पटना: बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (Bihar Congress President) मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) ने दिल्ली जाकर आलाकमान को इस्तीफा सौंप दिया है. फिलहाल इस मामले में बिहार कांग्रेस के नेता कुछ भी बोलने से परहेज करते नजर आ रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को दिल्ली तलब किया गया था. झा के खराब परफॉर्मेंस के बाद अब दलित नेता को पीसीसी कमान देने की चर्चा जोरों पर हो रही है.
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राजेश राम बन सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष: बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते ही नए अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा जोरों पर है कि बिहार कांग्रेस की कमान बहुत जल्द एक दलित के हाथ में जा सकती है. जिसमें पहला नाम राजेश राम का सामने आ रहा है. हालांकि इससे पहले भी बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्तचरण दास ने अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ इन्हीं का नाम भेजा था. ऐसे में अब लग रहा है कि राजेश राम के नाम पर मुहर लग जायेगी. फिलहाल, अध्यक्ष कोई बने लेकिन इतना तो जरूर है कि बिहार कांग्रेस की कमान किसी और के हाथ में जाना तय है.
रेस में प्रेमचंद मिश्रा का भी नाम: सूत्रों की मानें तो इससे पहले भी कांग्रेस के विधायक राजेश राम का नाम बिहार प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आया था. लेकिन अब लग रहा है कि बहुत जल्द ही बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नया अध्यक्ष मिलेगा और अभी तक अध्यक्ष के रेस में सबसे आगे कुटुंबा के विधायक राजेश नाम का ही नाम नजर आ रहा है. वैसे प्रदेश अध्यक्ष के रेस में प्रेमचंद मिश्रा का भी नाम है लेकिन जिस तरह की राजनीति बिहार में हो रही है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस फिर सवर्ण नेता के हाथ में बिहार कांग्रेस का कमान नहीं दे सकता है. फिलहाल मिल रही जानकारी के अनुसार राजेश राम ही इस पद के प्रबल दावेदार हैं.
एमएलसी चुनाव में एक सीट पर सिमटी कांग्रेस: बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) के लिए आरजेडी ने 24 सीटों में से 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. एक सीट महागठबंधन में सीपीआई के खाते में गई थी. वहीं, बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से हुए चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन में चुनाव लड़ना चाहती थी. यही वजह है कि वह पटना से दिल्ली तक तेजस्वी और लालू को मनाने की कोशिश करती रही. लेकिन लालू ने उन्हें समय नहीं दिया. 23 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद राजद को सिर्फ 6 सीटों पर जीत मिली. वहीं, कांग्रेस के एक प्रत्याशी ने बेगूसराय सीट पर जीत हासिल की है. साथ ही पूर्वी चंपारण में एक निर्दलीय प्रत्याशी भी कांग्रेस के समर्थन से चुनाव जीतकर आए हैं. कांग्रेस पार्टी इस नतीजे से खुश नहीं है.
बिहार कांग्रेस में बड़े स्तर पर फेरबदल जल्द: बता दें कि बिहार में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के चलते बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने काफी पहले ही प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के संकेत दे दिए थे. उन्होंने कहा था कि संगठन को मजबूत करने के लिए जल्द ही बड़े स्तर पर फेरबदल किया जाएगा. प्रदेश के सीनियर नेताओं की कांग्रेस आलाकमान के साथ दिल्ली में जल्द बैठक होने की संभावना जताई जा रही है. इस बैठक में इस बात पर मंथन होगा कि कांग्रेस के संगठन को बिहार में धारदार कैसे बनाया जाए? कांग्रेस को शक्तिशाली कैसे बनाया जाए?
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