पटना: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) को लेकर पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने कमर कस ली है. अर्धसैनिक बल के इस्तेमाल नहीं होने से अब बिहार पुलिस और होमगार्ड जवानों (Bihar Police and Home Guard Jawans) के कंधों पर इलेक्शन की पूरी जिम्मेदारी आ गई है. हर चरण में करीबन एक लाख पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. पहले चरण में 2119 बूथों पर करीब 30,000 होमगार्ड और 60 से 65 हजार बिहार पुलिस के पदाधिकारियों कर्मी तैनात रहेंगे.
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पंचायत चुनाव में संवेदनशील बूथों और नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की कंपनियों की तैनाती की जाएगी, ताकि आम इंसान भयमुक्त और शांतिपूर्ण (Fearless and peaceful) तरीके से अपने मतों का प्रयोग कर सकें.
पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में होमगार्ड के जवानों की प्रतिनियुक्ति होगी. उन्हें मतदान के हर चरण में तैनात किया जाएगा बिहार में 11 चरणों में मतदान होना है. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार प्रत्येक चरण में करीब 100000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे.
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 42000 होमगार्ड जवानों में से 30000 होमगार्ड जवान की तैनाती पंचायत चुनाव के हर चरण में की जाएगी. यानी कि हर चरण में 12000 होमगार्ड को ड्यूटी से अलग रखा जाएगा. वहीं बिहार पुलिस में करीब 80,000 की क्षमता है, जिसमें से 60 से 65 हजार पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को पंचायत चुनाव में लगाया जाएगा.
दरसल कोरोना काल के दौरान पिछले वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन पंचायत चुनाव में अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. बिहार पुलिस और होमगार्ड के जवान ही चुनाव कराएंगे. इसके अलावे पुलिस मुख्यालय के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार संवेदनशील और नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल्कि कंपनियों को तैनात किया जाएगा.
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पंचायत चुनाव के पूर्व में ही पुलिस मुख्यालय ने अभियान चलाकर असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, जिनमें से कई लोगों की गिरफ्तारी कई जिलों में की गई है. ऐसे असामाजिक तत्व से चुनाव प्रभावित हो सकता है. चुनाव के पूर्व या चुनाव के दौरान यह चुनाव के बाद भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. सभी थानाध्यक्ष को अपने क्षेत्र के असामाजिक तत्वों को गुंडा रजिस्टर में बॉन्ड भरवाया जा रहा है ताकि उनके द्वारा किसी भी तरह की अशांति ना फैलाई जा सके.
चुनाव के मद्देनजर अभियान चलाकर शराब व्यवसायी को पकड़ने की कवायद की जा रही है. वहीं राजधानी पटना बिहार के अन्य जिलों में वाहन चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा कंट्रोल रूम बनाकर पूरी तरह से मॉनिटरिंग की जा रही है. राज निर्वाचन आयोग द्वारा जैसे-जैसे पुलिस मुख्यालय को निर्देश प्राप्त हो रहा है, वैसे-वैसे कार्य कर रही है. पिछले दिनों एक ही स्थान पर 3 सालों से जमे कई आईपीएस अधिकारियों डीएसपी से लेकर नीचे के अधिकारियों तक का ट्रांसफर भी किया गया है.