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बिहार में डेंगू के डेन-वी टाइप 2 स्ट्रेन का कहर, मरीजों को हो रही आंखों में समस्या - GIMS के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल

बिहार में मौत का मच्छर यानी डेंगू का कहर (Bihar Dengue Cases) जारी है. इस बार डेंगू के मामलों ने बीते सात साल का रिकार्ड तोड़ा है. ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों से सैंपल लिए गए. रिसर्च में डेंगू के स्ट्रेन डेन-वी टाइप 2 की बहुलता देखने को मिली.

बिहार में डेंगू का कहर
बिहार में डेंगू का कहर
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Published : Nov 4, 2022, 10:38 PM IST

पटना: बिहार में इस बार डेंगू के नए मामलों ने बीते 7 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. खासतौर पर पटना में डेंगू के सैकड़ों मामले सामने आए. जब डेंगू पीक पर था, तब पॉजिटिविटी रेट 60 से 65 फीसदी दर्ज किया गया. प्रदेश के लगभग सभी जिलों में डेंगू के मामले मिले. ऐसे में डेंगू के वेरिएंट का पता लगाने को लेकर पटना के आईजीआईएमएस में डेंगू के 70 से अधिक सैंपल की सीरो टाइपिंग (Variants of Dengu Found In Research) की गई. रिसर्च में डेंगू के स्ट्रेन डेन-वी टाइप टू की बहुलता देखने को मिली. इसके अलावा 2-4 सैंपल में टाइप 1 और टाइप 3 स्ट्रेन भी मिला.

यह भी पढ़ें: ठंड बढ़ी लेकिन कम नहीं हो रहे बिहार में डेंगू केस, पटना में सभी रिकॉर्ड टूटे

डेंगू का कई वैरिएंट मिला: IGIMS के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल (IGIMS Superintendent Dr Manish Mandal) ने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू के मामले अब धीरे-धीरे घटने शुरू हो गए हैं. कुछ दिनों पहले डेंगू का पॉजिटिविटी डेट जहां 65 फ़ीसदी तक चला गया था, वहीं अब यह 20% से 25% तक आ गया है. वातावरण में तापमान कम होने से डेंगू का प्रकोप कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में जिस प्रकार कोरोना के समय वायरस के वेरिएंट पता लगाने के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग किया गया था, उसी प्रकार डेंगू के वैरिएंट का पता लगाया गया है.

डेन-वी टाइप टू वैरिएंट की बहुलता: उन्होंने बताया कि सभी जिलों के डेंगू सैंपल को लेकर सीरो टाइपिंग किया गया. इसमें डेंगू के डेन-वी टाइप टू वैरिएंट की बहुलता देखने को मिली है. इस बार जो भी डेंगू से पीड़ित हो रहे हैं, उनमें तरह-तरह की समस्याएं सामने आ रही है. जैसे कि कुछ लोग बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं तो कुछ लोग सर दर्द की शिकायत लेकर. कुछ लोग जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं तो कुछ लोगों को बुखार के साथ दस्त भी हो रहा है.

यह डेंगू का बुखार 4 से 7 दिनों तक रहता है और इसके बाद ठीक होने लगता है. ठीक होने के बाद भी 3 से 5 दिनों तक मरीजों को चक्कर आने की शिकायत बनी रहती है. इस बार डेंगू का अब तक कोई नया वैरीअंट जांच के क्रम में सामने नहीं आया है.


"इस बार पोस्ट डेंगू बीमारी की बात करें तो नया चीज देखने को मिला है. डेंगू से ठीक हुए मरीजों के आंखों में समस्याएं हो रही है. उनके अस्पताल के आईसीयू में अभी एक मरीज एडमिट है, जिसका डेंगू ठीक होते ही आंखों में हेमरेज हो गया. डेंगू ठीक होने के बाद भी लोगों के आंखों के सामने धुंधलापन छाना, आंखों में दर्द महसूस होना, रोशनी कमजोर पड़ना इत्यादि शिकायत बढ़ी हैं" -डॉ मनीष मंडल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, IGIMS

मरीजों को हो रही आंखों की समस्या: उन्होंने बताया कि इस बार पोस्ट डेंगू के कई लक्षण देखने को मिला है. डेंगू पीड़ित ठीक हो तो रहे हैं लेकिन उनकी आंखों पर समस्याएं हो रही है. अभी एक मरीज एडमिट है, जिसे डेंगू ठीक होते ही उसके आंखों में हेमरेज हो गया. उसका अस्पताल में उपचार चल रहा है. डेंगू ठीक होने के बाद भी लोगों के आंखों के सामने धुंधलापन छाना आंखों में दर्द महसूस होना, रोशनी कमजोर पड़ना इत्यादि शिकायत बढ़ी हैं. सिरदर्द और बॉडी पेन से भी लोग परेशान हैं.

पटना: बिहार में इस बार डेंगू के नए मामलों ने बीते 7 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. खासतौर पर पटना में डेंगू के सैकड़ों मामले सामने आए. जब डेंगू पीक पर था, तब पॉजिटिविटी रेट 60 से 65 फीसदी दर्ज किया गया. प्रदेश के लगभग सभी जिलों में डेंगू के मामले मिले. ऐसे में डेंगू के वेरिएंट का पता लगाने को लेकर पटना के आईजीआईएमएस में डेंगू के 70 से अधिक सैंपल की सीरो टाइपिंग (Variants of Dengu Found In Research) की गई. रिसर्च में डेंगू के स्ट्रेन डेन-वी टाइप टू की बहुलता देखने को मिली. इसके अलावा 2-4 सैंपल में टाइप 1 और टाइप 3 स्ट्रेन भी मिला.

यह भी पढ़ें: ठंड बढ़ी लेकिन कम नहीं हो रहे बिहार में डेंगू केस, पटना में सभी रिकॉर्ड टूटे

डेंगू का कई वैरिएंट मिला: IGIMS के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल (IGIMS Superintendent Dr Manish Mandal) ने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू के मामले अब धीरे-धीरे घटने शुरू हो गए हैं. कुछ दिनों पहले डेंगू का पॉजिटिविटी डेट जहां 65 फ़ीसदी तक चला गया था, वहीं अब यह 20% से 25% तक आ गया है. वातावरण में तापमान कम होने से डेंगू का प्रकोप कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में जिस प्रकार कोरोना के समय वायरस के वेरिएंट पता लगाने के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग किया गया था, उसी प्रकार डेंगू के वैरिएंट का पता लगाया गया है.

डेन-वी टाइप टू वैरिएंट की बहुलता: उन्होंने बताया कि सभी जिलों के डेंगू सैंपल को लेकर सीरो टाइपिंग किया गया. इसमें डेंगू के डेन-वी टाइप टू वैरिएंट की बहुलता देखने को मिली है. इस बार जो भी डेंगू से पीड़ित हो रहे हैं, उनमें तरह-तरह की समस्याएं सामने आ रही है. जैसे कि कुछ लोग बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं तो कुछ लोग सर दर्द की शिकायत लेकर. कुछ लोग जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं तो कुछ लोगों को बुखार के साथ दस्त भी हो रहा है.

यह डेंगू का बुखार 4 से 7 दिनों तक रहता है और इसके बाद ठीक होने लगता है. ठीक होने के बाद भी 3 से 5 दिनों तक मरीजों को चक्कर आने की शिकायत बनी रहती है. इस बार डेंगू का अब तक कोई नया वैरीअंट जांच के क्रम में सामने नहीं आया है.


"इस बार पोस्ट डेंगू बीमारी की बात करें तो नया चीज देखने को मिला है. डेंगू से ठीक हुए मरीजों के आंखों में समस्याएं हो रही है. उनके अस्पताल के आईसीयू में अभी एक मरीज एडमिट है, जिसका डेंगू ठीक होते ही आंखों में हेमरेज हो गया. डेंगू ठीक होने के बाद भी लोगों के आंखों के सामने धुंधलापन छाना, आंखों में दर्द महसूस होना, रोशनी कमजोर पड़ना इत्यादि शिकायत बढ़ी हैं" -डॉ मनीष मंडल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, IGIMS

मरीजों को हो रही आंखों की समस्या: उन्होंने बताया कि इस बार पोस्ट डेंगू के कई लक्षण देखने को मिला है. डेंगू पीड़ित ठीक हो तो रहे हैं लेकिन उनकी आंखों पर समस्याएं हो रही है. अभी एक मरीज एडमिट है, जिसे डेंगू ठीक होते ही उसके आंखों में हेमरेज हो गया. उसका अस्पताल में उपचार चल रहा है. डेंगू ठीक होने के बाद भी लोगों के आंखों के सामने धुंधलापन छाना आंखों में दर्द महसूस होना, रोशनी कमजोर पड़ना इत्यादि शिकायत बढ़ी हैं. सिरदर्द और बॉडी पेन से भी लोग परेशान हैं.

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