पटना: पुलिस मुख्यालय ने गिरफ्तारी को लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी किया है. डीजीपी ने इस संबंध में सभी एसपी, डीआईजी और आईजी को पत्र भेजकर अवगत कराया है.
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गिरफ्तारी को लेकर विस्तृत गाइडलाइन
बिहार के डीजीपी ने अपने निर्देश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है. निर्देश में कहा गया है कि धारा 498 ए आईपीसी तथा 7 वर्ष से कम कारावास के मामले में अभियुक्त को सीधे गिरफ्तारी करने के बजाय पहले धारा 41 दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता के संबंध में पुलिस अधिकारी संतुष्ट हो लेंगे. बिहार के डीजीपी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक बिहार पुलिस द्वारा बिना वारंट गिरफ्तारी की शक्ति संबंधित प्रावधान धारा 41 दंड प्रक्रिया संहिता में अधिनियम 2008 एवं दंड प्रक्रिया संहिता अधिनियम 2010 के माध्यम से संशोधन हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
धारा 41 के प्रावधानों के अनुसार चेक लिस्ट योग करते हुए संतुष्ट होकर ही अभियुक्त की गिरफ्तारी करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा तीसरा प्रावधान है कि धारा 41 के विभिन्न उक्त उप धारा के प्रावधानों के तहत पुलिस द्वारा अगर किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी आवश्यक नहीं समझी जाए तो प्राथमिकी अंकित होने के 2 सप्ताह के भीतर संबंधित न्यायालय को ऐसे भी उसका विवरण भेज दें. साथ ही साथ 2 सप्ताह की अवधि पुलिस अधीक्षक द्वारा बढ़ाई जा सकती है.
इन नियमों का करना होगा पालन
डीजीपी ने आदेश में कहा कि जिन अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की गई उनकी विवरण की समीक्षा प्रत्येक मासिक अपराध समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक द्वारा आवश्यक रूप से की जाएगी. धारा 41 के प्रावधान दंड प्रक्रिया संहिता के अन्य प्रावधानों पर अधिक प्रभावी नहीं होते हैं.