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बोले तेजस्वी- केंद्र ने 8 सालों में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का उपकरण बना दिया

बिहार में हमेशा ही जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर सियासत होती रही है. हाल ही में बिहार में सीबीआई की एंट्री को लेकर काफी बवाल भी मचा था. इस बीच उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि 8 सालों में इसका दुरुपयोग किया गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Deputy CM Tejashwi
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Published : Aug 31, 2022, 1:41 PM IST

Updated : Aug 31, 2022, 1:53 PM IST

पटना : केन्द्रीय एजेंसियों को लेकर बिहार में लगातार राजनीति हो रही है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने बीते 8 वर्ष में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बना दिया है. 8 साल पूर्व देशवासियों ने इनकी इंटेग्रिटी व कार्यप्रणाली पर इस तरह के सवाल कभी नहीं उठाए (Central Government Misuse agencies) थे. अभी हमारा CBI से विरोध Institution से नहीं बल्कि इनकी राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है.

ये भी पढ़ें - मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश, हम डरने वाले नहीं हैं, बोले तेजस्वी

'भाजपा ज्वाइन की वो पवित्रता का प्रमाण पत्र' : तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''बीते 8 वर्षों में विपक्ष के कई नेताओं पर इसी IT/ED/CBI के माध्यम से छापे पड़े. ढेर सारे आरोप तय हुए, गोदी मीडिया के माध्यम से चरित्रहनन हुआ लेकिन जैसे ही उन कथित भ्रष्ट विपक्षी नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की वो पवित्रता का प्रमाण पत्र पा गए. कोई मंत्री बन गया तो कोई मुख्यमंत्री बन गया.''

  • केंद्र सरकार ने बीते 8 वर्ष में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बना दिया है। 8 साल पूर्व देशवासियों ने इनकी इंटेग्रिटी व कार्यप्रणाली पर इस तरह के सवाल कभी नहीं उठाए थे। अभी हमारा CBI से विरोध Institution से नहीं बल्कि इनकी राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है।

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अगले ट्वीट में उप मुख्यमंत्री ने लिखा, ''एजेन्सी के अधिकारियों से हमारा न कभी विरोध था और ना है. हम जानते है कि ये आदेश का अनुपालन कर रहे है. लेकिन CBI का इस्तेमाल राजनीतिक instrument की तरह जो हो रहा है उसका हम विरोध करते रहेंगे. हमारे यहां संविधान को मानने वाली न्यायप्रिय समाजवादी सरकार है जहां हर कोई सुरक्षित है.''

बिहार में सीबीआई की नो एंट्री पर क्या बोले शिवानंद तिवारी : बता दें कि दो दिन पहले ही आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी बिहार में सीबीआई (RJD Leader Shivanand Tiwary On CBI) जांच की अनुमति देने से पहले सोच विचार करने की सलाह दी थी. हालांकि उन्होंने कहा कि, यह फैसला सरकार के स्तर पर होगा और मेरी राय है कि सरकार को यह फैसला लेना चाहिए.

"यह प्रावधान है कि जांच एजेंसी को जांच के लिए राज्य से कंसेंट लेना होता है, हमारी भी व्यक्तिगत राय है कि जिस तरह से सीबीआई के दुरुपयोग को देखते हुए 9 राज्यों ने दी गई कंसेंट वापस ले ली है, बिहार को भी वापस ले लेना चाहिए ताकि केंद्र सरकार राज्य सरकार को परेशान नहीं कर सके. आज हमलोग देख रहे हैं कि परेशान किया जा रहा है." - शिवानंद तिवारी, वरिष्ठ नेता, आरजेडी

यह फैसला तो सरकार के स्तर पर होगा- कुशवाहा : दूसरी तरफ जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha on CBI) ने कहा कि महागठबंधन के घटक दल के नेताओं की बैठक में सीबीआई को लेकर ऐसा कोई फैसला हुआ है, मेरी जानकारी में नहीं है और यह फैसला तो सरकार के स्तर पर होगा. अब शिवानंद तिवारी किस आधार पर बयान दे रहे हैं, मेरी जानकारी में नहीं है.

पटना : केन्द्रीय एजेंसियों को लेकर बिहार में लगातार राजनीति हो रही है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने बीते 8 वर्ष में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बना दिया है. 8 साल पूर्व देशवासियों ने इनकी इंटेग्रिटी व कार्यप्रणाली पर इस तरह के सवाल कभी नहीं उठाए (Central Government Misuse agencies) थे. अभी हमारा CBI से विरोध Institution से नहीं बल्कि इनकी राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है.

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'भाजपा ज्वाइन की वो पवित्रता का प्रमाण पत्र' : तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''बीते 8 वर्षों में विपक्ष के कई नेताओं पर इसी IT/ED/CBI के माध्यम से छापे पड़े. ढेर सारे आरोप तय हुए, गोदी मीडिया के माध्यम से चरित्रहनन हुआ लेकिन जैसे ही उन कथित भ्रष्ट विपक्षी नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की वो पवित्रता का प्रमाण पत्र पा गए. कोई मंत्री बन गया तो कोई मुख्यमंत्री बन गया.''

  • केंद्र सरकार ने बीते 8 वर्ष में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बना दिया है। 8 साल पूर्व देशवासियों ने इनकी इंटेग्रिटी व कार्यप्रणाली पर इस तरह के सवाल कभी नहीं उठाए थे। अभी हमारा CBI से विरोध Institution से नहीं बल्कि इनकी राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है।

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अगले ट्वीट में उप मुख्यमंत्री ने लिखा, ''एजेन्सी के अधिकारियों से हमारा न कभी विरोध था और ना है. हम जानते है कि ये आदेश का अनुपालन कर रहे है. लेकिन CBI का इस्तेमाल राजनीतिक instrument की तरह जो हो रहा है उसका हम विरोध करते रहेंगे. हमारे यहां संविधान को मानने वाली न्यायप्रिय समाजवादी सरकार है जहां हर कोई सुरक्षित है.''

बिहार में सीबीआई की नो एंट्री पर क्या बोले शिवानंद तिवारी : बता दें कि दो दिन पहले ही आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी बिहार में सीबीआई (RJD Leader Shivanand Tiwary On CBI) जांच की अनुमति देने से पहले सोच विचार करने की सलाह दी थी. हालांकि उन्होंने कहा कि, यह फैसला सरकार के स्तर पर होगा और मेरी राय है कि सरकार को यह फैसला लेना चाहिए.

"यह प्रावधान है कि जांच एजेंसी को जांच के लिए राज्य से कंसेंट लेना होता है, हमारी भी व्यक्तिगत राय है कि जिस तरह से सीबीआई के दुरुपयोग को देखते हुए 9 राज्यों ने दी गई कंसेंट वापस ले ली है, बिहार को भी वापस ले लेना चाहिए ताकि केंद्र सरकार राज्य सरकार को परेशान नहीं कर सके. आज हमलोग देख रहे हैं कि परेशान किया जा रहा है." - शिवानंद तिवारी, वरिष्ठ नेता, आरजेडी

यह फैसला तो सरकार के स्तर पर होगा- कुशवाहा : दूसरी तरफ जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha on CBI) ने कहा कि महागठबंधन के घटक दल के नेताओं की बैठक में सीबीआई को लेकर ऐसा कोई फैसला हुआ है, मेरी जानकारी में नहीं है और यह फैसला तो सरकार के स्तर पर होगा. अब शिवानंद तिवारी किस आधार पर बयान दे रहे हैं, मेरी जानकारी में नहीं है.

Last Updated : Aug 31, 2022, 1:53 PM IST
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