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ट्रेनों में क्षमता से ज्यादा यात्री कर रहे हैं सफर, अधिक किराया वसूली के बावजूद रेलवे लापरवाह

दशहरा-दीपावली और छठ पूजा पर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात सहित अन्य शहरों से बिहारवासी वापस लौटने वाले हैं. आलम ये है कि अभी से ही ट्रेनों में क्षमता से ज्यादा यात्री सफर करने को मजबूर हैं. तय से ज्यादा किराया वसूली के बावजूद ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग व कोरोना गाइडलान का पालन नहीं किया जा रहा है.

फेस्टिव सीजन के दौरान ट्रेनों में क्षमता से ज्यादा यात्री कर रहे सफर
फेस्टिव सीजन के दौरान ट्रेनों में क्षमता से ज्यादा यात्री कर रहे सफर
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Published : Oct 3, 2021, 4:02 PM IST

पटना: दशहरा, दीपावली और छठ पर्व को लेकर (Train operation in festive season) पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) की ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है. वहीं रेलवे अभी भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल रहा है, लेकिन इन दिनों ट्रेनों की बोगियों में क्षमता से अधिक यात्री बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं. ऐसे में ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं के बराबर हो रहा है. रेलवे प्रशासन भले ही लाख दावा क्यों न करें कि कोरोना गाइडलाइन के तहत यात्रियों को सुविधा मिल रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है.

ये भी पढ़ें : यात्रीगण कृपया ध्यान दें! भारतीय रेलवे ने की 38 ट्रेनें रद्द, जानिए क्या है वजह

सबसे बड़ी बात है कि पिछले कुछ दिनों से यह देखने को मिला है कि ट्रेनों में सीट काफी मुश्किल से मिल रही है. स्थिति ये है कि अगर 3 लोग टिकट लिए तो उसमें एक का ही कंफर्म हो रहा है और 2 वेटिंग टिकट को लेकर यात्रा करने को मजूबर हैं. हालांकि रेलवे द्वारा ये कहा जाता है कि वेटिंग टिकट पर किसी को यात्रा नहीं करने दिया जाएगा, लेकिन रेलवे के आदेश की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही है.

देखें वीडियो

पूर्व मध्य रेल से गुजरने वाली करीब सभी ट्रेनों में क्षमता से अधिक यात्री यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पटना जंक्शन पर जाकर जब पड़ताल की तो पाया कि ट्रेनों में इन दिनों भीड़ काफी बढ़ गई है. पड़ताल में ये पाया गया कि दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र से आने वाली ट्रेनों में भी यात्री क्षमता से अधिक बोगी में बैठकर यात्रा कर रहे हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई चीज नहीं है.

वहीं इन ट्रेनों में कई सारे लोग बिना मास्क के ही यात्रा करते भी नजर आते हैं. वहीं रेल यात्रियों ने अधिक किराया वसूले जाने को लेकर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि किराया तो अधिक वसूला जा रहा है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है. रेलवे आम आदमी पर हर दिन बोझ बढ़ाते जा रहा है.

वहीं इस मामले को लेकर पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि अभी दो तरह की ट्रेनें चलाई जा रही है. एक तो स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही जो पूर्णता आरक्षित है. जिसमें कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि लोकल यात्री जो बिहार के हैं. उनको किसी कारणवश बिहार से बाहर दूसरे प्रदेश में जाना होता है. वैसे यात्रियों के लिए पैसेंजर ट्रेनों का भी परिचालन किया जा रहा है. यात्रियों से अपील है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग कोविड-19 का पालन करते हुए यात्रा करें और रेलवे का सहयोग करें.

इसे भी पढ़ें : अभी ही दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात से आने वाली ट्रेनें हो गई फुल, दशहरा-दिवाली पर कैसे आएंगे घर?

पटना: दशहरा, दीपावली और छठ पर्व को लेकर (Train operation in festive season) पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) की ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है. वहीं रेलवे अभी भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल रहा है, लेकिन इन दिनों ट्रेनों की बोगियों में क्षमता से अधिक यात्री बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं. ऐसे में ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं के बराबर हो रहा है. रेलवे प्रशासन भले ही लाख दावा क्यों न करें कि कोरोना गाइडलाइन के तहत यात्रियों को सुविधा मिल रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है.

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सबसे बड़ी बात है कि पिछले कुछ दिनों से यह देखने को मिला है कि ट्रेनों में सीट काफी मुश्किल से मिल रही है. स्थिति ये है कि अगर 3 लोग टिकट लिए तो उसमें एक का ही कंफर्म हो रहा है और 2 वेटिंग टिकट को लेकर यात्रा करने को मजूबर हैं. हालांकि रेलवे द्वारा ये कहा जाता है कि वेटिंग टिकट पर किसी को यात्रा नहीं करने दिया जाएगा, लेकिन रेलवे के आदेश की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही है.

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पूर्व मध्य रेल से गुजरने वाली करीब सभी ट्रेनों में क्षमता से अधिक यात्री यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पटना जंक्शन पर जाकर जब पड़ताल की तो पाया कि ट्रेनों में इन दिनों भीड़ काफी बढ़ गई है. पड़ताल में ये पाया गया कि दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र से आने वाली ट्रेनों में भी यात्री क्षमता से अधिक बोगी में बैठकर यात्रा कर रहे हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई चीज नहीं है.

वहीं इन ट्रेनों में कई सारे लोग बिना मास्क के ही यात्रा करते भी नजर आते हैं. वहीं रेल यात्रियों ने अधिक किराया वसूले जाने को लेकर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि किराया तो अधिक वसूला जा रहा है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है. रेलवे आम आदमी पर हर दिन बोझ बढ़ाते जा रहा है.

वहीं इस मामले को लेकर पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि अभी दो तरह की ट्रेनें चलाई जा रही है. एक तो स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही जो पूर्णता आरक्षित है. जिसमें कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि लोकल यात्री जो बिहार के हैं. उनको किसी कारणवश बिहार से बाहर दूसरे प्रदेश में जाना होता है. वैसे यात्रियों के लिए पैसेंजर ट्रेनों का भी परिचालन किया जा रहा है. यात्रियों से अपील है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग कोविड-19 का पालन करते हुए यात्रा करें और रेलवे का सहयोग करें.

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