पटनाः बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session of Bihar Assembly) का आज तीसरा दिन है. बजट सत्र के दौरान यूक्रेन और रूस की लड़ाई में फंसे भारतीय छात्रों का मुद्दा भी उठा. वहीं विधानसभा के बाहर माले विधायक संदीप सौरभ (CPI MLA Sandeep Saurabh) ने कहा कि यूक्रेन में फंसे हुए छात्रों को लाने में सरकार ने पहल जरूर की है, लेकिन ये पहल बहुत देर से हुई. जब वहां से लोगों को लाने का सही समय था, तब केंद्र सरकार यूपी में वोट मांग रही थी.
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'सैकड़ों की तादाद में बिहार के छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. सरकार ने पहल जरूर किया है. लेकिन पहल करने में देर हुई. अब तक सिर्फ 2000 के करीब छात्र भारत पहुंचे हैं. जबकि वहां बीस हजार छात्र फंसे हुए थे. आज हजारों की संख्या में छात्र जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. सरकार को चाहिए कि जल्द छात्रों के वापसी के लिए मजबूत कदम उठाए'- संदीप सौरभ, विधायक, माले
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'काफी कठिन परिस्थिति है. केंद्र और बिहार की सरकार बिहार के छात्रों को वापस लाने के लिए प्रयासरत है. केंद्र सरकार ने इस काम में तेजी लाई है. जल्द ही वहां फंसे सभी बिहारी छात्रों को वापस बुलाया लिया जाएगा'- नीतीश मिश्रा, भाजपा विधायक
बता दें कि यूक्रेन रूस युद्ध का प्रभाव सैकड़ों बिहारी छात्रों पर भी पड़ रहा है. बड़ी संख्या में बिहार के छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन और रूस जाते हैं. युद्ध शुरू होने के बाद हजारों बिहारी छात्रों का भविष्य अधर में है. छात्र जान बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, ये मामला बुधवार को बिहार विधानसभा में भी उठा. वहीं, विधानसभा के बाहर माले नेता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
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