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पटनाः माघ पूर्णिमा को लेकर बाढ़ रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की लगी भीड़

माघी पूर्णिमा को लेकर बाढ़ रेलवे स्टेशन पर खड़ी कई ट्रेनों में श्रद्धालुओं की खचाखच भीड़ देखी गई. जहां कई ट्रेनों में श्रद्धालु नहीं चढ़ सके और दूसरी ट्रेन का इंतजार करने लगे. लेकिन करीब एक दर्जन ट्रेन जाने के बावजूद भी बाढ़ स्टेशन पर भीड़ लगी हुई है.

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Published : Feb 9, 2020, 3:19 PM IST

बाढ़ रेलवे स्टेशन
बाढ़ रेलवे स्टेशन

पटनाः रविवार को माघी पूर्णिमा के अवसर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इसी कड़ी में बाढ़ रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखने को मिली. इसे देखते हुए रेल पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.

patna
ट्रेन में चढ़ते श्रद्धालु

श्रद्धालुओं की लगी भीड़
माघी पूर्णिमा को लेकर बाढ़ रेलवे स्टेशन पर खड़ी कई ट्रेनों में श्रद्धालुओं की खचाखच भीड़ देखी गई. जहां कई ट्रेनों में श्रद्धालु नहीं चढ़ सके और दूसरी ट्रेन का इंतजार करने लगे. लेकिन करीब एक दर्जन ट्रेन जाने के बावजूद भी बाढ़ स्टेशन पर भीड़ लगी हुई है. सभी ट्रेनें श्रद्धालुओं से भरकर जा रही है. उसके बावजूद भी भीड़ कम नहीं हो पा रहा है. रेल पुलिस पूरे रेलवे स्टेशन के चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

उमानाथ धाम का है खास महत्व
बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण माघ पूर्णिमा के दिन उमानाथ धाम पर गंगा स्नान करने का खासा महत्व है. जिसके कारण कई जिलों से लोग यहां पहुंचकर गंगा स्नान करते हैं. ऐसी मान्यता है कि उमानाथ धाम में माघ पूर्णिमा के दिन स्नान कर कुछ मांगने से इच्छा पूरी होती है. इसलिए लोग वहां पूजा-पाठ करने आते हैं.

पटनाः रविवार को माघी पूर्णिमा के अवसर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इसी कड़ी में बाढ़ रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखने को मिली. इसे देखते हुए रेल पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.

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ट्रेन में चढ़ते श्रद्धालु

श्रद्धालुओं की लगी भीड़
माघी पूर्णिमा को लेकर बाढ़ रेलवे स्टेशन पर खड़ी कई ट्रेनों में श्रद्धालुओं की खचाखच भीड़ देखी गई. जहां कई ट्रेनों में श्रद्धालु नहीं चढ़ सके और दूसरी ट्रेन का इंतजार करने लगे. लेकिन करीब एक दर्जन ट्रेन जाने के बावजूद भी बाढ़ स्टेशन पर भीड़ लगी हुई है. सभी ट्रेनें श्रद्धालुओं से भरकर जा रही है. उसके बावजूद भी भीड़ कम नहीं हो पा रहा है. रेल पुलिस पूरे रेलवे स्टेशन के चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

उमानाथ धाम का है खास महत्व
बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण माघ पूर्णिमा के दिन उमानाथ धाम पर गंगा स्नान करने का खासा महत्व है. जिसके कारण कई जिलों से लोग यहां पहुंचकर गंगा स्नान करते हैं. ऐसी मान्यता है कि उमानाथ धाम में माघ पूर्णिमा के दिन स्नान कर कुछ मांगने से इच्छा पूरी होती है. इसलिए लोग वहां पूजा-पाठ करने आते हैं.

Intro:माघी पूर्णिमा को लेकर बाढ़ रेलवे स्टेशन पूरे श्रद्धालुओं से पटा दिखा। पूरे रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ रेल पुलिस के तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।Body:माघी पूर्णिमा को लेकर गंगा स्नान को लेकर बाढ़ के रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की खचाखच भीड़ देखी। वहीं कई ट्रेनों पर श्रद्धालु खचाखच भीड़। कई ट्रेनों में श्रद्धालु नहीं चढे तो दूसरे ट्रेन का इंतजार करने लगे। करीब एक दर्जन ट्रेन जाने के बावजूद भी बाढ़ स्टेशन पर भीड़ लगी हुई है।सभी ट्रेनें श्रद्धालुओं से भरकर जा रही है उसके बावजूद भी भीड़ कम नहीं हो पा रहा है। रेल पुलिस वर्दी और शादी ड्रेस में पूरे रेलवे स्टेशन के चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुई है।

उत्तरायण गंगा के तट पर बसा बाढ़ का उमानाथ धाम !जहां मांघी पूर्णिमा के अवसर पर लाखों लोग करते हैं गंगा स्नान! बाढ़ के उमानाथ धाम के बारे में एक कहावत प्रचलित है कि--"बाढ़ बनारस एक है बसे गंग के तीर! उमानाथ के दर्शन से कंचन होत शरीर!"

इसी कहावत को चरितार्थ करने हेतु हर साल बाढ़ के उमानाथ धाम में बिहार के अन्य जिलों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं ,और गंगा स्नान कर पूजा पाठ करते हैं! इस बार भी बाढ़ रेलवे स्टेशन एक दिन पहले से ही खचाखच भरी हुई थी! बाढ़ शहर के चप्पे-चप्पे में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है! इस धाम में गंगा स्नान को लेकर लोग पूर्व से ही मन्नत मान रखते हैं! और मन्नत की पूर्ति होते ही लोग अपने-अपने तरीके से गंगा स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं! कहीं मुंडन की परंपरा जारी रहती है! तो कहीं पाठा दान की! कहीं भूत खेली की परंपरा देखी जाती है, तो कहीं भगत को सिद्ध होते हुए! बाढ़ प्रशासन की ओर से भी श्रद्धालुओं की सुख-सुविधा का भरपूर ख्याल रखा जाता है! पानी, बिजली, सुरक्षा पर सप्ताह पूर्व प्रशासन की ओर से तैयारी की जाती है !तब जाकर संपन्न होता है, माघी पूर्णिमा का विशाल मेला! बाढ़ वासियों को आज भी अफसोस है कि-हर साल उमानाथ धाम में लाखों-लाख की संख्या में लोग पूजा अर्चना करते हैं! लेकिन आज तक न तो बाढ़ जिला का दर्जा ले पाया है, और न हीं यहां का विशाल मेला "राष्ट्रीय मेला "का दर्जा ले पाया है! जबकि बिहार में लगने वाली सिमरिया मेला,और चौहरमल मेला, को बहुत पहले ही 'राष्ट्रीय मेला' का दर्जा प्राप्त हो चुका है!

बाइट-जेपी सिंह (एस आई विधि व्यवस्था प्रभारी बाढ़ रेल)Conclusion:
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