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बिहार में राजनीति और प्रशासन के गठजोड़ से चल रहा शराब का अवैध कारोबार: CPIML - cpiml leader reaction

महबूब आलम ने कहा कि जिनकी मौत जहरीली शराब पीने से होती है, प्रशासन उसे स्वाभाविक मौत बताता है. सरकार सच छिपाना चाहती है.

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Published : Feb 22, 2021, 7:29 AM IST

Updated : Feb 22, 2021, 7:53 AM IST

पटनाः बिहार में शराबबंदी के बावजूद आए दिन भारी मात्रा में शराब बरामद की जाती है. इसके साथ ही आए दिन शराब पीने से लोगों की मौत भी हो रही है. जहरीली शराब से हो रही मौत पर बिहार में सियासी संग्राम छिड़ गया है. विपक्ष लगातार शराबबंदी कानून को फेल बताकर सरकार को घेरने का काम कर रहा है. इसी कड़ी में भाकपा माले ने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में सरकार प्रशासन के गठजोड़ से अवैध शराब का कारोबार चल रहा है.

"सरकार सिर्फ शराबबंदी के नाम पर गरीब लोगों को जेल में बंद कर देती है. जो शराब का कारोबार करते हैं उन्हें कुछ नहीं किया जाता. यही वजह है कि आज के समय में बिहार के कई जिलों में शराब बनाई जा रही है और जहरीली शराब पीने के कारण लोगों की मौत भी हो रही है. शराबबंदी ड्रैकोनियन एक्ट बनकर रह गया है "- महबूब आलम, नेता विधायक दल, सीपीआईएमएल

महबूब आलम, नेता विधायक दल, सीपीआईएमएल

अवैध शराब का कारोबार
भाकपा माले नेता महबूब आलम ने कहा कि हाल ही में मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने के कारण 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. उन्होंने कहा कि शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार गरीबों को निशाना बनाती है. बिहार के मध निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार के इलाके में भी धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार चल रहा है लेकिन वह कुछ नहीं कर रहे हैं और सरकार सच को झूठला रही है.

'मृतकों को मुआवजा दे सरकार'
महबूब आलम ने कहा कि जिनकी मौत जहरीली शराब पीने से होती है प्रशासन उसे स्वाभाविक मौत बताता है. सरकार सच छिपाना चाहती है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि मृतक सभी मजदूरों को 10 लाख रुपये मुआवजा और घायलों को समुचित इलाज के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा सरकार दे.

ये भी पढ़ेः बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2.62 लाख के पार, अब तक 1535 लोगों की मौत

शराब माफियाओं पर हो उचित कार्रवाई
सीपीआईएमएल नेता ने कहा कि जहरीली शराब पीने की वजह से जिन लोगों का इलाज चल रहा है उन्हें तत्काल पीएमसीएच में भर्ती कराकर बेहतर तरीके से उनका इलाज कराया जाए. इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हो. साथ ही मध निषेध विभाग के मंत्री को बर्खास्त किया जाए और शराब माफियाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.

पटनाः बिहार में शराबबंदी के बावजूद आए दिन भारी मात्रा में शराब बरामद की जाती है. इसके साथ ही आए दिन शराब पीने से लोगों की मौत भी हो रही है. जहरीली शराब से हो रही मौत पर बिहार में सियासी संग्राम छिड़ गया है. विपक्ष लगातार शराबबंदी कानून को फेल बताकर सरकार को घेरने का काम कर रहा है. इसी कड़ी में भाकपा माले ने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में सरकार प्रशासन के गठजोड़ से अवैध शराब का कारोबार चल रहा है.

"सरकार सिर्फ शराबबंदी के नाम पर गरीब लोगों को जेल में बंद कर देती है. जो शराब का कारोबार करते हैं उन्हें कुछ नहीं किया जाता. यही वजह है कि आज के समय में बिहार के कई जिलों में शराब बनाई जा रही है और जहरीली शराब पीने के कारण लोगों की मौत भी हो रही है. शराबबंदी ड्रैकोनियन एक्ट बनकर रह गया है "- महबूब आलम, नेता विधायक दल, सीपीआईएमएल

महबूब आलम, नेता विधायक दल, सीपीआईएमएल

अवैध शराब का कारोबार
भाकपा माले नेता महबूब आलम ने कहा कि हाल ही में मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने के कारण 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. उन्होंने कहा कि शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार गरीबों को निशाना बनाती है. बिहार के मध निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार के इलाके में भी धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार चल रहा है लेकिन वह कुछ नहीं कर रहे हैं और सरकार सच को झूठला रही है.

'मृतकों को मुआवजा दे सरकार'
महबूब आलम ने कहा कि जिनकी मौत जहरीली शराब पीने से होती है प्रशासन उसे स्वाभाविक मौत बताता है. सरकार सच छिपाना चाहती है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि मृतक सभी मजदूरों को 10 लाख रुपये मुआवजा और घायलों को समुचित इलाज के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा सरकार दे.

ये भी पढ़ेः बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2.62 लाख के पार, अब तक 1535 लोगों की मौत

शराब माफियाओं पर हो उचित कार्रवाई
सीपीआईएमएल नेता ने कहा कि जहरीली शराब पीने की वजह से जिन लोगों का इलाज चल रहा है उन्हें तत्काल पीएमसीएच में भर्ती कराकर बेहतर तरीके से उनका इलाज कराया जाए. इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हो. साथ ही मध निषेध विभाग के मंत्री को बर्खास्त किया जाए और शराब माफियाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.

Last Updated : Feb 22, 2021, 7:53 AM IST
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