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पंचायत चुनाव में EVM के साथ VVPAT मशीन लगाने की उठी मांग

बिहार पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. 24 सितंबर को पहले चरण का मतदान होगा. इस बार पंचायत चुनाव में ईवीएम के माध्यम से वोट डाले जाएंगे. इसी बीच ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाने की मांग उठनी शुरू हो गयी है. पढ़ें पूरी खबर.

आरटीआई एक्टिविस्ट उमाशंकर शहनी
आरटीआई एक्टिविस्ट उमाशंकर शहनी
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Published : Sep 22, 2021, 2:38 AM IST

पटना: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election In Bihar) को निष्पक्ष तरीके से कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) कमर कसी हुई है. इसबार ईवीएम मशीन (EVM Machine) के माध्यम से मतदान होगा. इसके साथ ही बोगस वोटिंग रोकने को लेकर मतदान केंद्र पर बायोमेट्रिक मशीन (Biometric Machine) भी लगाये जा रहे हैं. इसी बीच ईवीएम को लेकर सवाल उठाने शुरू हो गये हैं.

ये भी पढ़ें:बिहार पंचायत चुनाव: काले, हरे, नीले व लाल रंग में होंगे EVM में प्रत्याशियों के नाम

जन क्रांति मोर्चा के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर वीवीपैट से चुनाव कराने की मांग की है. समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट उमाशंकर शहनी ने अपने सहयोगियों के साथ निर्वाचन आयोग को ज्ञापन देते हुए बिना वीवीपैट के चुनाव नहीं कराने की मांग की है. नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव में पारदर्शिता लाने की मांग की है.

उमाशंकर सहनी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जजमेंट दिया है कि ईवीएम से जब भी चुनाव हो तो वीवीपैट का इस्तेमाल हो. राज्य निर्वाचन आयोग इस बार पंचायत चुनाव ईवीएम और बैलेट पेपर से करा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को निष्पक्ष कराने की बात जरूर कर रही है लेकिन वीवीपैट मशीन लगाने को लेकर के राज्य निर्वाचन आयोग की चुप्पी शक के दायरे में खड़ी कर रही है.

उन्होंने कहा कि कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रत्येक ईवीएम के साथ वीवीपैट सिस्टम का इस्तेमाल किये जाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं लेकिन बिहार राज्य निर्वाचन ने पंचायत चुनाव में वीवीपैट के प्रयोग पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया है. याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि अगर पंचायत चुनाव में वीवीपैट का प्रयोग नहीं होता है, तो ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा.

जिस पर पटना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के सामने रखने को कहा है. जिस पर आयोग को चार सप्ताह के अंदर फैसला लेना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि अगर वो आयोग के फैसले से संतुष्ट नहीं होता है तो वो फिर से कोर्ट के पास आ सकते हैं.

समाजसेवी उमाशंकर सहनी ने कहा कि कोर्ट के द्वारा यह कहा गया है कि वह अपनी शिकायत बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के सामने रखे. जिसके बाद वह राज्य निर्वाच आयोग को पत्र के माध्यम से कोर्ट की बातों को रखे हैं. समाजसेवी ने कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से ईवीएम और वीवीपैट की तैयारी प्रचुर मात्रा में नहीं है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाय.

अगर बैलेट पेपर से राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने में दिक्कत है तो पंचायत चुनाव पर स्टे लगा दे और जब पूरी तैयारी हो जाए तभी चुनाव कराए. उमाशंकर सहनी ने ईवीएम के माध्यम से पंचायत चुनाव कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ ईवीएम से चुनाव कराकर निष्पक्ष चुनाव की बातें नहीं कही जा सकती है. निष्पक्ष चुनाव के लिये ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट का होना जरूरी है.

ये भी पढ़ें:भागलपुर में चौथे दिन 1714 ने लोगों ने पंचायत चुनाव के लिए भरा पर्चा, संख्या बढ़कर हुई 3459

पटना: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election In Bihar) को निष्पक्ष तरीके से कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) कमर कसी हुई है. इसबार ईवीएम मशीन (EVM Machine) के माध्यम से मतदान होगा. इसके साथ ही बोगस वोटिंग रोकने को लेकर मतदान केंद्र पर बायोमेट्रिक मशीन (Biometric Machine) भी लगाये जा रहे हैं. इसी बीच ईवीएम को लेकर सवाल उठाने शुरू हो गये हैं.

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जन क्रांति मोर्चा के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर वीवीपैट से चुनाव कराने की मांग की है. समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट उमाशंकर शहनी ने अपने सहयोगियों के साथ निर्वाचन आयोग को ज्ञापन देते हुए बिना वीवीपैट के चुनाव नहीं कराने की मांग की है. नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव में पारदर्शिता लाने की मांग की है.

उमाशंकर सहनी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जजमेंट दिया है कि ईवीएम से जब भी चुनाव हो तो वीवीपैट का इस्तेमाल हो. राज्य निर्वाचन आयोग इस बार पंचायत चुनाव ईवीएम और बैलेट पेपर से करा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को निष्पक्ष कराने की बात जरूर कर रही है लेकिन वीवीपैट मशीन लगाने को लेकर के राज्य निर्वाचन आयोग की चुप्पी शक के दायरे में खड़ी कर रही है.

उन्होंने कहा कि कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रत्येक ईवीएम के साथ वीवीपैट सिस्टम का इस्तेमाल किये जाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं लेकिन बिहार राज्य निर्वाचन ने पंचायत चुनाव में वीवीपैट के प्रयोग पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया है. याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि अगर पंचायत चुनाव में वीवीपैट का प्रयोग नहीं होता है, तो ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा.

जिस पर पटना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के सामने रखने को कहा है. जिस पर आयोग को चार सप्ताह के अंदर फैसला लेना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि अगर वो आयोग के फैसले से संतुष्ट नहीं होता है तो वो फिर से कोर्ट के पास आ सकते हैं.

समाजसेवी उमाशंकर सहनी ने कहा कि कोर्ट के द्वारा यह कहा गया है कि वह अपनी शिकायत बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के सामने रखे. जिसके बाद वह राज्य निर्वाच आयोग को पत्र के माध्यम से कोर्ट की बातों को रखे हैं. समाजसेवी ने कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से ईवीएम और वीवीपैट की तैयारी प्रचुर मात्रा में नहीं है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाय.

अगर बैलेट पेपर से राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने में दिक्कत है तो पंचायत चुनाव पर स्टे लगा दे और जब पूरी तैयारी हो जाए तभी चुनाव कराए. उमाशंकर सहनी ने ईवीएम के माध्यम से पंचायत चुनाव कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ ईवीएम से चुनाव कराकर निष्पक्ष चुनाव की बातें नहीं कही जा सकती है. निष्पक्ष चुनाव के लिये ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट का होना जरूरी है.

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