पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है. कोरोना का संक्रमण बिहार में अब एंडेमिक स्टेज में पहुंच गया है. राज्यभर में कोरोना को देखते हुए कई जिलों में संवेदनशील मामले आए हैं. सिर्फ 50% से अधिक एक्टिव मामले पटना में ही दिख रहे है. बताया जाता है कि 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 129 नए मामले मिले हैं. इनमें राजधानी पटना के 60 मरीज है. शनिवार को बिहार में 7 महीनों के बाद नए मामलों की संख्या 100 से पार हो गई है. अभी के समय पूरे प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 412 हो गई, जबकि पटना में एक्टिव मरीजों की संख्या 224 हो गई है.
कई नए मरीज संक्रमित: राज्यभर में 15 दिनों के कोरोना संक्रमण के आंकड़ों की बात करें. तभी एक अप्रैल को जहां पूरे प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 9 थी. वहीं यह काम 15 दिनों में 412 हो गई. संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ-साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ने लगा. वहीं 24 घंटे में भागलपुर में कोरोना संक्रमित एक महिला मरीज की मौत भी हो गई.
अस्पतालों में नए मरीज एडमिट: जबकि अप्रैल के महीने में बिहार में कोरोना से यह दूसरी मौत मिली है. इसके अलावा अस्पतालों में मरीजों के एडमिट होने की संख्या भी बढ़ने लगी है. वहीं विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 9 मरीज एडमिट थे. जानकारी मिली है कि एआईआईएमएस में दो, एनएमसीएच में दो और पीएमसीएच में एक कोरोना मरीज एडमिट है. जिनका इलाज चल रहा है.
नया वेरिएंट अधिक घातक: शनिवार को पटना में हॉस्पिटल के कार्यक्रम में पहुंचे. दिल्ली एम्स के पूर्व निरीक्षक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि देश में कोरोना एंडेमिक स्टेज में पहुंच गया है. अगले 20 दिनों में संक्रमण का पिक आ सकता है. इसके बाद संक्रमण के मामले कम होने लगेंगे. उन्होंने बताया कि यह नया वेरिएंट अधिक घातक नहीं है. लेकिन फिर भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना भी जरूरी है.
मई में आ सकता है कोरोना पिक: इधर, आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों का मानना है कि मई महीने में देश में संक्रमण का पिक आ सकता है. इन सब तमाम स्थितियों पर पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा का कहना है कि संक्रमण के मामले जब अधिक बढ़ेंगे. तब गंभीर मरीजों की संख्या में भी इजाफा होगा. ऐसे में लोगों को संक्रमण को लेकर सचेत रहने की आवश्यकता है. इसके लिए जरूरी है कि कोरोना गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन करें. चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें. यदि संक्रमण के लक्षण महसूस होते हैं. तब खुद को आइसोलेट करते हुए सरकारी केंद्रों पर पहुंचे और अपना जांच कराएं.