पटना: बिहार में जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर सियासत लगातार जारी है. पक्ष विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. वहीं, आज सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे असिस्टेंट प्रोफेसर ने भी खुले तौर पर जातिगत जनगणना कराने की मांग कर दी.
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दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) आज एक बार फिर जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं. जनता दरबार में सभी फरियादी अपनी-अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं. इसी बीच गया के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद कार्यरत शिक्षक ने अपनी समस्याओं को सीएम नीतीश के समक्ष रखने के बाद जातिगत जनगणना कराने की बात कही.
असिस्टेंट प्रोफेसर ने 2 साल से वेतन नहीं मिलने की बता कहते हुए खुले तौर पर जातिगत जनगणना कराने की मांग की. असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा कि सर- 'जातीय जनगणना जरूर कराइए'.
बता दें कि जनता दरबार में सीएम आज शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण, विज्ञान एवं प्राद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुन रहे हैं.
इन सभी संबंधित विभाग के सभी मंत्री और बिहार सरकार के सभी आलाधिकारी भी इस दौरान जनता दरबार में मौजूद हैं. जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद परिसर में बने हॉल में हो रहा है.
जनता दरबार में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है. जनता दरबार में कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन भी किया जा रहा है और अभी सीमित संख्या में ही लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है.
बता दें कि मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद फिर से जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू किया है और अब तक तीन सोमवार को कार्यक्रम हो चुका है. यह इस बार का चौथा जनता दरबार का कार्यक्रम है.
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