पटना : बिहार में बालू खनन और शराब का अवैध कारोबार हजारों करोड़ का है. 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत बालू है. पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने बालू के कारोबार से 2650 करोड़ रुपये की कमाई की है. अवैध बालू खनन को रोकने के लिए सरकार के तरफ से कई कदम उठाए गए हैं. बावजूद इसके बालू को लेकर वर्चस्व की लड़ाई और हत्याओं का सिलसिला थमा नहीं.
कार्रवाई के बावजूद बालू माफिया बेकाबू : पिछले वित्त वर्ष के दौरान राज्य भर में बालू का अवैध कारोबार रोकने के लिए करीब 23 हजार छापेमारी गई थी और इसमें खान व भूतत्व विभाग ने 300 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला था. बालू के अवैध कारोबार के संबंध में 4435 एफआईआर दर्ज की. इन मामलों में 2439 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया और 20 हजार से ज्यादा वाहन भी जब्त किए गए हैं. सरकार की शक्ति के बाद भी बालू माफिया हमला करने से बाज नहीं आते हैं.
जमुई में दारोगा की हत्या : ट्रैक्टर दो दिन पहले जमुई में दारोगा प्रभात रंजन की हत्या ट्रैक्टर से कुचलक कर दी गई. ट्रैक्टर से कुचलकर इससे पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं. बालू को लेकर लगातार गैंगवार भी हो रहे हैं. गैंगवार में भी लोगों की जानें जा रही हैं. विशेषज्ञ की मानें तो बालू का बिहार में 10000 करोड़ से अधिक का कारोबार है. इसमें सभी दल के नेताओं की संलिप्तता है. प्रशासन की मिलीभगत भी है. बालू के अवैध कारोबार में पूरा सिंडिकेट काम करता है. इसे समाप्त करना एक बड़ी चुनौती है.
बालू के अवैध कारोबार में गैंगवार : बिहार में एक तरफ 20 से 25 हजार करोड़ के अवैध शराब के कारोबार होने की बात कही जाती है, तो दूसरी तरफ 10000 करोड़ के अवैध बालू कारोबार की भी चर्चा होती है. इसी अवैध बालू के कारोबार के लिए गैंगवार से लेकर पुलिस और खनन अधिकारियों पर हमले तक होते हैं, उनकी हत्या तक की जाती है.
''अवैध बालू कारोबार के कारण ही आज बालू बिहार में महंगा बिक रहा है. पूरा सिंडिकेट काम करता है. जिसमें राजनीतिक से लेकर प्रशासन के लोग भी शामिल हैं. इसलिए इसे रोकना नीतीश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.''- अरुण पांडे, विशेषज्ञ
बालू के काले कारोबार में सफेदपोश : बालू के अवैध कारोबार पर सियासत भी खूब होती रही है. जदयू-राजद और बीजेपी एक दूसरे पर बालू के अवैध कारोबार में शामिल लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाते रहे हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी हमेशा नीतीश कुमार पर बालू माफिया को संरक्षण देने वाले राजद के आगे घुटने टेकने का आरोप लगाते रहे हैं.
सुशील मोदी ने किया टार्गेट : सुशील मोदी का यह भी कहना है सत्ता-संरक्षित बालू माफिया के कारण इस सरकार के 14 महीनों में गैंगवार, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर हमले की 50 से अधिक घटनाओं में दो दर्जन लोग मारे जा चुके हैं. गैंगवार में हजारों राउंड गोलियां चलीं और दो दर्जन पोकलेन मशीनें फूंकी गईं.
सरकार के बचाव में जेडीयू : उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के आरोप पर जदयू प्रवक्ता राहुल शर्मा का कहना है कि ''बीजेपी बालू के कारोबार से जुड़े ही लोगों को सदन में भेज रही है. इसलिए सुशील मोदी अपने बचाव के लिए पहले ही आरोप लगाना शुरू कर देते हैं. जहां तक बालू माफियाओं पर कार्रवाई की बात है, तो सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. कई तरह के फैसले भी लिए गए हैं.''
''नीतीश सरकार में बालू माफियाओं पर लगातार कार्रवाई हो रही है. इन्हीं कार्रवाई से बीजेपी के लोग परेशान हैं.''- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता
15 अक्टूबर 2023 से शुरू है बालू खनन : 15 अक्टूबर जब से बालू खनन शुरू हुआ है तब से अब तक बालू माफियाओं के बीच आपसी गैंगवार भी शुरू हो गयी. भोजपुर से लेकर पटना तक हुए गंगवार और रंगदारी में तीन बालू विक्रेताओं की मौत हो गई है. वहीं इस साल पुलिस और खनन विभाग पर कई हमले हुए हैं और उसमें भी मौत हुई है. हाल ही में 14 नवंबर को जमुई में ट्रैक्टर से पुलिसकर्मियों को कुचला गया. दारोगा प्रभात रंजन की मौत हो गई है एक जवान घायल हो गया.
बिहार बालू माफिया के हमले : 2 नवंबर को खनन विभाग की टीम पर बालू माफिया ने सिपाही को जमकर पीटा था. 1 नवंबर को औरंगाबाद में सिपाही को बालू माफिया ने ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला था. 12 अक्टूबर को गया में बालू माफियाओं के हमले में दारोगा समेत दो जवान घायल हो गए थे. 8 अक्टूबर को जमुई में ही पुलिस की जांच टीम पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया.
बालू माफिया का अधिकारियों पर हमला : 1 अक्टूबर को पटना के मनेर में बालू माफिया ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी. 14 सितंबर को नवादा में कादिरगंज में खनन टीम पर हमला कर बालू माफियाओं ने खनन निरीक्षक और सैप जवान को घायल कर दिया. वहीं, 20 अगस्त को गया में ट्रैक्टर पकड़ने गई पुलिस टीम पर बालू माफिया ने हमला कर दिया, जिसमें एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए.
ट्रैक्टर से कुचलना बालू माफिया का हथियार: 26 जुलाई को नवादा में अवैध खनन रोकने गए दारोगा पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया गया. 21 जुलाई को बांका में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर बालू माफिया ने हमला बोल दिया. 18 अप्रैल को पटना के बिहटा में खनन माफिया के हमले में एक महिला खनन निरीक्षक समेत तीन अधिकारी घायल हो गए. 23 फरवरी को छपरा में खनन निरीक्षक पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया.
बालू घाटों पर प्रशासन ने किए इंतजाम : 15 अक्टूबर से नए प्रावधान के तहत नये बंदोबस्तधारियों के माध्यम से बालू खनन शुरू किया गया है. इसके लिए नई नीति के तहत नदी घाटों की छोटे क्लस्टर बनाकर उसकी निलामी की गई है. खान भूतत्व विभाग ने बालू के अवैध खनन-बिक्री-ढुलाई से राज्य सरकार को होने वाले राजस्व की हानि को रोकने के लिए विशेष तैयारी की है. निगरानी के लिए बालू घाटों पर ड्रोन की मदद ली जा रही है.
सीसीटीवी से बालू घाटों का निरीक्षण : बालू ढोने वाली गाड़ियों का निबंधन करवा कर उसमें GPS लगाने, बालू के वजन के लिए घाटों पर धर्मकांटा लगाने, चेक पोस्ट बनाने, चालान काउंटर व चेकपोस्ट पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश भी दिया गया है. ऐसे तो पहले 1 अक्टूबर से ही बालू खनन शुरू होना था, लेकिन मानसून को देखते हुए उसे बढ़ाकर 15 अक्टूबर किया गया. हालांकि अभी काफी संख्या में घाटों की नीलामी होनी है. लेकिन दूसरी तरफ बालू माफिया बालू के अवैध कारोबार पर वर्चस्व के लिए ताकत भी दिखा रहे हैं. यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.