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पटना: तृतीया तिथि पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ - patna news

अलखनाथ घाट पर बुधवार को स्नान और पूजा-पाठ के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.इस दौरान महिला श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई. उन्होंने माता गंगा की पूजा अर्चना के साथ अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना भी की.

तृतीया तिथि पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
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Published : Oct 30, 2019, 9:53 AM IST

पटना: गुरुवार से लोकमहापर्व कार्तिक छठ की शुरूआत हो रही है. इस महीने में गंगा स्नान का काफी महत्व है. जिले के घाटों पर बुधवार को तृतीया तिथि होने से गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. इस कड़ी में अलखनाथ घाट पर श्रद्धालुओं ने सुबह- सुबह स्नान और पूजा-पाठ किया.

परिवार की सुख-समृद्धि की कामना
स्थानीय लोगों ने पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाई हैं. यहां भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. छठ नजदीक आते ही पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है. इस दौरान महिला श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई. उन्होंने माता गंगा की पूजा अर्चना के साथ अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना भी की.

तृतीया तिथि पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कार्तिक सबसे पवित्र महीना
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है. जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यह सबसे पवित्र महीना माना जाता है. मान्यता है कि सारे देवी-देवताआ 1 महीने तक पृथ्वी पर रहते हैं.

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पूजा करती महिलाएं

पटना: गुरुवार से लोकमहापर्व कार्तिक छठ की शुरूआत हो रही है. इस महीने में गंगा स्नान का काफी महत्व है. जिले के घाटों पर बुधवार को तृतीया तिथि होने से गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. इस कड़ी में अलखनाथ घाट पर श्रद्धालुओं ने सुबह- सुबह स्नान और पूजा-पाठ किया.

परिवार की सुख-समृद्धि की कामना
स्थानीय लोगों ने पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाई हैं. यहां भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. छठ नजदीक आते ही पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है. इस दौरान महिला श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई. उन्होंने माता गंगा की पूजा अर्चना के साथ अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना भी की.

तृतीया तिथि पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कार्तिक सबसे पवित्र महीना
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है. जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यह सबसे पवित्र महीना माना जाता है. मान्यता है कि सारे देवी-देवताआ 1 महीने तक पृथ्वी पर रहते हैं.

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पूजा करती महिलाएं
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Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

कार्तिक माह के तृतीय एवं कल से प्रारंभ हो रहे छठ महापर्व के नहाए खाए को लेकर आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी जैसे-जैसे कार्तिक माह बढ़ रही हो और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए वही कल से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है वैसे उसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है। वही महिला श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के किनारे माता गंगा की पूजा अर्चना की।


सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- आनंद मोहन पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




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