पटना : अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा. अब उनकी सदस्यता पर भी खतरा मंडराने लगा है. तेजस्वी यादव की मानें तो उनपर पार्टी सख्त एक्शन लेगी, लेकिन उससे पहले उन्हें 15 दिन का समय कारण बताने के लिए दिया है. तेजस्वी यादव ने बताया कि उनकी पार्टी का संविधान है कि जिससे भी स्पष्टीकरण मांगा जाता है उसे 14 दिन का समय दिया जाता है. इसलिए उन्होंने मीडियाकर्मियों को उनके जवाब तक कार्रवाई का इंतजार करने को कहा है.
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''पार्टी के संविधान में है कि 14 दिन का समय दिया जाता है तो उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है. कोई गड़बड़ बात करेगा तो पार्टी देखेगी की नहीं'' - तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
नीतीश के नीतियों की आलचोना पड़ी भारी: गौरतलब हो कि आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह अपने बयान बाजियों के चलते महागठबंधन की सरकार को मुश्किलों में डाल रहे थे. इसी वजह से उन्हें अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ा. उन्होंने डायरेक्ट सीएम नीतीश पर ही हमला किया, उन्हें कभी शिखंडी तो कभी लुटेरों का सरदार कहकर संबोधित किया. खगड़िया की जनसभा में किसानों को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा था कि बिहार में न्याय का शासन नहीं बल्कि लूट का ऐसा मॉडल है जो सत्ता संरक्षित है. नीतीश की नीतियों की आलोचना करने की वजह से सुधाकर सिंह को मंत्री पद गंवाना पड़ा.
सुधाकर सिंह को दिए नोटिस में क्या था? : आरजेडी ने नोटिस में कहा था कि गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया. राजद के अधिवेशन में जो प्रस्ताव पास हुआ था उसमें गठबंधन के मामलों में सिर्फ लालू यादव के अलावा तेजस्वी यादव को ही बयान के लिए अधिकृत किया गया था. लेकिन इस प्रस्ताव का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है. इस बयान से उन ताकतों को बल मिल रहा है जो संविधान को रौंदकर न्याय, सौहार्द और समानता की पैरोकारी को समाप्त करना चाहते हैं. आपके बयान से देश और प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय जनता दल के एक बड़े वर्ग को आहत कर रहे हैं.