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कृषि कानून वापस लेने पर बोले CPI (ML) नेता- 'किसान आंदोलन ने सरकार को पीछे धकेला' - किसान आंदोलन

कृषि कानून (Farm Laws Withdrawn) को वापस लेने की पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के साथ ही विपक्ष द्वारा जश्न मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास वाम दल के नेताओं और सदस्यों ने भी एक दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी जाहिर की. पढ़ें पूरी खबर..

reaction on farm laws withdrawn
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Published : Nov 19, 2021, 5:24 PM IST

पटना: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कृषि कानून बिल लाया गया था जिसके विरोध में लगातार किसान सड़कों पर उतरे हुए थे. पिछले कई महीनों से किसान, कृषि बिल का विरोध करते नजर आ रहे थे. जिसमें किसानों की जान भी चली गई, जिसके बाद इस कृषि कानून (Farm Laws Withdrawn) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के द्वारा वापस लेने का निर्णय लिया गया है. शुक्रवार को पीएम के घोषणा के बाद किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पटना के बुद्ध स्मृति पार्क (Patna Buddha Smriti Park) पर मिठाईयां बांटी.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लिया वापस: लालू यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीन कृषि कानून बिल को वापस लेने की घोषणा के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है. राजधानी पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास भी वामदल के नेताओं और सदस्यों ने भी एक दूसरे को लड्डू खिलाकर जश्न (Celebration In Patna) मनाया. आपको बता दें कि सुबह-सुबह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानून बिल को वापस करने का ऐलान किया था.

कृषि कानून वापसी को लेकर CPI ML में जश्न

यह भी पढ़ें- चिराग पासवान की पार्टी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का किया स्वागत, PM मोदी को दी बधाई

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा है कि कृषि में सुधार के लिए तीन कृषि कानून बनाए गए थे. लेकिन इसका कुछ किसान संगठनों ने विरोध किया. इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. ऐसे में कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. शायद मेरी तपस्या में कहीं कमी रह गई. पीएम ने आगे कहा कि जो कर रहा हूं, देश हित में कर रहा हूं. सदन चलते ही कृषि कानून को वापस लेने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लिया वापस: लालू यादव

"यह हिंदुस्तान में किसानों की चल रही लड़ाई की जीत है. सरकार जो लगातार तानाशाह की तरह किसानों के आंदोलन का दमन कर रही थी, किसान आंदोलन को मंत्री के बेटे की गाड़ी से कूचला जा रहा था. सरकार की पूरी कोशिश थी कि पहले बदनाम करके फिर देशद्रोह का मुकदमा करके आंदोलन को पीछे धकेल दिया जाए. किसानों ने अपने आंदोलन से यह सिद्ध कर दिया है कि कोई भी सरकार अगर जन विरोधी कानून लेकर आती है तो जन आंदोलन की ताकत सरकार को पीछे धकेल सकती है."- अमरजीत कुशवाहा, माले विधायक, जीरादेई

यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कृषि कानून के वापसी के निर्णय के बाद सिवान के जीरादेई के माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि यह किसानों की ऐतिहासिक जीत है. उन्होंने कहा कि किसानों ने अपनी ताकत से यह सिद्ध कर दिया है कि जनता विरोधी कानून लागू नहीं किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी के फैसले का पक्ष-विपक्ष किसान संगठनों ने किया स्वागत, राहुल बोले- अन्याय पर हुई जीत

वहीं काराकाट के माले विधायक अरुण सिंह ने कहा कि किसानों ने अपनी ताकत के बल पर यह लड़ाई जीती है. उन्होंने कहा कि अभी श्रम कानून एमएसपी एवं बिजली बिल की लड़ाई अभी जारी रहेगी.

"यह किसान आंदोलन की जीत है. मोदी सरकार को किसान आंदोलन ने जबरदस्त तरीके से पीछे हटाया है. किसान आंदोलन में इतना ताकत है कि सरकार को बात माननी पड़ी और कृषि कानून वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा."- अरुण सिंह, माले विधायक काराकाट

पटना: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कृषि कानून बिल लाया गया था जिसके विरोध में लगातार किसान सड़कों पर उतरे हुए थे. पिछले कई महीनों से किसान, कृषि बिल का विरोध करते नजर आ रहे थे. जिसमें किसानों की जान भी चली गई, जिसके बाद इस कृषि कानून (Farm Laws Withdrawn) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के द्वारा वापस लेने का निर्णय लिया गया है. शुक्रवार को पीएम के घोषणा के बाद किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पटना के बुद्ध स्मृति पार्क (Patna Buddha Smriti Park) पर मिठाईयां बांटी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीन कृषि कानून बिल को वापस लेने की घोषणा के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है. राजधानी पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास भी वामदल के नेताओं और सदस्यों ने भी एक दूसरे को लड्डू खिलाकर जश्न (Celebration In Patna) मनाया. आपको बता दें कि सुबह-सुबह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानून बिल को वापस करने का ऐलान किया था.

कृषि कानून वापसी को लेकर CPI ML में जश्न

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा है कि कृषि में सुधार के लिए तीन कृषि कानून बनाए गए थे. लेकिन इसका कुछ किसान संगठनों ने विरोध किया. इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. ऐसे में कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. शायद मेरी तपस्या में कहीं कमी रह गई. पीएम ने आगे कहा कि जो कर रहा हूं, देश हित में कर रहा हूं. सदन चलते ही कृषि कानून को वापस लेने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

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"यह हिंदुस्तान में किसानों की चल रही लड़ाई की जीत है. सरकार जो लगातार तानाशाह की तरह किसानों के आंदोलन का दमन कर रही थी, किसान आंदोलन को मंत्री के बेटे की गाड़ी से कूचला जा रहा था. सरकार की पूरी कोशिश थी कि पहले बदनाम करके फिर देशद्रोह का मुकदमा करके आंदोलन को पीछे धकेल दिया जाए. किसानों ने अपने आंदोलन से यह सिद्ध कर दिया है कि कोई भी सरकार अगर जन विरोधी कानून लेकर आती है तो जन आंदोलन की ताकत सरकार को पीछे धकेल सकती है."- अमरजीत कुशवाहा, माले विधायक, जीरादेई

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कृषि कानून के वापसी के निर्णय के बाद सिवान के जीरादेई के माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि यह किसानों की ऐतिहासिक जीत है. उन्होंने कहा कि किसानों ने अपनी ताकत से यह सिद्ध कर दिया है कि जनता विरोधी कानून लागू नहीं किया जा सकता है.

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वहीं काराकाट के माले विधायक अरुण सिंह ने कहा कि किसानों ने अपनी ताकत के बल पर यह लड़ाई जीती है. उन्होंने कहा कि अभी श्रम कानून एमएसपी एवं बिजली बिल की लड़ाई अभी जारी रहेगी.

"यह किसान आंदोलन की जीत है. मोदी सरकार को किसान आंदोलन ने जबरदस्त तरीके से पीछे हटाया है. किसान आंदोलन में इतना ताकत है कि सरकार को बात माननी पड़ी और कृषि कानून वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा."- अरुण सिंह, माले विधायक काराकाट

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