पटना: बिहार में कोरोना एक बार फिर तेजी से फैल रहा है. होली के समय में जिस तरीके से लोगों ने कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी की, उसके बाद बिहार में कोरोना तेज रफ्तार से बढ़ा है. 72 घंटे के भीतर कुल 600 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. अगर सिर्फ राजधानी पटना की बात की जाए तो पिछले 27 और 28 मार्च को कोरोना वायरस के एक सौ से ज्यादा मामले आए हैं. जबकि 21 मार्च तक पटना में केवल 58 नए मामले ही मिले थे.
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राजधानी पटना के अलावा भागलपुर, गया, जहानाबाद, सिवान, मधुबनी और अररिया जिले में कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा फैला है. आंकड़ों की बात करें तो भागलपुर में 62, जहानाबाद में 28, सिवान में 24, मधुबनी में 20, अररिया में 22 और गया में 22 कोविड के नए मामले सामने आए हैं.
फिर कोरोना की भयंकर चपेट में है बिहार
सवाल इस विषय को लेकर नहीं उठ रहा है कि त्योहारों के दिनों में 'कोरोना न्यू' ने अपना कहर बरपाया है. ये बिहार के लिए कोई अप्रत्याशित बात नहीं है. लगातार इस बात को कहा भी जा रहा था और सभी से इस बात का अनुरोध भी किया गया था कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. जिसके लिए यह जरूरी है कि सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के साथ ही उन मानकों का अनुपालन जरूर किया जाए जो कोविड-19 को बिहार में फैलने से रोके. लेकिन होली की खुमारी में बिहार ने जिस तरीके से इसकी अनदेखी की अब उसके कारण ही भयंकर चपेट में बिहार आ गया है.
कोरोना को बिहार हराएगा!
कोविड-19 लेकर के बिहार में न तो किसी को डरवाने का कोई मामला है और ना ही किसी वैसे विभेद का, जो समाज में कोई दूसरा रूप ले. लेकिन समाज का कोई ऐसा रूप बिहार में नहीं खड़ा होना चाहिए जिससे कोविड-19 कोई दूसरा रूप ले ले. दरअसल इस पर सभी लोगों को अपनी पैनी निगाह के साथ मजबूत पकड़ बनाए रखनी होगी तभी कोरोना वायरस को बिहार हरा पाएगा.
इस बात को सभी लोगों को मान कर रखना है कि कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है और न हीं कोरोना के लिए जारी की गई गाइडलाइन्स की अनदेखी करनी है. अनुभव और निवेदन यही है कि कोरोना को खत्म करके बिहार को जीताना है तो जरूरी है कि कोरोना के लिए जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन हर हाल में किया जाए. बिहार में इतनी हिम्मत और जज्बा है कि वह किसी से भी जीत सकता है. बिहार को एक बार फिर से अपने हौसलों के साथ में जुटना होगा और कोरोना के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना होगा.