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पटना: अगहन मास की एकादशी शनिवार को लेकर घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - एकादशी शनिवार पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि एकादशी में गंगा स्नान करना बहुत पवित्र होता है. इस दिन दान-पुण्य भी किया जाता है. इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि एकादशी में गंगा स्नान और उपवास करने से उनके परिवार में सुख-समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है.

एकादशी शनिवार पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Nov 23, 2019, 10:37 AM IST

पटना: बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट में स्थित बाल शनिधाम में शनिवार को अगहन मास के एकादशी शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शनिवार होने की वजह से यहां भक्तों की भीड़ और बढ़ गई. शनिवार बाल धाम में श्रद्धालु काला कपड़ा पहनकर पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. बाल शनि धाम प्रशासन की ओर से शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई.

गंगा स्नान को लेकर भक्तों की उमड़ी भीड़
अगहन मास की एकादशी पर भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते-फूल सहित विशेष प्रकार से उनकी पूजा की गई. इस दौरान गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को श्रद्धालु सुबह दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचे. वहीं, कई लोग यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए भी शनिवार को आते हैं.

devotees gathered on  Ekadashi Saturday in patna
भक्तों की उमड़ी भीड़

ये भी पढ़ें: बेगूसराय: चोरी के बाद भीड़ के हत्थे चढ़े चोर, फिर लोगों ने कुछ ऐसे कर दी धुनाई

शनि भगवान की छाया का होता है दर्शन
सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा द्वारा बाल शनिधाम की स्थापना की गई थी. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती थी. यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है. यहां शनि भगवान के छाया का दर्शन होता है. नागा बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता हैं. भगवान शिव के द्वारा इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है. जिसके कारण हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं,उसका क्या न्याय और दंड होना है यह शनि भगवान तय करते हैं.

एकादशी शनिवार पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पवित्र माना जाता है गंगा स्नान
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि एकादशी में गंगा स्नान करना बहुत पवित्र होता है. इस दिन दान-पुण्य भी किया जाता है. इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि एकादशी में गंगा स्नान और उपवास करने से उनके परिवार में सुख-समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है.

पटना: बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट में स्थित बाल शनिधाम में शनिवार को अगहन मास के एकादशी शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शनिवार होने की वजह से यहां भक्तों की भीड़ और बढ़ गई. शनिवार बाल धाम में श्रद्धालु काला कपड़ा पहनकर पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. बाल शनि धाम प्रशासन की ओर से शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई.

गंगा स्नान को लेकर भक्तों की उमड़ी भीड़
अगहन मास की एकादशी पर भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते-फूल सहित विशेष प्रकार से उनकी पूजा की गई. इस दौरान गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को श्रद्धालु सुबह दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचे. वहीं, कई लोग यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए भी शनिवार को आते हैं.

devotees gathered on  Ekadashi Saturday in patna
भक्तों की उमड़ी भीड़

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शनि भगवान की छाया का होता है दर्शन
सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा द्वारा बाल शनिधाम की स्थापना की गई थी. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती थी. यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है. यहां शनि भगवान के छाया का दर्शन होता है. नागा बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता हैं. भगवान शिव के द्वारा इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है. जिसके कारण हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं,उसका क्या न्याय और दंड होना है यह शनि भगवान तय करते हैं.

एकादशी शनिवार पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पवित्र माना जाता है गंगा स्नान
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि एकादशी में गंगा स्नान करना बहुत पवित्र होता है. इस दिन दान-पुण्य भी किया जाता है. इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि एकादशी में गंगा स्नान और उपवास करने से उनके परिवार में सुख-समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है.

Intro:


Body:बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट में स्थित बाल शनिधाम में आज अगहन मास के एकादशी शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आज शनिवार होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई। शनिवार बाल धाम में को काला ड्रेस पहन कर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते है। महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई।वहीं स्थानीय लोगों द्वारा सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल के दुकान लगाए गए। वही बाल शनिधाम प्रशासन द्वारा शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की गई।

आज अगहन मास की एकादशी शनिवार के कारण बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई आज भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते फूल सहित विशेष प्रकार से आज पूजा की गई। वह गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई। कार्तिक माह के अंतिम शनिवार को सुबह दूर-दूर से लोग आकर दर्शन करने श्रद्धालु पहुंचे जबकि शाम को तो मेला के रूप में परिवर्तित हो जाता है। वही लोग यहां तिल के तेल के दीए जलाने के लिए शनिवार को जरूर आते हैं। सुदूर गांव से लोग भगवान शनि की पूजा करने के लिए शनिवार को यहां श्रद्धालु जुटते हैं।

सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था। 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा द्वारा बाल शनिधाम की स्थापना की गई। जहां शनि भगवान के बाल रूप का पूजा किया जाता है। यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है यहां शनि भगवान का छाया दर्शन होता है। नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है।वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित किया। नागा का बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता है। भगवान शिव के द्वारा इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है। जिसके कारण हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं।उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं।

वाइट- शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा (मंदिर के संस्थापक)

बाइक- निखिल कुमार शिव भक्त


Conclusion:
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