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बजट 2020: शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बहस, एक्सपर्ट बोले- किसानों की ऐसे दोगुनी होगी आय?

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Published : Feb 1, 2020, 8:16 PM IST

बजट 2020-21 पेश किया जा चुका है. इस बजट को लेकर ईटीवी भारत ने आम से लेकर खास तक की राय जानी. इसी कड़ी में हमने राजधानी पटना में कुछ एक्सपर्ट से बजट पर चर्चा की.

बजट 2020-21
बजट 2020-21

पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2020-21 को पेश किया. शनिवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बजट पर अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया. करीब पौने तीन घंटे के भाषण में निर्मला ने कई नई योजनाओं का ऐलान किया. उन्होंने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की बात कही. बजट पर क्या कुछ खास रहा. पेश किए गए केंद्रीय बजट पर चर्चा करते हुए ईटीवी भारत पटना के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने एक्सर्ट की राय जानी.

पटना स्टूडियो में आम बजट पर चली खास चर्चा में प्रवीण बागी के साथ मौजूद रहे पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और साहित्यकार प्रेम कुमार मणि और एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रध्यापक प्रोफेसर अजय कुमार झा. दोनों ने बजट 2020-21 पर अपनी -अपनी राय रखी.

प्रवीण बागी, ब्यूरो चीफ पटना
प्रवीण बागी, ब्यूरो चीफ, ईटीवी भारत बिहार

जनता को मुर्ख बनाया गया- प्रेम कुमार
प्रवीण बागी ने सबसे पहला सवाल प्रेम कुमार मणि से किया कि पहली नजर में वो बजट को किस तरह से देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'जनता को मुर्ख बनाया गया है'. अपनी कथनी के पीछे का तथ्य देते हुए प्रेम कुमार मणि ने कहा कि देखने में बड़ी-बड़ी बाते हैं और कुछ है नहीं. उन्होंने कहा कि टैक्स में पुराना और नया दोनों सिस्टम को जोड़ दिया गया है. ऐसे में चुनने की शर्त है. ऐसे में पेंशन होल्डर वालों के लिए ये बजट तो ठीक है. बुजुर्गों को छूट देकर आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं? एक शब्द में सिर्फ इतना कहूंगा कि ये निराशाजनक बजट है.

बजट पर बहस, पार्ट- 1

कई वजहों से बजट बहुत अच्छा- प्रोफेसर झा
वहीं, स्टूडियो में मौजूद प्रोफेसर अजय कुमार झा ने कहा कि उनके नजरिये से ये बजट बहुत अच्छा है. इसके पीछे की कई वजह हैं. उन्होंने कहा कि इकोनॉमिक की बात करें, तो आज की स्थिति क्या है. हमें कैसे आगे जाना है. कितना रेवेन्यू हैं. कितना आगे ले जाना है. इसको देखकर बजट तैयार किया गया है. बजट को समझने की जरूरत है. ये एक भविष्यात्मक बजट है. सरकार की अपनी सीमा है. सरकार एक परिवार के लिए बजट नहीं बनाती, ये तो पूरे देश के लिए पेश किया गया बजट है. सरकार के लिए देश ही परिवार है.

प्रो. अजय कुमार झा, प्रध्यापक, एन सिन्हा इंस्टीट्यूट
प्रो. अजय कुमार झा, प्रध्यापक, एन सिन्हा इंस्टीट्यूट

प्रोफेसर झा ने कहा कि सरकार कहां से पैसे लाएगी, कहां लगाएगी. इसको लेकर लंबी रेस है. इसलिए परिणाम एक साल में नहीं आएगा. इकोनॉमिक की बात करें इसके लिए सरकार ने काम कर रही है. लंबी अवधी से सरकार इसपर काम कर रही है. इनकम टैक्स वाले मसले पर सरकार ध्यान रखना चाहिए. सरकार को पैसे चाहिए, इसके क्या सोर्स हैं. वो कई हैं. हां इस बजट में मिडिल क्लास को ध्यान में रखा गया है.

प्रवीण बागी- किसानों की आय होगी दोगुनी?
ये सवाल जब प्रेम मणि से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो विकास हो रहे हैं उसका लाभ किसानों को मिल ही रहा है. किसान लभान्वित हुए हैं. इससे इंकार नहीं किया जा सकता. मिडिल क्लास की बात करें तो वो हमारी सोसाएटी का केंद्रक होता है. प्रो झा की बात पर प्रेम मणि ने कहा कि हां बजट को समझने में टाइम लगेगा. हम कई मामलों पर बजट में नजर बनाए हैं. कई की प्रशंसा हम भी करते हैं. लेकिन गांव से जो लोग आ रहे हैं उनको मिडिल क्लास बनाने में क्या प्रयास हो रहे हैं. उनका शहरीकरण नहीं हुआ. शहरों का विस्तार नहीं हो रहा है. इसके लिए बजट में कुछ नहीं किया गया. इसलिए मैं बार-बार कह रहा हूं कि बजट में कुछ खास नहीं है.

बजट पर बहस, पार्ट - 2

'शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार का कोई बखान नहीं'
प्रेम मणि ने कहा कि पेश बजट में चर्चा मात्र ही है कि शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार पर बात की गई. लेकिन कहीं भी इसपर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. वहीं, अर्थव्यवस्था के सवाल पर प्रोफेसर झा ने कहा कि जीडीपी अपने आप में बहुत बड़ा फिगर होता है. हम 10 तक आ गए था. हां अभी हम जहां हैं तो ये चिंताजनक है. इसके पीछे का कारण रिनोवेशन है. अब देश में डिजिटलाइजेशन हो रहा है. ऐसे में अच्छे और बुरे दोनों परिणाम सामने आ रहे हैं.

पॉलिटिकल एक्टिविस्ट
प्रेम कुमार मणि, पॉलिटिकल एक्टिविस्ट

बेरोजगारी का मुद्दा
ये बजट रोजगार देने में कितना सहायक है. प्रवीण बागी के इस सवाल पर प्रोफेसर झा ने कहा कि इसका कोई भारत में बेरोजगारी का रियल टाइम डाटा नहीं है, जो हमें सटीक जानकारी दे सके हर साल की. कुछ संस्थाओं के डाटा के आधार पर हम काम करते हैं. बेरोजगारी बढ़े स्तर से है. सरकार इसको लेकर प्रयासरत है, जो आगे आने वाले समय में दिखेगा. वहीं, प्रेम मणि ने कहा कि इसी बात का अफसोस है कि ग्रामीणों इलाकों में पढे लिखे लड़के बेरोजगार हैं. ऐसे नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता नियत करना चाहिए. ऐसे वित्त मंत्री की तलाश में मैं था, जो ऐसा कर सकता.

बजट पर बहस, पार्ट-3

एक नजर बजट पर

बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मिले 100 लाख करोड़

  • नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 100 लाख करोड़ का फंड.
  • 2024 तक 100 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे.
  • भारतनेट के लिए 6 हजार करोड़ का बजट.
  • 1 लाख ग्राम पंचायतों के फाइबर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा.
  • क्वांटम टेक्नोलॉजी के लिए 8 हजार करोड़ का बजट.
  • पावर-एनर्जी के लिए 22 हजार करोड़ का एलान.
  • स्टार्ट अप के लिए डिजिटल प्लेटफार्म बनाए जाएंगे.
  • देश भर में डाटा सेंटर पार्क बनाए जाएंगे
  • इंफ्रा पाइप लाइन का प्लान.

बजट में शिक्षा क्षेत्र को मिले 99,300 करोड़ रुपये

  • बजट में शिक्षा क्षेत्र को मिले 99,300 करोड़ रुपये
  • नई शिक्षा नीति का एलान किया जाएगा.
  • शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई लाया जाएगा.
  • पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे.
  • नेशनल फोरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव.
  • सरस्वती-सिंधू यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव.
  • जिला अस्पतालों में मेडिकल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव.
  • शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ का प्रावधान
  • पिछड़े छात्रों के लिए ग्रामीण स्तर पर ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
  • कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ का प्रावधान.

स्वच्छ मिशन भारत की योजनाएं

  • स्वच्छ मिशन भारत के लिए 12,300 करोड़.
  • पाइप से पानी पहुंचाने के लिए 3.6 लाख करोड़ का प्रावधान.
  • नमक वाले पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा.
  • देश के हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य.

बजट में सबसे पहले ग्रामीण भारत की चर्चा

  • कृषि और सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ का फंड
  • 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ कृषि ऋण का लक्ष्य.
  • सागर मित्र योजना की शुरुआत होगी, जिससे मछली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
  • 2022 तक मछली उत्पादन 200 टन का लक्ष्य.
  • किसानों के कुसुम योजना लाई जाएगी.
  • कुसुम योजना से 20 लाख किसानों सोलर पंप मिलेगा.
  • दूध, मांस, मछली के किसान रेल योजना
  • किसान रेल योजना से खाद्य पदार्थ खराब नहीं होंगे.
  • एक प्रोडक्ट, एक जिले पर फोकस किया जाएगा.
  • जल संकट से जूझ रहे 16 जिलों के लिए विशेष योजना.
  • सही मात्रा में पानी के इस्तेमाल पर ध्यान.
  • बंजर जमीनों पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा.
  • केमिकल की जगह आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल किया जाएगा.
  • किसानों के लिए वेयर हाउस बनाए जाएंगे.
  • 2025 तक दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य.
  • कृषि क्षेत्र के लिए 16 सूत्रीय एक्शन प्लान का एलान.
  • बजट का फोकस गांव, गरीब और किसान पर है.
  • कृषि क्षेत्र में मार्केटिंग और प्रोसेसिंग बढ़ाने पर ध्यान.
  • किसानों की आय दोगुनी करना सरकार का लक्ष्य है.
  • 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी.
  • 6.11 करोड़ किसानों के लिए बीमा योजना, किसानों को सीधा लाभ देने की कोशिश है.
  • पशुपालन और मछली पालन पर ध्यान देने की आवश्यक्ता है.

60 लाख नए करदाताओं को जोड़ा गया

  • इंस्पेक्टर राज को खत्म किया जा चुका है.
  • जीएसटी लागू करना सरकार का ऐतिहासिक फैसला.
  • सीतारमण ने अरुण जेटली के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह जीएसटी के मुख्य शिल्पकार थे.
  • यह बजट देश की उम्मीदों को पूरा करने वाला है.
  • जनता ने हमें विकास के लिए चुना है.
  • देश की जनता ने मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत दिया है

पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2020-21 को पेश किया. शनिवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बजट पर अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया. करीब पौने तीन घंटे के भाषण में निर्मला ने कई नई योजनाओं का ऐलान किया. उन्होंने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की बात कही. बजट पर क्या कुछ खास रहा. पेश किए गए केंद्रीय बजट पर चर्चा करते हुए ईटीवी भारत पटना के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने एक्सर्ट की राय जानी.

पटना स्टूडियो में आम बजट पर चली खास चर्चा में प्रवीण बागी के साथ मौजूद रहे पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और साहित्यकार प्रेम कुमार मणि और एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रध्यापक प्रोफेसर अजय कुमार झा. दोनों ने बजट 2020-21 पर अपनी -अपनी राय रखी.

प्रवीण बागी, ब्यूरो चीफ पटना
प्रवीण बागी, ब्यूरो चीफ, ईटीवी भारत बिहार

जनता को मुर्ख बनाया गया- प्रेम कुमार
प्रवीण बागी ने सबसे पहला सवाल प्रेम कुमार मणि से किया कि पहली नजर में वो बजट को किस तरह से देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'जनता को मुर्ख बनाया गया है'. अपनी कथनी के पीछे का तथ्य देते हुए प्रेम कुमार मणि ने कहा कि देखने में बड़ी-बड़ी बाते हैं और कुछ है नहीं. उन्होंने कहा कि टैक्स में पुराना और नया दोनों सिस्टम को जोड़ दिया गया है. ऐसे में चुनने की शर्त है. ऐसे में पेंशन होल्डर वालों के लिए ये बजट तो ठीक है. बुजुर्गों को छूट देकर आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं? एक शब्द में सिर्फ इतना कहूंगा कि ये निराशाजनक बजट है.

बजट पर बहस, पार्ट- 1

कई वजहों से बजट बहुत अच्छा- प्रोफेसर झा
वहीं, स्टूडियो में मौजूद प्रोफेसर अजय कुमार झा ने कहा कि उनके नजरिये से ये बजट बहुत अच्छा है. इसके पीछे की कई वजह हैं. उन्होंने कहा कि इकोनॉमिक की बात करें, तो आज की स्थिति क्या है. हमें कैसे आगे जाना है. कितना रेवेन्यू हैं. कितना आगे ले जाना है. इसको देखकर बजट तैयार किया गया है. बजट को समझने की जरूरत है. ये एक भविष्यात्मक बजट है. सरकार की अपनी सीमा है. सरकार एक परिवार के लिए बजट नहीं बनाती, ये तो पूरे देश के लिए पेश किया गया बजट है. सरकार के लिए देश ही परिवार है.

प्रो. अजय कुमार झा, प्रध्यापक, एन सिन्हा इंस्टीट्यूट
प्रो. अजय कुमार झा, प्रध्यापक, एन सिन्हा इंस्टीट्यूट

प्रोफेसर झा ने कहा कि सरकार कहां से पैसे लाएगी, कहां लगाएगी. इसको लेकर लंबी रेस है. इसलिए परिणाम एक साल में नहीं आएगा. इकोनॉमिक की बात करें इसके लिए सरकार ने काम कर रही है. लंबी अवधी से सरकार इसपर काम कर रही है. इनकम टैक्स वाले मसले पर सरकार ध्यान रखना चाहिए. सरकार को पैसे चाहिए, इसके क्या सोर्स हैं. वो कई हैं. हां इस बजट में मिडिल क्लास को ध्यान में रखा गया है.

प्रवीण बागी- किसानों की आय होगी दोगुनी?
ये सवाल जब प्रेम मणि से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो विकास हो रहे हैं उसका लाभ किसानों को मिल ही रहा है. किसान लभान्वित हुए हैं. इससे इंकार नहीं किया जा सकता. मिडिल क्लास की बात करें तो वो हमारी सोसाएटी का केंद्रक होता है. प्रो झा की बात पर प्रेम मणि ने कहा कि हां बजट को समझने में टाइम लगेगा. हम कई मामलों पर बजट में नजर बनाए हैं. कई की प्रशंसा हम भी करते हैं. लेकिन गांव से जो लोग आ रहे हैं उनको मिडिल क्लास बनाने में क्या प्रयास हो रहे हैं. उनका शहरीकरण नहीं हुआ. शहरों का विस्तार नहीं हो रहा है. इसके लिए बजट में कुछ नहीं किया गया. इसलिए मैं बार-बार कह रहा हूं कि बजट में कुछ खास नहीं है.

बजट पर बहस, पार्ट - 2

'शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार का कोई बखान नहीं'
प्रेम मणि ने कहा कि पेश बजट में चर्चा मात्र ही है कि शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार पर बात की गई. लेकिन कहीं भी इसपर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. वहीं, अर्थव्यवस्था के सवाल पर प्रोफेसर झा ने कहा कि जीडीपी अपने आप में बहुत बड़ा फिगर होता है. हम 10 तक आ गए था. हां अभी हम जहां हैं तो ये चिंताजनक है. इसके पीछे का कारण रिनोवेशन है. अब देश में डिजिटलाइजेशन हो रहा है. ऐसे में अच्छे और बुरे दोनों परिणाम सामने आ रहे हैं.

पॉलिटिकल एक्टिविस्ट
प्रेम कुमार मणि, पॉलिटिकल एक्टिविस्ट

बेरोजगारी का मुद्दा
ये बजट रोजगार देने में कितना सहायक है. प्रवीण बागी के इस सवाल पर प्रोफेसर झा ने कहा कि इसका कोई भारत में बेरोजगारी का रियल टाइम डाटा नहीं है, जो हमें सटीक जानकारी दे सके हर साल की. कुछ संस्थाओं के डाटा के आधार पर हम काम करते हैं. बेरोजगारी बढ़े स्तर से है. सरकार इसको लेकर प्रयासरत है, जो आगे आने वाले समय में दिखेगा. वहीं, प्रेम मणि ने कहा कि इसी बात का अफसोस है कि ग्रामीणों इलाकों में पढे लिखे लड़के बेरोजगार हैं. ऐसे नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता नियत करना चाहिए. ऐसे वित्त मंत्री की तलाश में मैं था, जो ऐसा कर सकता.

बजट पर बहस, पार्ट-3

एक नजर बजट पर

बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मिले 100 लाख करोड़

  • नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 100 लाख करोड़ का फंड.
  • 2024 तक 100 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे.
  • भारतनेट के लिए 6 हजार करोड़ का बजट.
  • 1 लाख ग्राम पंचायतों के फाइबर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा.
  • क्वांटम टेक्नोलॉजी के लिए 8 हजार करोड़ का बजट.
  • पावर-एनर्जी के लिए 22 हजार करोड़ का एलान.
  • स्टार्ट अप के लिए डिजिटल प्लेटफार्म बनाए जाएंगे.
  • देश भर में डाटा सेंटर पार्क बनाए जाएंगे
  • इंफ्रा पाइप लाइन का प्लान.

बजट में शिक्षा क्षेत्र को मिले 99,300 करोड़ रुपये

  • बजट में शिक्षा क्षेत्र को मिले 99,300 करोड़ रुपये
  • नई शिक्षा नीति का एलान किया जाएगा.
  • शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई लाया जाएगा.
  • पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे.
  • नेशनल फोरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव.
  • सरस्वती-सिंधू यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव.
  • जिला अस्पतालों में मेडिकल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव.
  • शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ का प्रावधान
  • पिछड़े छात्रों के लिए ग्रामीण स्तर पर ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
  • कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ का प्रावधान.

स्वच्छ मिशन भारत की योजनाएं

  • स्वच्छ मिशन भारत के लिए 12,300 करोड़.
  • पाइप से पानी पहुंचाने के लिए 3.6 लाख करोड़ का प्रावधान.
  • नमक वाले पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा.
  • देश के हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य.

बजट में सबसे पहले ग्रामीण भारत की चर्चा

  • कृषि और सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ का फंड
  • 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ कृषि ऋण का लक्ष्य.
  • सागर मित्र योजना की शुरुआत होगी, जिससे मछली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
  • 2022 तक मछली उत्पादन 200 टन का लक्ष्य.
  • किसानों के कुसुम योजना लाई जाएगी.
  • कुसुम योजना से 20 लाख किसानों सोलर पंप मिलेगा.
  • दूध, मांस, मछली के किसान रेल योजना
  • किसान रेल योजना से खाद्य पदार्थ खराब नहीं होंगे.
  • एक प्रोडक्ट, एक जिले पर फोकस किया जाएगा.
  • जल संकट से जूझ रहे 16 जिलों के लिए विशेष योजना.
  • सही मात्रा में पानी के इस्तेमाल पर ध्यान.
  • बंजर जमीनों पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा.
  • केमिकल की जगह आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल किया जाएगा.
  • किसानों के लिए वेयर हाउस बनाए जाएंगे.
  • 2025 तक दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य.
  • कृषि क्षेत्र के लिए 16 सूत्रीय एक्शन प्लान का एलान.
  • बजट का फोकस गांव, गरीब और किसान पर है.
  • कृषि क्षेत्र में मार्केटिंग और प्रोसेसिंग बढ़ाने पर ध्यान.
  • किसानों की आय दोगुनी करना सरकार का लक्ष्य है.
  • 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी.
  • 6.11 करोड़ किसानों के लिए बीमा योजना, किसानों को सीधा लाभ देने की कोशिश है.
  • पशुपालन और मछली पालन पर ध्यान देने की आवश्यक्ता है.

60 लाख नए करदाताओं को जोड़ा गया

  • इंस्पेक्टर राज को खत्म किया जा चुका है.
  • जीएसटी लागू करना सरकार का ऐतिहासिक फैसला.
  • सीतारमण ने अरुण जेटली के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह जीएसटी के मुख्य शिल्पकार थे.
  • यह बजट देश की उम्मीदों को पूरा करने वाला है.
  • जनता ने हमें विकास के लिए चुना है.
  • देश की जनता ने मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत दिया है
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