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सीपीएम और भाकपा माले ने कांग्रेस की बजाय RJD को दिया समर्थन, CPI ने नहीं खोले पत्ते

तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) उपचुनाव में एनडीए (NDA) के खिलाफ महागठबंधन में दो फाड़ हो चुका है. आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने है. ऐसे में अन्य सहयोगी दलों के लिए किसी एक के साथ जाने का फैसला बेहद मुश्किल था. हालांकि सीपीआई (एमएल) और सीपीआई(एम) ने आरजेडी (RJD) को समर्थन दे दिया है, जबकि सीपीआई ने अबतक कोई निर्णय नहीं लिया है.

विधानसभा उपचुनाव में
विधानसभा उपचुनाव में
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Published : Oct 9, 2021, 8:29 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा की 2 सीट तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं. ऐसे में महागठबंधन की दो पार्टियां कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में जो अन्य घटक दल हैं, उनके लिए यह समस्या उत्पन्न हो गई कि किसे अपना समर्थन दें. हालांकि अंतत: जो हालात उत्पन्न हुए हैं, सीपीआई माले (CPIML) और सीपीएम (CPM) ने आरजेडी को अपना समर्थन देने का फैसला किया है, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने अब तक अपना पता नहीं खोला है. इसको लेकर 10 अक्टूबर को राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है.

ये भी पढ़ें: 'उपचुनाव में लालू के प्रचार करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, RJD को जमीनी हकीकत पता चल जाएगी'

बिहार में वाम दलों की सबसे मजबूत पार्टनर भाकपा माले के मीडिया प्रभारी कुमार परवेज ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महागठबंधन में हाल के दिनों में कुछ दरार नजर आ रहा है और दो सहयोदी दल विधानसभा उपचुनाव में अलग-अलग लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि महागठबंधन बनते समय उनका समझौता आरजेडी से हुआ था. आरजेडी ही महागठबंधन की बड़ी पार्टी है, ऐसे में हम लोग उनके ही उम्मीदवारों को समर्थन दे रहे हैं. आरजेडी उम्मीदवारों के नामांकन के दौरान भी भाकपा माले के नेता मौजूद रहे और पार्टी के तमाम कार्यकर्ता उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे.

देखें रिपोर्ट

भाकपा माले नेता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आरजेडी के उम्मीदवार ही चुनाव जीतेंगे, लेकिन इस चुनाव में महागठबंधन के अंदर जो दरार नजर आ रहे हैं वह चाहेंगे कि यह भरे जाएं. उन्होंने कहा कि अभी भी समय है. इस चुनाव में बीजेपी और जेडीयू की सरकार को हराने के लिए महागठबंधन की सभी पार्टियों को एकजुट होकर लड़ना चाहिए.

ये भी पढ़ें: तेजप्रताप ने पकड़ी 'अलग राह', तारापुर और कुशेश्वरस्थान में RJD की बढ़ सकती हैं मुश्किलें!

वहीं, सीपीआईएम के सेक्रेटेरिएट मेंबर अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि इस बार दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव में उनकी पार्टी आरजेडी को अपना समर्थन दे रही है. उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन बन रहा था, तब उनका गठबंधन आरजेडी से हुआ था और कांग्रेस का गठबंधन आरजेडी के साथ था. सीपीआईएम और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ. उप चुनाव में उम्मीदवारों के समर्थन पर बात आई तो आरजेडी की तरफ से उनसे समर्थन मांगा गया और आरजेडी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने की अपील की गई, जबकि कांग्रेस की तरफ से इस प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया. उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चयन के बारे में ना ही महागठबंधन की तरफ से कोई बैठक की गई और ना ही कांग्रेस ने कोई बैठक बुलाई.

सीपीएम नेता ने कहा कि इन्हीं सब वजह से उनका समर्थन आरजेडी को जा रहा है और आरजेडी को समर्थन देने के पीछे एक और बड़ी और प्रमुख वजह ये भी है कि दोनों विधानसभा सीट पर जेडीयू के मुकाबले आरजेडी का जनाधार काफी मजबूत है. जमीनी स्तर पर भी आरजेडी महागठबंधन में एक मजबूत पार्टी है और जेडीयू को हराने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन को इस उपचुनाव में एकजुट होकर लड़ना चाहिए था, लेकिन जब फैसला हो ही चुका है और कांग्रेस और आरजेडी अलग-अलग लड़ रहे हैं तो ऐसे में उनकी पार्टी का और उनके तमाम कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन आरजेडी उम्मीदवार को मिल रहा है. हम चाहते हैं कि दोनों सीटों पर आरजेडी की जीत हो.

पटना: बिहार विधानसभा की 2 सीट तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं. ऐसे में महागठबंधन की दो पार्टियां कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में जो अन्य घटक दल हैं, उनके लिए यह समस्या उत्पन्न हो गई कि किसे अपना समर्थन दें. हालांकि अंतत: जो हालात उत्पन्न हुए हैं, सीपीआई माले (CPIML) और सीपीएम (CPM) ने आरजेडी को अपना समर्थन देने का फैसला किया है, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने अब तक अपना पता नहीं खोला है. इसको लेकर 10 अक्टूबर को राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है.

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बिहार में वाम दलों की सबसे मजबूत पार्टनर भाकपा माले के मीडिया प्रभारी कुमार परवेज ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महागठबंधन में हाल के दिनों में कुछ दरार नजर आ रहा है और दो सहयोदी दल विधानसभा उपचुनाव में अलग-अलग लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि महागठबंधन बनते समय उनका समझौता आरजेडी से हुआ था. आरजेडी ही महागठबंधन की बड़ी पार्टी है, ऐसे में हम लोग उनके ही उम्मीदवारों को समर्थन दे रहे हैं. आरजेडी उम्मीदवारों के नामांकन के दौरान भी भाकपा माले के नेता मौजूद रहे और पार्टी के तमाम कार्यकर्ता उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे.

देखें रिपोर्ट

भाकपा माले नेता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आरजेडी के उम्मीदवार ही चुनाव जीतेंगे, लेकिन इस चुनाव में महागठबंधन के अंदर जो दरार नजर आ रहे हैं वह चाहेंगे कि यह भरे जाएं. उन्होंने कहा कि अभी भी समय है. इस चुनाव में बीजेपी और जेडीयू की सरकार को हराने के लिए महागठबंधन की सभी पार्टियों को एकजुट होकर लड़ना चाहिए.

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वहीं, सीपीआईएम के सेक्रेटेरिएट मेंबर अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि इस बार दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव में उनकी पार्टी आरजेडी को अपना समर्थन दे रही है. उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन बन रहा था, तब उनका गठबंधन आरजेडी से हुआ था और कांग्रेस का गठबंधन आरजेडी के साथ था. सीपीआईएम और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ. उप चुनाव में उम्मीदवारों के समर्थन पर बात आई तो आरजेडी की तरफ से उनसे समर्थन मांगा गया और आरजेडी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने की अपील की गई, जबकि कांग्रेस की तरफ से इस प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया. उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चयन के बारे में ना ही महागठबंधन की तरफ से कोई बैठक की गई और ना ही कांग्रेस ने कोई बैठक बुलाई.

सीपीएम नेता ने कहा कि इन्हीं सब वजह से उनका समर्थन आरजेडी को जा रहा है और आरजेडी को समर्थन देने के पीछे एक और बड़ी और प्रमुख वजह ये भी है कि दोनों विधानसभा सीट पर जेडीयू के मुकाबले आरजेडी का जनाधार काफी मजबूत है. जमीनी स्तर पर भी आरजेडी महागठबंधन में एक मजबूत पार्टी है और जेडीयू को हराने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन को इस उपचुनाव में एकजुट होकर लड़ना चाहिए था, लेकिन जब फैसला हो ही चुका है और कांग्रेस और आरजेडी अलग-अलग लड़ रहे हैं तो ऐसे में उनकी पार्टी का और उनके तमाम कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन आरजेडी उम्मीदवार को मिल रहा है. हम चाहते हैं कि दोनों सीटों पर आरजेडी की जीत हो.

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