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किसान आंदोलन में शामिल होकर पटना लौटे माले विधायक, कहा- सरकार को पीछे हटना होगा

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुए भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ पटना पहुंचे. उन्होंने कहा कि किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार पूंजीपतियों के साथ है. उसे पीछे हटना होगा.

MLA Sandeep saurabh
संदीप सौरभ
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Published : Dec 5, 2020, 6:54 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 10:16 PM IST

पटना: भाकपा माले के विधायक संदीप सौरभ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के बाद शनिवार को पटना पहुंचे. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि किसानों की मांग के आगे केंद्र सरकार को पीछे हटना होगा.

संदीप ने कहा "यह आंदोलन अब सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक का आंदोलन है. आज आलू, प्याज और सब्जियां इतनी महंगी हो गईं हैं कि आम आदमी को दो वक्त की रोटी के लिए सोचना पड़ता है. ऐसे में सरकार कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण कर उसे पूंजीपतियों के हाथ में सौंपना चाहती है. इसके बाद देश में क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है. इसलिए आज सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि देश के नागरिक भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. लोग किसानों के समर्थन में दिल्ली पहुंच रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

केंद्र सरकार को वापस लेना होगा कृषि कानून
"किसानों ने इस बार ठाना है कि चाहे कुछ भी हो जाए वे पीछे नहीं हटेंगे. जब तक सरकार कृषि विरोधी तीनों कानून को वापस नहीं ले लेती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने पूरी व्यवस्था कर रखी है. करीब 6 महीने का राशन और सभी जरूरी सामान उपलब्ध है. किसानों का आंदोलन जब तक चलेगा तब तक मैं उनका साथ दूंगा. अब यह सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन है. इस बार सरकार को झुकना होगा और अपने कृषि विरोधी काले कानून को वापस लेना होगा."- संदीप सौरभ, विधायक, भाकपा माले

पटना: भाकपा माले के विधायक संदीप सौरभ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के बाद शनिवार को पटना पहुंचे. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि किसानों की मांग के आगे केंद्र सरकार को पीछे हटना होगा.

संदीप ने कहा "यह आंदोलन अब सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक का आंदोलन है. आज आलू, प्याज और सब्जियां इतनी महंगी हो गईं हैं कि आम आदमी को दो वक्त की रोटी के लिए सोचना पड़ता है. ऐसे में सरकार कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण कर उसे पूंजीपतियों के हाथ में सौंपना चाहती है. इसके बाद देश में क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है. इसलिए आज सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि देश के नागरिक भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. लोग किसानों के समर्थन में दिल्ली पहुंच रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

केंद्र सरकार को वापस लेना होगा कृषि कानून
"किसानों ने इस बार ठाना है कि चाहे कुछ भी हो जाए वे पीछे नहीं हटेंगे. जब तक सरकार कृषि विरोधी तीनों कानून को वापस नहीं ले लेती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने पूरी व्यवस्था कर रखी है. करीब 6 महीने का राशन और सभी जरूरी सामान उपलब्ध है. किसानों का आंदोलन जब तक चलेगा तब तक मैं उनका साथ दूंगा. अब यह सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन है. इस बार सरकार को झुकना होगा और अपने कृषि विरोधी काले कानून को वापस लेना होगा."- संदीप सौरभ, विधायक, भाकपा माले

Last Updated : Dec 15, 2020, 10:16 PM IST
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