हटाया गया है."- दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा माले
समस्तीपुर की घटना एक संकेत: माले नेता ने कहा कि समस्तीपुर के मऊ की घटना एक संकेत है. सरकार को अभी से ही सचेत हो जाना चाहिए और सूदखोरों पर लगाम लगाना चाहिए. बिहार में शुदखोरी बैन है. प्रदेश में आज के समय अधिकांश परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और साहूकारों और बैंक के कर्ज तले परेशान है. सरकार को चाहिए कि गरीब किसानों और मजदूरों के 5 लाख तक के कर्ज माफ कर दिए जाएं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि बड़े कर्ज लेने वालों का बैंक पीछा करें, छोटे कर्ज लेने वालों को परेशान ना करें. माले नेता ने कहा कि 11 जून को भाकपा माले बिहार भर में कर्ज माफी को लेकर आंदोलन करेगा और उनकी मांग यह भी है कि जितने भी परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए गए हैं, फिर से बहाल किया जाए. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, विधायक महबूब आलम, विधायक संदीप सौरभ, और पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा मौजूद रहे.
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