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BPSC 64th Final Result: बच्चे की परवरिश और परिवार की देखरेख करते हुए अर्चना ने क्लियर की परीक्षा, ये है इनकी कहानी

पटना (Patna) के बिक्रम के शिक्षक की बेटी अर्चना ने 64वीं BPSC परीक्षा में 25वीं रैंक हासिल की है. उन्हें SDM का पद हासिल हुआ है. अर्चना कहती हैं कि वह शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था पर काम करना चाहती हैं.

Bihar
अर्चना और उनके पति
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Published : Jun 16, 2021, 5:13 PM IST

पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service commission) के 64वीं परीक्षा के परिणाम घाेषित हो चुके हैं. 64वीं परीक्षा में खासकर ग्रामीण इलाकों के अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.

ऐसी ही प्रतिभावान लोगों में से हैं पटना से सटे बिक्रम प्रखण्ड की रहने वाली अर्चना. जिन्होंने बीपीएससी में 25वां स्थान हासिल किया है. उन्हें एसडीएम (SDM) का पद मिला है. अर्चना की सफलता से पूरा क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

इसे भी पढ़ेंः लिस्ट में अपना नाम देखा तो काजल की आखों में आ गए आंसू , कहा- माता पिता के विश्वास का है यह फल

प्रतिकूल परिस्थितियों में पाई सफलता
बीपीएससी (BPSC) की 64वीं परीक्षा में 25वां स्थान हासिल करने वाली अर्चना शिक्षक की बेटी हैं. एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वे खुद एक मां भी हैं. परिवारिक जिम्मेदारियों के बीच उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के साथ अर्चना ने बीपीएससी की परीक्षा में 25वां स्थान प्राप्त किया है. उनकी इस सफलता से उनके पिता और ससुराल पक्ष के लोग भी काफी खुश हैं.

अर्चना के पति राजीव सुमन कहते हैं कि उनकी पत्नी ने खुद के बल पर कठोर परिश्रम से यह सफलता पाई है. वे कहते हैं कि उनकी मां को भी अर्चना के परीक्षा परिणाम का इन्तजार था लेकिन कोरोना से उनका निधन हो गया.

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अर्चना और उनके पति

क्या कहते हैं पिता
वहीं अपनी बेटी की इस सफलता को लेकर उत्साहित अचर्ना के पिता दिनेश सिन्हा कहते हैं कि उन्होंने कभी भी बेटे और बेटी में भेद नहीं किया. अर्चना प्रारंभिक कक्षा से स्नातकोत्तर तक प्रथम स्थान पर रही हैं.

मां इंदु कुमारी का कहना है कि बचपन से ही उसकी पढ़ाई में रूचि थी. जिसके कारण हमने उसे घर के कामों में नहीं लगने दिया.

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अर्चना के माता-पिता और भाई

क्या कहती हैं अर्चना?
वहीं अपनी सफलता का श्रेय माता, पिता, पति और पुत्री को देते हुए अर्चना कुमारी ने कहा कि कठिन मेहनत और आत्म विश्वास के बल पर हम किसी भी मुकाम को प्राप्त कर सकते हैं.

अर्चना ने ईटीवी भारत को बताया कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर प्रमुखता से कार्य करना चाहती हैं. अर्चना ने बताया कि परीक्षा की पूरी तैयारी घर पर की और इसमें उनके पति ने काफी सहयोग किया.

देखें वीडियो

अर्चना का अभी तक का सफर
बताते चलें कि बिक्रम स्थित पार्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय के सेवानिवृत प्राचार्य दिनेश सिन्हा की बेटी अर्चना तीन बहनों में सबसे छोटी हैं. अर्चना ने जवाहर नवोदय विद्यालय बिहिया भोजपुर से दशवीं तक की पढ़ाई की है और माउंट कार्मेल पटना से बारहवीं की है. फिर दिल्ली के जानकी मेमोरियल कॉलेज से उन्होंने गणित विषय से स्नातक और स्नातकोतर की पढ़ाई पूरी की.

दिल्ली में पदस्थापित सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजीव रंजन के साथ उनकी शादी हुई है. घर परिवार को देखते हुए स्नातक के बाद अर्चना ने बीपीएससी की परीक्षा दी. पिछली बार संतोषप्रद स्थान नहीं मिलने के बाद दूसरी बार परीक्षा में शामिल हुईं और 25 वां स्थान हासिल किया.

पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service commission) के 64वीं परीक्षा के परिणाम घाेषित हो चुके हैं. 64वीं परीक्षा में खासकर ग्रामीण इलाकों के अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.

ऐसी ही प्रतिभावान लोगों में से हैं पटना से सटे बिक्रम प्रखण्ड की रहने वाली अर्चना. जिन्होंने बीपीएससी में 25वां स्थान हासिल किया है. उन्हें एसडीएम (SDM) का पद मिला है. अर्चना की सफलता से पूरा क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

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प्रतिकूल परिस्थितियों में पाई सफलता
बीपीएससी (BPSC) की 64वीं परीक्षा में 25वां स्थान हासिल करने वाली अर्चना शिक्षक की बेटी हैं. एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वे खुद एक मां भी हैं. परिवारिक जिम्मेदारियों के बीच उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के साथ अर्चना ने बीपीएससी की परीक्षा में 25वां स्थान प्राप्त किया है. उनकी इस सफलता से उनके पिता और ससुराल पक्ष के लोग भी काफी खुश हैं.

अर्चना के पति राजीव सुमन कहते हैं कि उनकी पत्नी ने खुद के बल पर कठोर परिश्रम से यह सफलता पाई है. वे कहते हैं कि उनकी मां को भी अर्चना के परीक्षा परिणाम का इन्तजार था लेकिन कोरोना से उनका निधन हो गया.

patna
अर्चना और उनके पति

क्या कहते हैं पिता
वहीं अपनी बेटी की इस सफलता को लेकर उत्साहित अचर्ना के पिता दिनेश सिन्हा कहते हैं कि उन्होंने कभी भी बेटे और बेटी में भेद नहीं किया. अर्चना प्रारंभिक कक्षा से स्नातकोत्तर तक प्रथम स्थान पर रही हैं.

मां इंदु कुमारी का कहना है कि बचपन से ही उसकी पढ़ाई में रूचि थी. जिसके कारण हमने उसे घर के कामों में नहीं लगने दिया.

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अर्चना के माता-पिता और भाई

क्या कहती हैं अर्चना?
वहीं अपनी सफलता का श्रेय माता, पिता, पति और पुत्री को देते हुए अर्चना कुमारी ने कहा कि कठिन मेहनत और आत्म विश्वास के बल पर हम किसी भी मुकाम को प्राप्त कर सकते हैं.

अर्चना ने ईटीवी भारत को बताया कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर प्रमुखता से कार्य करना चाहती हैं. अर्चना ने बताया कि परीक्षा की पूरी तैयारी घर पर की और इसमें उनके पति ने काफी सहयोग किया.

देखें वीडियो

अर्चना का अभी तक का सफर
बताते चलें कि बिक्रम स्थित पार्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय के सेवानिवृत प्राचार्य दिनेश सिन्हा की बेटी अर्चना तीन बहनों में सबसे छोटी हैं. अर्चना ने जवाहर नवोदय विद्यालय बिहिया भोजपुर से दशवीं तक की पढ़ाई की है और माउंट कार्मेल पटना से बारहवीं की है. फिर दिल्ली के जानकी मेमोरियल कॉलेज से उन्होंने गणित विषय से स्नातक और स्नातकोतर की पढ़ाई पूरी की.

दिल्ली में पदस्थापित सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजीव रंजन के साथ उनकी शादी हुई है. घर परिवार को देखते हुए स्नातक के बाद अर्चना ने बीपीएससी की परीक्षा दी. पिछली बार संतोषप्रद स्थान नहीं मिलने के बाद दूसरी बार परीक्षा में शामिल हुईं और 25 वां स्थान हासिल किया.

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