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दिल्ली पुलिस ने ओम प्रकाश तिवारी के घर पर मारा छापा, BCA अध्यक्ष को फंसाने की रची थी साजिश - पटियाला हाउस कोर्ट

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी (BCA President Rakesh Kumar Tiwari) के ऊपर दिल्ली के पार्लियामेंट थाने में यौन शोषण का मामला दर्ज करवाने की साजिश करने वाले ओम प्रकाश तिवारी के कार्यालय और आवास पर दिल्ली पुलिस की टीम ने छापेमारी की है.

दिल्ली पुलिस की पटना में रेड
दिल्ली पुलिस की पटना में रेड
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Published : Oct 11, 2022, 3:30 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 11:05 PM IST

पटना: राजधानी पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र में दिल्ली पुलिस की टीम ने छापेमारी (Delhi Police Raid In Kadamkuan Patna) की है. छापा लोहा गोदाम गली स्थित दीप लीला अपार्टमेंट में निवासरत ओम प्रकाश तिवारी के घर और कार्यालय पर पड़ा है. इन पर बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को झूठे यौन शोषण के मामले में फंसाने की साजिश रचने का आरोप है. यह छापेमारी दिल्ली के पार्लियामेंट थाने में दर्ज एफआईआर कांड संख्या 27/22 के मामले में की गयी है.

यह भी पढ़ें: फंस गए बिहार के IPS अफसर: हैदराबाद में झारखंड की महिला से यौन शोषण का आरोप, PHQ ने की पुष्टि

ओम प्रकाश तिवारी ने रची थी साजिश: जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की पांच सदस्यीय टीम ने कदमकुआ स्थित लोहा सिंह कंपनी गली स्थित दीप लीला अपार्टमेंट के जी 2 स्थित उनके कार्यालय में की छापेमारी. दरअसल, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी खोलकर खिलाड़ियों को बीसीसीआई के मैचों में खिलाने के नाम पर चित्रा बोरा और आशुतोष बोरा (दोनों भाई बहन) विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का काम कई वर्षों से कर रहे थे. इन दोनों के ओम प्रकाश तिवारी से गहरे संबंध रहे हैं.

चित्रा बोरा ने लगाया यौन शोषण का आरोप: तीन सितंबर 2021 को गुरुग्राम के एक पांच सितारा होटल में जब हरियाणा पुलिस के ईओडब्ल्यू विंग की छापेमारी के वक्त भी ओम प्रकाश तिवारी इन दोनों भाई-बहने के साथ पकड़े गए थे. जिन्हें रात भर थाने में रखा गया और सुबह पीआर बॉन्ड पर छोड़ा गया. इस छापेमारी के दौरान कई खिलाड़ियों के कागजात और मादक पदार्थ भी जब्त की गई थी. दोनों भाई बहन को क्रिकेटरों से ठगी करने के आरोप में जेल भेज दिया गया था.

बाद में जब ये दोनों भाई बहन जेल से छूट कर आए तब इनलोगों ने ओम प्रकाश तिवारी से मिलकर बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर दबाव बनाने और बदनाम करने के लिए पार्लियामेंट थाने में यौन शोषण का एक मामला चित्रा बोरा के द्वारा दर्ज करवाया गया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले की तहकीकात के बात झूठा पाया और इस केस में क्लोजर रिपोर्ट तीन अगस्त 2022 को पटियाला हाउस में दाखिल कर दिया. जिसके बाद पटना में ओम प्रकाश के घर पर छापेमारी की गयी है.

यह है पूरा मामला: चित्रा बोरा के आरोप में बताया गया है की वह 12 जुलाई 2021 को 10 बजे रात नितिन नाम के शख्स के साथ राकेश कुमार तिवारी से मिलने के लिए होटल ली मेरिडियन में भुगतान के मामले को लेकर बात करने के लिए पहुंची थी. जहां उसे अकेले के कमरा नंबर 1100 में मिलने के लिए कहा गया. जहां बीसीए अध्यक्ष ने प्राइवेट पार्ट को छुआ गया और मोलेस्ट किया.

दो बार यौन शोषण का आरोप: चित्रा बोरा के आरोप कहा गया है कि इस पहली घटना के बाद इसने सभी बातों को अपने भाई से बताया. इसके बाद चित्रा के भाई ने आरोपी को कॉल किया. जिसमें किसी प्रकार का कोई शिकायत नहीं करने के लिए निवेदन किया गया. माफी मांगने के बाद शिकायतकर्ता चित्रा वापस 23 जुलाई 2021 को अपने भुगतान के मामले को लेकर मिलने होटल ली मेरेडियन में रात बजे बीसीए अध्यक्ष से मिलने गयी. जहां फिर से वही घटना दुहराई गई.

जांच में पाये गए तथ्य:जांच के दौरान पाया गया कि सीडीआर लोकेशन में राकेश कुमार तिवारी 11.40 AM से 12.58 PM तक इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली में पाया गए. जबकि 14.32 में पटना के बिरला इन्स्टीच्युत ऑफ टेकनालोजी पटना में उनका लोकेशन मिला. आरोप में राकेश कुमार तिवारी के मेरेडियन होटल दिल्ली में होने कि बात कही गयी थी. उनका 29.59 का लोकेशन पटना का पाया गया. साथ ही आरोप लगाने वाली चित्रा का लोकेशन 22.11 में गुड़गाँव का पाया गया. इस मामले को इंडिगो कंपनी से बुक कि गई टिकट के बोर्डिंग पास से भी सत्यापित किया गया. यानि 12 जुलाई 2021 को बीसीए राकेश कुमार तिवारी दिल्ली में नहीं थे.

यह भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस ने मधुबनी से 50 हजार के इनामी अपराधी को किया गिरफ्तार, 6 साल से चल रहा था फरार

ओम प्रकाश का नाम आया सामने: दिल्ली पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आए, उसके मुताबित शिकायतकर्ता चित्रा का भाई बीसीए अध्यक्ष से मिलने के प्रयास किया. इसके वाट्सएप चैट भी सामने आए. दिल्ली पुलिस ने सभी मामले को झूठा पाकर क्लोजर रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट में 3 अगस्त 2022 को दाखिल किया. इसके बाद ब्लेकमेलिंग और एक्टोर्शन के मामले में पार्लियामेंट थाने में दर्ज मामले 27/ 22 की तहकीकात में सभी मामलों के सूत्रधार के रूप में ओम प्रकाश तिवारी की संलिप्तता प्रमाणित हुई.

शिकायतकर्ता पीड़िता ने खोल दिए राज: जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता महिला ने पार्लियामेंट थाने में 14 जनवरी 2022 को शपथ पत्र देकर घोषण कि उसने गलतफहमी और दूसरे लोगों के बहकावे में आकर 4 जनवरी 2022 को उसने पार्लियामेंट थाना में शिकायत दर्ज करा दी थी. वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है. इसके बाद एक बार फिर 29 जनवरी 2022 को फिर से शपथ पत्र दिया गया कि बाहरी लोगों के दवाब में पहले वाला शपथ पत्र दिया गया था.



पटना: राजधानी पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र में दिल्ली पुलिस की टीम ने छापेमारी (Delhi Police Raid In Kadamkuan Patna) की है. छापा लोहा गोदाम गली स्थित दीप लीला अपार्टमेंट में निवासरत ओम प्रकाश तिवारी के घर और कार्यालय पर पड़ा है. इन पर बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को झूठे यौन शोषण के मामले में फंसाने की साजिश रचने का आरोप है. यह छापेमारी दिल्ली के पार्लियामेंट थाने में दर्ज एफआईआर कांड संख्या 27/22 के मामले में की गयी है.

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ओम प्रकाश तिवारी ने रची थी साजिश: जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की पांच सदस्यीय टीम ने कदमकुआ स्थित लोहा सिंह कंपनी गली स्थित दीप लीला अपार्टमेंट के जी 2 स्थित उनके कार्यालय में की छापेमारी. दरअसल, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी खोलकर खिलाड़ियों को बीसीसीआई के मैचों में खिलाने के नाम पर चित्रा बोरा और आशुतोष बोरा (दोनों भाई बहन) विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का काम कई वर्षों से कर रहे थे. इन दोनों के ओम प्रकाश तिवारी से गहरे संबंध रहे हैं.

चित्रा बोरा ने लगाया यौन शोषण का आरोप: तीन सितंबर 2021 को गुरुग्राम के एक पांच सितारा होटल में जब हरियाणा पुलिस के ईओडब्ल्यू विंग की छापेमारी के वक्त भी ओम प्रकाश तिवारी इन दोनों भाई-बहने के साथ पकड़े गए थे. जिन्हें रात भर थाने में रखा गया और सुबह पीआर बॉन्ड पर छोड़ा गया. इस छापेमारी के दौरान कई खिलाड़ियों के कागजात और मादक पदार्थ भी जब्त की गई थी. दोनों भाई बहन को क्रिकेटरों से ठगी करने के आरोप में जेल भेज दिया गया था.

बाद में जब ये दोनों भाई बहन जेल से छूट कर आए तब इनलोगों ने ओम प्रकाश तिवारी से मिलकर बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर दबाव बनाने और बदनाम करने के लिए पार्लियामेंट थाने में यौन शोषण का एक मामला चित्रा बोरा के द्वारा दर्ज करवाया गया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले की तहकीकात के बात झूठा पाया और इस केस में क्लोजर रिपोर्ट तीन अगस्त 2022 को पटियाला हाउस में दाखिल कर दिया. जिसके बाद पटना में ओम प्रकाश के घर पर छापेमारी की गयी है.

यह है पूरा मामला: चित्रा बोरा के आरोप में बताया गया है की वह 12 जुलाई 2021 को 10 बजे रात नितिन नाम के शख्स के साथ राकेश कुमार तिवारी से मिलने के लिए होटल ली मेरिडियन में भुगतान के मामले को लेकर बात करने के लिए पहुंची थी. जहां उसे अकेले के कमरा नंबर 1100 में मिलने के लिए कहा गया. जहां बीसीए अध्यक्ष ने प्राइवेट पार्ट को छुआ गया और मोलेस्ट किया.

दो बार यौन शोषण का आरोप: चित्रा बोरा के आरोप कहा गया है कि इस पहली घटना के बाद इसने सभी बातों को अपने भाई से बताया. इसके बाद चित्रा के भाई ने आरोपी को कॉल किया. जिसमें किसी प्रकार का कोई शिकायत नहीं करने के लिए निवेदन किया गया. माफी मांगने के बाद शिकायतकर्ता चित्रा वापस 23 जुलाई 2021 को अपने भुगतान के मामले को लेकर मिलने होटल ली मेरेडियन में रात बजे बीसीए अध्यक्ष से मिलने गयी. जहां फिर से वही घटना दुहराई गई.

जांच में पाये गए तथ्य:जांच के दौरान पाया गया कि सीडीआर लोकेशन में राकेश कुमार तिवारी 11.40 AM से 12.58 PM तक इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली में पाया गए. जबकि 14.32 में पटना के बिरला इन्स्टीच्युत ऑफ टेकनालोजी पटना में उनका लोकेशन मिला. आरोप में राकेश कुमार तिवारी के मेरेडियन होटल दिल्ली में होने कि बात कही गयी थी. उनका 29.59 का लोकेशन पटना का पाया गया. साथ ही आरोप लगाने वाली चित्रा का लोकेशन 22.11 में गुड़गाँव का पाया गया. इस मामले को इंडिगो कंपनी से बुक कि गई टिकट के बोर्डिंग पास से भी सत्यापित किया गया. यानि 12 जुलाई 2021 को बीसीए राकेश कुमार तिवारी दिल्ली में नहीं थे.

यह भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस ने मधुबनी से 50 हजार के इनामी अपराधी को किया गिरफ्तार, 6 साल से चल रहा था फरार

ओम प्रकाश का नाम आया सामने: दिल्ली पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आए, उसके मुताबित शिकायतकर्ता चित्रा का भाई बीसीए अध्यक्ष से मिलने के प्रयास किया. इसके वाट्सएप चैट भी सामने आए. दिल्ली पुलिस ने सभी मामले को झूठा पाकर क्लोजर रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट में 3 अगस्त 2022 को दाखिल किया. इसके बाद ब्लेकमेलिंग और एक्टोर्शन के मामले में पार्लियामेंट थाने में दर्ज मामले 27/ 22 की तहकीकात में सभी मामलों के सूत्रधार के रूप में ओम प्रकाश तिवारी की संलिप्तता प्रमाणित हुई.

शिकायतकर्ता पीड़िता ने खोल दिए राज: जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता महिला ने पार्लियामेंट थाने में 14 जनवरी 2022 को शपथ पत्र देकर घोषण कि उसने गलतफहमी और दूसरे लोगों के बहकावे में आकर 4 जनवरी 2022 को उसने पार्लियामेंट थाना में शिकायत दर्ज करा दी थी. वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है. इसके बाद एक बार फिर 29 जनवरी 2022 को फिर से शपथ पत्र दिया गया कि बाहरी लोगों के दवाब में पहले वाला शपथ पत्र दिया गया था.



Last Updated : Oct 11, 2022, 11:05 PM IST
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