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पटना जंक्शन पर रेल यात्री बजट से नाखुश, पूछने पर लगा दी कमियों की झड़ी

आम बजट से दैनिक रेलयात्री नाखुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि तमाम छोटी छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. उन्हें कम दूरी की पैसेंजर ट्रेन और किराए में सहूलियत चाहिए जो नहीं मिली-

आम बजट से दैनिक रेलयात्री नाखुश
आम बजट से दैनिक रेलयात्री नाखुश
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Published : Feb 1, 2022, 6:22 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 6:48 PM IST

पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट 2022 पेश किया. इसमें रेल बजट 2022 को लेकर सबकी निगाहें टिकीं हुईं थीं. केंद्रीय वित्त मंत्री ने तीन साल में 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाए जाने की घोषणा की. इस घोषणा के बावजूद रेल यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान नहीं नजर आ रही है. दैनिक रेल यात्री (Daily railway passengers not happy) कहते हैं कि उन्हें ट्रेन से डेली अप डाउन करना होता है. पैसेंजर ट्रेनों के संचालन वृद्धि पर सरकार ने कुछ नहीं किया.

ये भी पढ़ें- Budget 2022 : पीएम मोदी ने कहा- पीपुल फ्रेंडली और आत्मनिर्भर भारत का बजट

पटना जंक्शन पर मौजूद रेलयात्री संजीव नारायण सिन्हा ने कहा कि दैनिक रेल यात्रियों के हित में ये बजट नहीं है. उन्होंने कहा कि बजट में ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए थी. इस रूट पर प्रतिदिन 200-300 किलोमीटर दूर जो लोग राजधानी पटना में काम करने आते हैं और फिर अपने घर वापस जाते हैं ऐसे रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाना चाहिए. इसके किराए में भी कमी करनी चाहिए, तब जाकर रेल यात्रियों को सहूलियत मिलती.

पटना जंक्शन पर मौजूद रेल यात्री प्रिया भारती ने कहा कि रेल यात्रियों के लिए बजट में कोई ख्याल नहीं रखा गया. रेल यात्रियों की सबसे ज्यादा समस्या वेटिंग लिस्ट को लेकर होती है. ऐसे में ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी जाती तो यात्रियों को आवागमन में आसानी होती. जो ट्रेन चलायी जा रही है उसमें साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है.

दैनिक यात्री ने बताया कि ट्रेनें समय से नहीं चलती हैं. जिसका खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ता है. जबकि रेलयात्री पूरा पैसा देकर टिकट खरीदते हैं. उनको गंदगी का सामना भी करना पड़ता है. इस व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए. तब जाकर रेल यात्रियों को इस बजट से खुशी मिलती.

गौरतलब है कि सीतारमण ने रेलवे के लिए अपने बजट का पिटारा खोलते हुए कहा कि सिविल संरचनाओं सहित मेट्रो प्रणालियों के डिजाइन को भारतीय परिस्थितियों और जरूरतों के लिए फिर से उन्मुख और मानकीकृत किये जाने की घोषणा की. अपने भजट भाषण में उन्होंने बताया कि रेलवे पहले से ही 44 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण कर रहा है, ताकि इन ट्रेनों को 15 अगस्त, 2023 तक कम से कम 75 मार्गों पर चलाया जा सके, जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषित किया था.

रेल बजट पर मुख्य अंश

  • अगले तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनों को लाया जाएगा.
  • रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा
  • रेलवे में सुरक्षा और उसकी क्षमता वृद्धि के लिए वर्ल्ड क्लास तकनीक (KAWACH) के तहत 2000 किलोमीटर का रेल नेटवर्क तैयार किया जाएगा.
  • अगले तीन सालों में 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे. मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए नए तरीकों से कार्यान्वयन किया जाएगा.
  • पोस्टल विभाग और रेल नेटवर्क को आपस में बेहतर समन्वय करवाया जाएगा.
  • रेलवे स्थानीय उत्पाद की सप्लाई चैन को बेहतर करने के लिए एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना की शुरुआत करेगा.

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पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट 2022 पेश किया. इसमें रेल बजट 2022 को लेकर सबकी निगाहें टिकीं हुईं थीं. केंद्रीय वित्त मंत्री ने तीन साल में 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाए जाने की घोषणा की. इस घोषणा के बावजूद रेल यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान नहीं नजर आ रही है. दैनिक रेल यात्री (Daily railway passengers not happy) कहते हैं कि उन्हें ट्रेन से डेली अप डाउन करना होता है. पैसेंजर ट्रेनों के संचालन वृद्धि पर सरकार ने कुछ नहीं किया.

ये भी पढ़ें- Budget 2022 : पीएम मोदी ने कहा- पीपुल फ्रेंडली और आत्मनिर्भर भारत का बजट

पटना जंक्शन पर मौजूद रेलयात्री संजीव नारायण सिन्हा ने कहा कि दैनिक रेल यात्रियों के हित में ये बजट नहीं है. उन्होंने कहा कि बजट में ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए थी. इस रूट पर प्रतिदिन 200-300 किलोमीटर दूर जो लोग राजधानी पटना में काम करने आते हैं और फिर अपने घर वापस जाते हैं ऐसे रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाना चाहिए. इसके किराए में भी कमी करनी चाहिए, तब जाकर रेल यात्रियों को सहूलियत मिलती.

पटना जंक्शन पर मौजूद रेल यात्री प्रिया भारती ने कहा कि रेल यात्रियों के लिए बजट में कोई ख्याल नहीं रखा गया. रेल यात्रियों की सबसे ज्यादा समस्या वेटिंग लिस्ट को लेकर होती है. ऐसे में ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी जाती तो यात्रियों को आवागमन में आसानी होती. जो ट्रेन चलायी जा रही है उसमें साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है.

दैनिक यात्री ने बताया कि ट्रेनें समय से नहीं चलती हैं. जिसका खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ता है. जबकि रेलयात्री पूरा पैसा देकर टिकट खरीदते हैं. उनको गंदगी का सामना भी करना पड़ता है. इस व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए. तब जाकर रेल यात्रियों को इस बजट से खुशी मिलती.

गौरतलब है कि सीतारमण ने रेलवे के लिए अपने बजट का पिटारा खोलते हुए कहा कि सिविल संरचनाओं सहित मेट्रो प्रणालियों के डिजाइन को भारतीय परिस्थितियों और जरूरतों के लिए फिर से उन्मुख और मानकीकृत किये जाने की घोषणा की. अपने भजट भाषण में उन्होंने बताया कि रेलवे पहले से ही 44 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण कर रहा है, ताकि इन ट्रेनों को 15 अगस्त, 2023 तक कम से कम 75 मार्गों पर चलाया जा सके, जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषित किया था.

रेल बजट पर मुख्य अंश

  • अगले तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनों को लाया जाएगा.
  • रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा
  • रेलवे में सुरक्षा और उसकी क्षमता वृद्धि के लिए वर्ल्ड क्लास तकनीक (KAWACH) के तहत 2000 किलोमीटर का रेल नेटवर्क तैयार किया जाएगा.
  • अगले तीन सालों में 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे. मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए नए तरीकों से कार्यान्वयन किया जाएगा.
  • पोस्टल विभाग और रेल नेटवर्क को आपस में बेहतर समन्वय करवाया जाएगा.
  • रेलवे स्थानीय उत्पाद की सप्लाई चैन को बेहतर करने के लिए एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना की शुरुआत करेगा.

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Last Updated : Feb 1, 2022, 6:48 PM IST
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