पटना: बिहार में इंटर और मैट्रिक परीक्षा के उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कार्य चल रहा है. राज्य के अधिकांश शिक्षक कॉपी जांच की प्रक्रिया में अनुपस्थित हैं. कारण यह है कि नियोजित शिक्षक और राज्य के कई शिक्षक संगठन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. ऐसे में कॉपी जांच की प्रक्रिया प्रभावित होना तय माना जा रहा है. हालांकि, अनाधिकृत रूप से अधिकारी दावा कर रहे हैं कि समय पर इंटर और मैट्रिक का रिजल्ट प्रकाशित हो जाएगा.
'कॉपी जांच की प्रक्रिया हो रही है प्रभावित'
मामले में बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने बताया कि मात्र 10% शिक्षक ही कॉपी जांच की प्रक्रिया के लिए ज्वाइन किए हैं. उन्होंने बताया कि कॉपी जांच की प्रक्रिया पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. इसके लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने बताया कि हड़ताल की 2 महीने पूर्व शिक्षकों ने पत्र के माध्यम से सरकार और विभाग को सूचित कर दिया था. बावजूद इसके उन्हें मूल्यांकन की ड्यूटी पर लगाया गया है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसी प्रकार से रिजल्ट जारी कर देना चाहती है. उसे कॉपी जांच में गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है.
कार्य क्षमता से अधिक लिया जा रहा है काम
वहीं, शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य केशव कुमार ने बताया कि कॉपी जांच की प्रक्रिया पूरी तरह से प्रभावित है. सभी शिक्षक 17 फरवरी से ही हड़ताल पर हैं. सरकार किसी प्रकार से ऐन-केन प्रकारेण बच्चा राय की भांति रिजल्ट को समय पर प्रकाशित कर देना चाहती है. उसे रिजल्ट की गुणवत्ता से कोई लेना-लादना नहीं है. बहुत कम शिक्षकों ने मूल्यांकन की प्रक्रिया के लिए ज्वाइन किया है. उसमें भी ऐसा सुनने में आ रहा है कि जिन शिक्षकों ने मूल्यांकन के लिए अपना योगदान दिया है उनसे कार्य क्षमता से अधिक काम लिया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसा नियम है कि 1 शिक्षक दिन में 30 कॉपी जांच सकता है. क्योंकि 25 से 30 पन्ने हर कॉपी में ढ़ंग से पढ़ कर जांच करने होते हैं. वहीं, इसके उलट शिक्षकों से 60 से 70 कॉपी प्रतिदिन जांच कराया जा रहा है.