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Bihar News: मादक पदार्थों के धंधे पर शिकंजा कसने में जुटी पुलिस, अफीम और नशीले पदार्थों की खेती पर रख रही नजर

पुलिस शराब के साथ मादक पदार्थों के धंधे पर शिकंजा कसने में जुटी है. आर्थिक अपराध इकाई की निगरानी में राज्य भर में नशे के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है. मादक पदार्थों की तस्करी और अफीम की खेती पर एससीबी,पारा मिलिट्री फोर्स, सेटेलाइट ड्रोन से नजर रखी जा रही है. इसके लिए जागरुकता अभियान भी चला रही है. पढ़ें पूरी खबर...

आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान
आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 10, 2023, 6:07 PM IST

पटना में आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान

पटना: बिहार में शराब के साथ मादक पदार्थों की तस्करी कर अवैध अफीम की खेती करने वालों पर आर्थिक अपराध इकाई कार्रवाई शुरू कर दी है. बिहार के साथ-साथ पूरे देश में मादक पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने हो रही है. जिसमें ज्यादातर युवक इसके शिकार हो रहे हैं. मौजूदा स्थिति में इस गंभीर समस्या से निबटने के लिए कई राज्यों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस मादक पदार्थों की खेती करने वाले और तस्करी करने वालों पर कार्रवाई की है.

ये भी पढ़ें: Nawada News: वन विभाग की 2 एकड़ जमीन पर लहलहा रहा था अफीम का पौधा, पुलिस ने किया नष्ट.. देसी राइफल बरामद

पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी पर कस रही शिकंजा : दरअसल, हाल के वर्षों में बिहार भी मादक पदार्थों की तस्करी और उसके जद में आने वाले बच्चे और युवाओं को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बिहार आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस केंद्रीय नारकोटिक्स और अन्य एजेंसियों के माध्यम से पता लगाने में जुटी है. उन्होंने कहा कि तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कार्रवाई कर रही है. जिसमें बिहार के गया जिले के बाराचट्टी और धनगई इलाके जो झारखंड बॉर्डर से सटे है.

अफीम की खेती को किया नष्ट: एडीजी नय्यर हसनैन खान ने कहा कि विगत एक साल में इन इलाकों में बिहार पुलिस की नक्सलियों पर लगातार कार्रवाई में इनका प्रभाव कम हुआ है. जिसका नतीजा है कि 2020-21 में 16 मामले दर्ज किए गए थे. जिसमें 108 लोगों को चिह्नित की गई थी. वहीं 15 लोगों को गांजा और अफीम के मामले में गिरफ्तार किये गये थे. इसके साथ-साथ 584 एकड़ भूमि पर हो रहे गांजा और अफीम की खेती को विनष्टीकरण भी किया गया.

सेटेलाइट ड्रोन से रखी जा रही नजर: उन्होंने कहा कि अगर हम बात करें 2021-22 की तो 40 मामले दर्ज किए गए थे. जिसमें 236 लोगों को चिह्नित किये गये. जिसमें 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं 620 एकड़ भूमि पर हो रहे अवैध खेती को विनष्टीकरण किया गया. वहीं 2022-23 में 33 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 121 लोगों को चिह्नित किये गये. जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया. करीब 1300 एकड़ भूमि में एससीबी, पारा मिलिट्री फोर्स, सेटेलाइट ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस इत्यादि की साझा मदद से मादक पदार्थों की खेती को नष्ट की गई.

"4 अक्टूबर को एनसीआरबी के डिग्री की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. जिसमें अफीम की अवैध खेती के को कैसे रोका जाए और हो रहे खेती को कैसे नष्ट किया जाए इन तमाम मुद्दों पर बैठक की गई. अवैध खेती को लेकर जागरूकता अभियान और लोगों को प्रोत्साहित करने का भी काम करने को लेकर बैठक की गई. वहीं तस्करों पर विशेष नजर रखने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है. भारत के सीमावर्ती क्षेत्र विशेष कर भारत नेपाल एवं पश्चिम बंगाल झारखंड सीमा अति संवेदनशील है. इन क्षेत्रों में सूचना तंत्र भी मजबूत की जा रही है." -नैय्यर हसनैन खान, एडीजी आर्थिक अपराध इकाई

ये भी पढ़ें: गया: 12.08 एकड़ में लगे अफीम की फसल को सुरक्षाबलों ने जेसीबी से किया नष्ट

ये भी पढ़ें: गया: अफीम के खेती करने और कराने वालों को किया जाएगा चिन्हित, नाम रखा जाएगा गोपनीय

पटना में आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान

पटना: बिहार में शराब के साथ मादक पदार्थों की तस्करी कर अवैध अफीम की खेती करने वालों पर आर्थिक अपराध इकाई कार्रवाई शुरू कर दी है. बिहार के साथ-साथ पूरे देश में मादक पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने हो रही है. जिसमें ज्यादातर युवक इसके शिकार हो रहे हैं. मौजूदा स्थिति में इस गंभीर समस्या से निबटने के लिए कई राज्यों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस मादक पदार्थों की खेती करने वाले और तस्करी करने वालों पर कार्रवाई की है.

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पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी पर कस रही शिकंजा : दरअसल, हाल के वर्षों में बिहार भी मादक पदार्थों की तस्करी और उसके जद में आने वाले बच्चे और युवाओं को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बिहार आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस केंद्रीय नारकोटिक्स और अन्य एजेंसियों के माध्यम से पता लगाने में जुटी है. उन्होंने कहा कि तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कार्रवाई कर रही है. जिसमें बिहार के गया जिले के बाराचट्टी और धनगई इलाके जो झारखंड बॉर्डर से सटे है.

अफीम की खेती को किया नष्ट: एडीजी नय्यर हसनैन खान ने कहा कि विगत एक साल में इन इलाकों में बिहार पुलिस की नक्सलियों पर लगातार कार्रवाई में इनका प्रभाव कम हुआ है. जिसका नतीजा है कि 2020-21 में 16 मामले दर्ज किए गए थे. जिसमें 108 लोगों को चिह्नित की गई थी. वहीं 15 लोगों को गांजा और अफीम के मामले में गिरफ्तार किये गये थे. इसके साथ-साथ 584 एकड़ भूमि पर हो रहे गांजा और अफीम की खेती को विनष्टीकरण भी किया गया.

सेटेलाइट ड्रोन से रखी जा रही नजर: उन्होंने कहा कि अगर हम बात करें 2021-22 की तो 40 मामले दर्ज किए गए थे. जिसमें 236 लोगों को चिह्नित किये गये. जिसमें 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं 620 एकड़ भूमि पर हो रहे अवैध खेती को विनष्टीकरण किया गया. वहीं 2022-23 में 33 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 121 लोगों को चिह्नित किये गये. जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया. करीब 1300 एकड़ भूमि में एससीबी, पारा मिलिट्री फोर्स, सेटेलाइट ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस इत्यादि की साझा मदद से मादक पदार्थों की खेती को नष्ट की गई.

"4 अक्टूबर को एनसीआरबी के डिग्री की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. जिसमें अफीम की अवैध खेती के को कैसे रोका जाए और हो रहे खेती को कैसे नष्ट किया जाए इन तमाम मुद्दों पर बैठक की गई. अवैध खेती को लेकर जागरूकता अभियान और लोगों को प्रोत्साहित करने का भी काम करने को लेकर बैठक की गई. वहीं तस्करों पर विशेष नजर रखने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है. भारत के सीमावर्ती क्षेत्र विशेष कर भारत नेपाल एवं पश्चिम बंगाल झारखंड सीमा अति संवेदनशील है. इन क्षेत्रों में सूचना तंत्र भी मजबूत की जा रही है." -नैय्यर हसनैन खान, एडीजी आर्थिक अपराध इकाई

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