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पटना: विधानसभा के बाहर रसोइया का मानदेय बढ़ाने को लेकर माले का विरोध प्रदर्शन

लेफ्ट पार्टी के विधायक विधानसभा के बाहर आंदोलन कर रहे हैं. माले के सदस्यों ने रसोइया का मानदेय बढ़ाने को लेकर जमकर प्रदर्शन किया है.

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Published : Feb 26, 2021, 1:42 PM IST

माले का विरोध प्रदर्शन
माले का विरोध प्रदर्शन

पटना: विधानसभा कार्यवाही का आज छठा दिन है. माले के सदस्य आज भी प्रदर्शन कर रहे हैं. माले के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर रसोइया का मानदेय बढ़ाने को लेकर जमकर प्रदर्शन किया है.

इसे भी पढ़ें: विधानसभा में मिली पेन का कोई दावेदार नहीं आया सामने, कीमत जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

श्रम चोरी करने का आरोप
माले के सदस्यों ने सरकार पर रसोइया की श्रम चोरी करने का आरोप लगाया है. माले सदस्यों ने कहा कि न्यूनतम मानदेय रसोइया को नहीं मिल रहा है. माले के सदस्यों ने सरकार से 21,000 रुपये मानदेय बढ़ाने की मांग की है. इसके साथ ही मांग पूरी न होने पर सदन की कार्यवाही रोकने की भी बात कही है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: 'पिछले साल से इस बार 3% बढ़ा बिहार का बजट, लेकिन महंगाई 9.8% बढ़ गई'

12 महीने का मानदेय भुगतान
माले के सदस्यों ने यह भी कहा कि केवल 10 महीना ही नहीं बल्कि सभी रसोइया का 12 महीने का मानदेय भुगतान होना चाहिए.

बिहार की रसोइया स्कूल में आठ घंटे रहकर खाना बनाती हैं. वे रसोइया सरकार से गुहार लगा रही हैं कि 50 रुपये प्रतिदिन से काम नहीं चल रहा है. हमारी बिहार सरकार से मांग है कि न्यूनतम मजदूरी लागू की जाए. साथ ही रसोइया को 12 महीने का वेतन दिया जाए. -सत्यदेव राम, माले विधायक

पटना: विधानसभा कार्यवाही का आज छठा दिन है. माले के सदस्य आज भी प्रदर्शन कर रहे हैं. माले के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर रसोइया का मानदेय बढ़ाने को लेकर जमकर प्रदर्शन किया है.

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श्रम चोरी करने का आरोप
माले के सदस्यों ने सरकार पर रसोइया की श्रम चोरी करने का आरोप लगाया है. माले सदस्यों ने कहा कि न्यूनतम मानदेय रसोइया को नहीं मिल रहा है. माले के सदस्यों ने सरकार से 21,000 रुपये मानदेय बढ़ाने की मांग की है. इसके साथ ही मांग पूरी न होने पर सदन की कार्यवाही रोकने की भी बात कही है.

देखें रिपोर्ट.

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12 महीने का मानदेय भुगतान
माले के सदस्यों ने यह भी कहा कि केवल 10 महीना ही नहीं बल्कि सभी रसोइया का 12 महीने का मानदेय भुगतान होना चाहिए.

बिहार की रसोइया स्कूल में आठ घंटे रहकर खाना बनाती हैं. वे रसोइया सरकार से गुहार लगा रही हैं कि 50 रुपये प्रतिदिन से काम नहीं चल रहा है. हमारी बिहार सरकार से मांग है कि न्यूनतम मजदूरी लागू की जाए. साथ ही रसोइया को 12 महीने का वेतन दिया जाए. -सत्यदेव राम, माले विधायक

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