पटनाः बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के तीसरे चरण के मतदान की मतगणना कल 10 अक्टूबर को होगी. 6 पदों पर होने वाले चुनाव का परिणाम कल सुबह 10 बजे से आना शुरू हो जाएगा. इस चरण में 81,616 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा. इस बार भी पुरुष से ज्यादा महिला प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. 38,555 पुरुष प्रत्याशी थे और 43,061 महिला प्रत्याशी थीं.
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पहले चरण में कुल 4985 पदों के विरुद्ध 8093 महिला प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. जबकि पुरुष प्रत्याशी 7235 नामांकन पर्चा भरा थे. दूसरे चरण में भी 23,161 पदों की तुलना में 61,768 अभ्यर्थियों के द्वारा पर्चा भरा गया था. जिसमें से महिला प्रत्याशियों ने 31,781 नामांकन किया था. वहीं पुरुष प्रत्याशी 29,987 थे. वहीं तृतीय चरण में कुल 81,616 प्रत्याशी मैदान में हैं. 38,555 पुरुष प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. महिला प्रत्याशी ने पुरुष से बढ़कर 43,061 नामांकन पत्र दाखिल किया था.
पहले चरण के मतदान की अगर बात की जाए तो कुल 60% वोटिंग हुई थी. जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान को लेकर उत्साह दिखाया था. पुरुष मतदाताओं से बढ़कर महिलाओं ने 9% ज्यादा मतदान किया था. 46.67 प्रतिशत पुरुष मतदाता ने वोट किया था. वहीं महिला मतदाता ने 55.06 प्रतिशत मतदान किया था.
दूसरे चरण में 29 सितंबर को हुए चुनाव में कुल मतदान 55 प्रतिशत हुआ था. 46% पुरुष मतदाता ने मतदान किया था तो वहीं लगभग 60% महिलाओं ने वोटिंग की थी. दूसरे चरण में जिउतिया व्रत होने के कारण भी महिलाओं ने काफी उत्साह दिखाया था. बूथों पर पहुंचकर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला किया था.
तीसरे चरण का मतदान 8 अक्टूबर को हो गया है. जिसमें कुल 58.19 प्रतिशत मतदान हुआ है. तीसरे चरण में भी 60% से ज्यादा महिला वोटरों ने मतदान किया है. पुरुष मतदाताओं ने 56% वोटिंग की थी.
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इस बार पंचायत चुनाव में आधी आबादी अपनी हिस्सेदारी दिखा रही हैं. बढ़-चढ़कर नामांकन कर रही हैं, बढ़-चढ़कर बूथों तक पहुंच रही हैं और मतदान कर रही हैं. इस बार जनता का मूड पूरी तरह से गांव की सरकार बदलने का है.
बदलाव के नजरिए से मतदान हो रहा है, तभी तो बहुत सारे मुखिया अपनी साख भी बचा ना सके. बहुत सारे ऐसे प्रत्याशी जो पिछले कार्यकाल में अपने क्षेत्र का विकास नहीं कर पाए उनको जनता पद से हटा रही है. जनता इस बार नए उम्मीदवार को अपने क्षेत्र के विकास के लिए चुन रही है. महिला प्रत्याशी अपने घर की दहलीज को पार कर चुनावी मैदान में कूद पड़ी हैं. पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चुनावी रणभूमि में ताल ठोक रही हैं और अपनी जीत की दावेदारी भी कर रही हैं.
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