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पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन कम होने से दैनिक यात्री परेशान, भीड़ में खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर - Daily commuters upset due to reduced operation of trains

कोरोना संक्रमण के मामले कम होने पर लोगों की आवाजाही शुरू हो गयी है. हालांकि अभी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कम हो रहा है. जिससे दैनिक यात्रा करने वाले यात्रियों को भीड़ में खड़े होकर यात्रा करना पड़ रहा है.

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Published : Sep 12, 2021, 2:32 PM IST

पटना: राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मामले कम हुए हैं. जिससे एक बार फिर से लोगों का आवागमन शुरू हो गया है. लेकिन, पैसेंजर ट्रेनों के कम संचालन से दैनिक रेल यात्रियों (Passengers) की परेशानी कम नहीं हो रही है. उन्हें भीड़ में यात्रा करना पड़ रहा है. हालांकि यात्रियों ने कई रूटों पर पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन बढ़ाने के लिए कई बार रेल की पटरियों पर हंगामा किया और नाराजगी जाहिर की. इसके बावजूद भी रेलवे प्रशासन ने पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में बढ़ोतरी नहीं की.

ये भी पढ़ें- दैनिक रेल यात्रियों को यात्रा करने में हो रही परेशानी, ट्रेनों का किराया बढ़ा लेकिन परेशानी जस की तस

बिहार के अधिकांश जिलों से लोग प्रतिदिन ट्रेन के माध्यम से राजधानी पटना आते हैं और अपना काम करके लौट जाते हैं. लेकिन इन दिनों पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम होने के कारण प्लेटफार्म पर भीड़ लगी रही है और यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है

देखें वीडियो

कोरोना के मामलों में कमी होने पर भारतीय रेल का परिचालन पूर्व मध्यरेल के क्षेत्राधिकार में किया जा रहा है. लेकिन जो पहले मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन चलायी जा रही थी, उसमें कमी देखने को मिल रही है. पहले 275 मेल और एक्सप्रेस पूर्व मध्य रेल की पटरी पर दौड़ती थी. उसमें लगभग 260 का परिचालन किया जा रहा है. लेकिन पैसेंजर ट्रेन पहले 175 चलते थे लेकिन 120 का ही परिचालन हो रहा है. दानापुर डिवीजन में 32 जोड़ी पैसेनजर ट्रेन कोरोना से पहले चलती थी, फिलहाल 17 पैसेंजर ट्रेन चलने से यात्रियों को भीड़ का सामना करना पड़ रहा है.

रेल से सफर करने वाले राकेश कुमार ने बताया कि किसी भी शहर के लिए पैसेंजर ट्रेन लाइफ लाइन होती है. बिहार की राजधानी पटना में छात्र पढ़ने और अन्य लोग व्यक्तिगत काम व नौकरी करने आते हैं. लेकिन पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम होने से खड़े होकर यात्रा करना पड़ता है और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पाता. हमारी रेलवे प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द बंद पड़ी पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू करे.

ये भी पढ़ें- मुखिया पति की करतूत... अगवा कर 1 साल तक किया गैंगरेप... गर्भवती होने पर छोड़ा... नाबालिग बनी कुंवारी मां

रेल यात्री ज्वाला कुमार ने बताया कि पटना जंक्शन पर सुबह से बैठे हैं. एक भी पैसेनजर ट्रेन नहीं है. इंक्वायरी में पता करने पर पता चला कि 2 बजे जाएगी अब ऐसे में काफी मुश्किल हो रहा है. ट्रेन का टिकट जहा पहले 10 रुपये लगता था, वहां अब 30 लिया जा रहा है, पर सुविधा नहीं मिल रही है.

इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में मात्र 60 प्रतिशत ही पैसेंजर ट्रेन और 90 प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है. बहुत जल्द पूर्व मध्य रेल के अंतर्गत चलने वाली सभी ट्रेनें चलाई जाएंगी. इसके लिए पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भी भेजा गया है. जल्द ही विभिन्न रेलमार्गों पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की घोषणा की जाएगी.

पटना: राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मामले कम हुए हैं. जिससे एक बार फिर से लोगों का आवागमन शुरू हो गया है. लेकिन, पैसेंजर ट्रेनों के कम संचालन से दैनिक रेल यात्रियों (Passengers) की परेशानी कम नहीं हो रही है. उन्हें भीड़ में यात्रा करना पड़ रहा है. हालांकि यात्रियों ने कई रूटों पर पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन बढ़ाने के लिए कई बार रेल की पटरियों पर हंगामा किया और नाराजगी जाहिर की. इसके बावजूद भी रेलवे प्रशासन ने पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में बढ़ोतरी नहीं की.

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बिहार के अधिकांश जिलों से लोग प्रतिदिन ट्रेन के माध्यम से राजधानी पटना आते हैं और अपना काम करके लौट जाते हैं. लेकिन इन दिनों पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम होने के कारण प्लेटफार्म पर भीड़ लगी रही है और यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है

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कोरोना के मामलों में कमी होने पर भारतीय रेल का परिचालन पूर्व मध्यरेल के क्षेत्राधिकार में किया जा रहा है. लेकिन जो पहले मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन चलायी जा रही थी, उसमें कमी देखने को मिल रही है. पहले 275 मेल और एक्सप्रेस पूर्व मध्य रेल की पटरी पर दौड़ती थी. उसमें लगभग 260 का परिचालन किया जा रहा है. लेकिन पैसेंजर ट्रेन पहले 175 चलते थे लेकिन 120 का ही परिचालन हो रहा है. दानापुर डिवीजन में 32 जोड़ी पैसेनजर ट्रेन कोरोना से पहले चलती थी, फिलहाल 17 पैसेंजर ट्रेन चलने से यात्रियों को भीड़ का सामना करना पड़ रहा है.

रेल से सफर करने वाले राकेश कुमार ने बताया कि किसी भी शहर के लिए पैसेंजर ट्रेन लाइफ लाइन होती है. बिहार की राजधानी पटना में छात्र पढ़ने और अन्य लोग व्यक्तिगत काम व नौकरी करने आते हैं. लेकिन पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम होने से खड़े होकर यात्रा करना पड़ता है और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पाता. हमारी रेलवे प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द बंद पड़ी पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू करे.

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रेल यात्री ज्वाला कुमार ने बताया कि पटना जंक्शन पर सुबह से बैठे हैं. एक भी पैसेनजर ट्रेन नहीं है. इंक्वायरी में पता करने पर पता चला कि 2 बजे जाएगी अब ऐसे में काफी मुश्किल हो रहा है. ट्रेन का टिकट जहा पहले 10 रुपये लगता था, वहां अब 30 लिया जा रहा है, पर सुविधा नहीं मिल रही है.

इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि पूर्व मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में मात्र 60 प्रतिशत ही पैसेंजर ट्रेन और 90 प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है. बहुत जल्द पूर्व मध्य रेल के अंतर्गत चलने वाली सभी ट्रेनें चलाई जाएंगी. इसके लिए पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भी भेजा गया है. जल्द ही विभिन्न रेलमार्गों पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की घोषणा की जाएगी.

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