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पटना: कार्तिक एकादशी को पुण्य स्नान के लिए गंगा तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

कार्तिक माह के एकादशी के दिन सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. जैसे-जैसे कार्तिक महिना बढ़ रहा है वैसे-वैसे भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही हैं. हर सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना की.

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Published : Oct 24, 2019, 10:46 AM IST

कार्तिक एकादशी

पटना: शरद पूर्णिमा के समाप्त होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक महिलाएं गंगा स्नान और पूजा-पाठ करती है. धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार 12 महीनों में कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण होता है. इस महीने में लक्ष्मी पूजा, छठ पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते है, इसलिए इस महीने को त्यौहार का महीना भी कहा जाता है.

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कार्तिक माह के एकादशी के दिन सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. जैसे-जैसे कार्तिक महिना बढ़ रहा है वैसे-वैसे भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही हैं. हर सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना की. वहीं, स्थानीय लोगों ने घाटों पर पूजा-पाठ, श्रृंगार सहित कई तरह के दुकानें लगाई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

महिलाओं ने सुनी कथा

कार्तिक पूर्णिमा एकादशी के दिन महिलाओं ने स्नान कर पूजा पाठ करने के साथ हि आज एकादशी का कथा सुनी. महिलाएं आज एकादशी का उपवास भी रखेंगी. मंदिर के पुजारी शंभू प्रसाद ने कहा कि कार्तिक महीना में एकादशी का दिन सबसे पवित्र दिन माना जाता है. आज के दिन दूर-दूर गांव से लोग गंगा स्नान के लिए घाटों पर आते हैं.

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पूजा-अर्चना करती महिलाएं

स्नान करने का है महत्व

कार्तिक माह में उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का बड़ा महत्व है. यहां कई श्रद्धालु एक महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़, उमा नाथधाम, और बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और एक महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

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कथा सुनती महिलाएं

पटना: शरद पूर्णिमा के समाप्त होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक महिलाएं गंगा स्नान और पूजा-पाठ करती है. धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार 12 महीनों में कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण होता है. इस महीने में लक्ष्मी पूजा, छठ पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते है, इसलिए इस महीने को त्यौहार का महीना भी कहा जाता है.

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कार्तिक माह के एकादशी के दिन सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. जैसे-जैसे कार्तिक महिना बढ़ रहा है वैसे-वैसे भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही हैं. हर सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना की. वहीं, स्थानीय लोगों ने घाटों पर पूजा-पाठ, श्रृंगार सहित कई तरह के दुकानें लगाई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

महिलाओं ने सुनी कथा

कार्तिक पूर्णिमा एकादशी के दिन महिलाओं ने स्नान कर पूजा पाठ करने के साथ हि आज एकादशी का कथा सुनी. महिलाएं आज एकादशी का उपवास भी रखेंगी. मंदिर के पुजारी शंभू प्रसाद ने कहा कि कार्तिक महीना में एकादशी का दिन सबसे पवित्र दिन माना जाता है. आज के दिन दूर-दूर गांव से लोग गंगा स्नान के लिए घाटों पर आते हैं.

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पूजा-अर्चना करती महिलाएं

स्नान करने का है महत्व

कार्तिक माह में उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का बड़ा महत्व है. यहां कई श्रद्धालु एक महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़, उमा नाथधाम, और बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और एक महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

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कथा सुनती महिलाएं
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Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

कार्तिक माह के एकादशी के दिन आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी जैसे-जैसे कार्तिक माह बढ़ रही हो और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है वैसे उसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है। वही महिला श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के किनारे माता गंगा की पूजा अर्चना की गीत गाए।

कार्तिक पूर्णिमा के एकादशी को लेकर महिलाएं आज एकादशी की कथा सुन रही है। वहीं कई महिलाएं आज उपवास रखेंगी कई महिलाएं आज निर्जला उपवास रखेंगे।कार्तिक महीना में एकादशी का सबसे पवित्र दिन माना जाता है आज ही दूर-दूर गांव से लोग गंगा स्नान के लिए गंगा घाटों पर पहुंचते हैं।

सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- शंभू प्रसाद l (सीढ़ी घाट एवं शनि मंदिर के पुजारी)
वाइट- राजीव कुमार (श्रद्धालु)




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