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संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा विभाग है तैयार- रेणु देवी - Deputy CM Renu Devi

राजधानी पटना (Patna) में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए पश्चिम चंपारण में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की दो टीमें तैनात की गई हैं.

पटना
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Published : Jun 23, 2021, 10:17 PM IST

पटना: बिहार सरकार की आपदा प्रबंधन विभाग की मंत्री सह उप मुख्यमंत्री रेणु देवी (Deputy CM Renu Devi) ने बाढ़ की स्थिति को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह में नेपाल में स्थित गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बिहार में अधिक बारिश होने के कारण वाल्मीकि नगर गंडक बराज पर नदी का जलस्तर बढ़ गया था.

इस वजह से गंडक नदी में पानी भरने से बिहार के 4 जिले पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज और सारण के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है. 4 जिलों में कुल 15 प्रखंडों के निचले इलाके आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. पश्चिम चंपारण जिले के 2 प्रखंड, बगहा के 2, पूर्वी चंपारण के 4 प्रखंड, गोपालगंज के 6 प्रखंड और सारण जिले के 3 प्रखंड शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में बाढ़ पर राहुल गांधी को नीतीश के मंत्री ने दिया जवाब- 'हकीकत जानने में आपको दिलचस्पी नहीं'

बाढ़ से निपटने की तैयारी
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मिली सूचना के मुताबिक बाढ़ से निपटने के लिए पश्चिम चंपारण में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. गोपालगंज जिले में एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की एक टीम और सारण जिले में एसडीआरएफ की एक टीम की तैनाती की गई है.

जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ से प्रभावित लगभग 8500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जिसमें 35 नावों का परिचालन किया जा रहा है. वर्तमान में गोपालगंज जिले में एक सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 1900 लोगों को भोजन कराया जा रहा है. बाढ़ की वजह से अब तक एक भी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है.

बाढ़ की स्थिति में हो रहा सुधार
आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर घटने से बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है. बारिश और वज्रपात से संबंधित किसी प्रकार की चेतावनी प्राप्त होने पर तुरंत सभी जिलों को सूचित किया जाता है. आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है.

उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. जरुरत के हिसाब से सामुदायिक रसोई चलाई जाएगी. सभी ऊंचे स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है. संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा विभाग ने पहले ही पुल पुलिया की मरम्मती करा ली है उम्मीद है इस बार आपदा की घड़ी में ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

ये भी पढ़ें- बिहार के 09 जिलों में बाढ़ की आशंका, NDRF की 10 टीमें तैनात

चलाया जायेगा जन जागरुकता अभियान
वहीं बाढ़ से पहले एनडीआरएफ की सभी टीमें सम्‍बंधित तैनाती वाले जिलों में जन जागरूकता अभियान तथा आपदा विषय पर स्कूलों में प्रशिक्षण व मॅाक ड्रील करेंगी.

आम जनता को बाढ़ से पहले की तैयारी, बाढ़ से बचाव, सर्पदंश प्रबंधन, अस्पताल पूर्व चिकित्सा तथा सुरक्षात्मक कार्रवाईयों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देंगी.

पटना: बिहार सरकार की आपदा प्रबंधन विभाग की मंत्री सह उप मुख्यमंत्री रेणु देवी (Deputy CM Renu Devi) ने बाढ़ की स्थिति को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह में नेपाल में स्थित गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बिहार में अधिक बारिश होने के कारण वाल्मीकि नगर गंडक बराज पर नदी का जलस्तर बढ़ गया था.

इस वजह से गंडक नदी में पानी भरने से बिहार के 4 जिले पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज और सारण के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है. 4 जिलों में कुल 15 प्रखंडों के निचले इलाके आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. पश्चिम चंपारण जिले के 2 प्रखंड, बगहा के 2, पूर्वी चंपारण के 4 प्रखंड, गोपालगंज के 6 प्रखंड और सारण जिले के 3 प्रखंड शामिल हैं.

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बाढ़ से निपटने की तैयारी
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मिली सूचना के मुताबिक बाढ़ से निपटने के लिए पश्चिम चंपारण में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. गोपालगंज जिले में एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की एक टीम और सारण जिले में एसडीआरएफ की एक टीम की तैनाती की गई है.

जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ से प्रभावित लगभग 8500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जिसमें 35 नावों का परिचालन किया जा रहा है. वर्तमान में गोपालगंज जिले में एक सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 1900 लोगों को भोजन कराया जा रहा है. बाढ़ की वजह से अब तक एक भी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है.

बाढ़ की स्थिति में हो रहा सुधार
आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर घटने से बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है. बारिश और वज्रपात से संबंधित किसी प्रकार की चेतावनी प्राप्त होने पर तुरंत सभी जिलों को सूचित किया जाता है. आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है.

उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. जरुरत के हिसाब से सामुदायिक रसोई चलाई जाएगी. सभी ऊंचे स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है. संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा विभाग ने पहले ही पुल पुलिया की मरम्मती करा ली है उम्मीद है इस बार आपदा की घड़ी में ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

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चलाया जायेगा जन जागरुकता अभियान
वहीं बाढ़ से पहले एनडीआरएफ की सभी टीमें सम्‍बंधित तैनाती वाले जिलों में जन जागरूकता अभियान तथा आपदा विषय पर स्कूलों में प्रशिक्षण व मॅाक ड्रील करेंगी.

आम जनता को बाढ़ से पहले की तैयारी, बाढ़ से बचाव, सर्पदंश प्रबंधन, अस्पताल पूर्व चिकित्सा तथा सुरक्षात्मक कार्रवाईयों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देंगी.

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