ETV Bharat / state

30 सितंबर तक करा लें पेट्रोल-डीजल गाड़ियों का CNG में कन्वर्जन, जानिए इसके फायदे और जरूरत

बिहार में पेट्रोल या डीजल की गाड़ी को सीएनजी में कन्वर्ट कराना कितना जरूरी है. इन गाड़ियों का सीएनजी में किस तरह से कन्वर्जन होता है, इसमें कितना खर्च आता है. व्यवसायिक गाड़ियों को सीएनजी में कनवर्ट कराना क्यों जरूरी है. सरकार ने इसके लिए क्या क्या सुविधा उपलब्ध कराई है. आपके काम की पूरी जानकारी के लिए देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना
author img

By

Published : Apr 14, 2021, 8:18 PM IST

Updated : Apr 15, 2021, 1:55 PM IST

पटना: बिहार में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. वायु प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा जिम्मेवार माना जाता है, सड़क पर दौड़ती उन गाड़ियों को जिनके फिटनेस फेल होने के कारण वो गाड़ी रोजाना भारी मात्रा में जहरीला धुआं उगलती है. बिहार में प्रदूषण के लेवल को कम करने के लिए सीएनजी वाहनों के परिचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. सीएनजी वाहन के परिचालन से ना सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलती है, बल्कि पैसों की भी काफी बचत होती है.

ये भी पढ़ें- बिहार में लगातार बढ़ रही है CNG वाहनों की संख्या, परिवहन विभाग का बसों को भी CNG से चलाने पर जोर

पुरानी गाड़ियों पर सरकार की रोक
बिहार सरकार ने पहले ही सभी ऐसी सरकारी गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा रखी है, जो 15 साल से ज्यादा पुरानी हो चुकी है और जो डीजल पर चलती है. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जो सरकारी बसें बिहार में डीजल से चल रही हैं, उन्हें धीरे-धीरे सीएनजी या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट किया जा रहा है.

देखिए ये रिपोर्ट

पेट्रोल-डीजल गाड़ियों का सीएनजी में कन्वर्जन
पटना में चलने वाली 120 बसों में से 20 बसों को सीएनजी में कन्वर्ट किया जा चुका है. परिवहन विभाग के मुताबिक 12 इलेक्ट्रिक बसें पटना में चलाई जा रही हैं. इसके अलावा 50 नई सीएनजी बसें पटना की सड़कों पर जल्द ही दिखेगी.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

इलेक्ट्रिक-सीएनजी बसों का परिचालन
बता दें कि सिर्फ पटना ही नहीं बल्कि बिहार शरीफ, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया में भी बहुत जल्द इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों का परिचालन होता हुआ नजर आएगा. ये पूरी कवायद प्रदूषण के लेवल को कम करने के लिए है. पिछले साल सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, जिसके तहत डीजल से चलने वाले ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करना जरूरी है.

सीएनजी मतलब फायदे का सौदा
सीएनजी मतलब फायदे का सौदा

कन्वर्ट करने की बढ़ाई समय सीमा
ये समय सीमा पहले पटना नगर निगम क्षेत्र के लिए 31 जनवरी और दानापुर नगर परिषद क्षेत्र के लिए 31 मार्च तक थी. जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक कर दिया गया है. सरकार की तरफ से डीजल चालित ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए 40 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है.

सीएनजी स्टेशन
सीएनजी स्टेशन

सरकार मुहैया करवा रही सब्सिडी
पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को सीएनजी में कन्वर्ट कराने के लिए 38 हजार देने होते है. जिनमें 20 हजार की सब्सिडी दी जा रही है. 20 हजार की सब्सिडी उन कैब मालिकों को भी दी जाती है जो व्यवसायिक वाहन को पेट्रोल से सीएनजी में कन्वर्ट कराते हैं.

सीएनजी स्टेशन
सीएनजी स्टेशन

ये भी पढ़ें- पटना: डीजल ऑटो चालकों को बड़ी राहत, CNG में कन्वर्ट कराने के लिए मिली 8 महीने की मोहलत

सीएनजी मतलब फायदे का सौदा
बिहार में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों को सीएनजी किट लगाने की अनुमति मिली है, जो रिट्रोफिटमेंट के जरिए थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर में सीएनजी किट लगाती हैं. ऐसे ही एक कंपनी के प्रमोटर और वहां काम कर रहे मैकेनिक से ईटीवी भारत ने बात की. हमने जाना कि किस तरह लोग अपनी गाड़ी में सीएनजी किट लगवा सकते हैं, इसके क्या फायदे हैं. सबसे पहले यह समझिए कि क्यों सीएनजी में आपके वाहन को कन्वर्ट कराना या सीएनजी वाहन खरीदना फायदेमंद है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

सीएनजी गाड़ियों से नहीं होता है प्रदूषण
अपने पेट्रोल इंजन को सीएनजी में कन्वर्ट करा चुके ऑटो ड्राइवर और अन्य लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि इससे पेट्रोल पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से हमें निजात मिल गई है. सीएनजी प्रदूषण रहित भी है और माइलेज बेहतर है यानी कहीं कोई परेशानी नहीं है. परेशानी सिर्फ इतनी है कि पटना में सीएनजी स्टेशन कम है, इसलिए सीएनजी भरवाने के लिए लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ती है, जिसमें अच्छा खासा वक्त लग जाता है.

पवन कुमार, मैकेनिक
पवन कुमार, मैकेनिक

''ये काफी आसान तरीका है. सिर्फ 4 से 5 घंटे में पेट्रोल गाड़ियों में सीएनजी किट आराम से लग जाती है और उसके बाद कहीं कोई परेशानी नहीं होती है. ये सरकार से मान्यता प्राप्त है और प्रदूषण रहित गाड़ी बेहतर माइलेज के साथ कम खर्च में लोग चलाते हैं''- पवन कुमार, मैकेनिक

'4 से 5 घंटे में लग जाती है सीएनजी किट'
सीएनजी किट लगाने वाली कंपनी के प्रोपराइटर पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि जिस व्यक्ति को अपनी गाड़ी में चेंज कर लगवाना है उनके लिए सारी सुविधाएं हम उपलब्ध कराते हैं जो डॉक्यूमेंट का काम होता है वह भी हमारे तरफ से करा दिया जाता है 4 से 5 घंटे में सीएनजी किट गाड़ी में लग जाती है.

पुरुषोत्तम कुमार प्रोपराइटर, सीएनजी किट रेट्रोफिटिंग
पुरुषोत्तम कुमार प्रोपराइटर, सीएनजी किट रेट्रोफिटिंग

''सीएनजी किट लगाने के बाद आराम से 92.5 रु./लीटर पेट्रोल की जगह महज 62 रु./किलो सीएनजी गैस बेहतर माइलेज के साथ लोग चलाते हैं और महीने का भारी-भरकम खर्च बचा सकते हैं. अगर आपकी गाड़ी कमर्शियल है तो सरकार 20 हजार की सब्सिडी देती है, जबकि निजी गाड़ी वाले लोगों को पूरा खर्च खुद उठाना पड़ता है''- पुरुषोत्तम कुमार प्रोपराइटर, सीएनजी किट रेट्रोफिटिंग

15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों पर रोक
सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक 15 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों को सड़क से बाहर करना है या उन्हें सीएनजी या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराना जरूरी है. हालांकि, ये निर्देश फिलहाल सिर्फ पटना और इसके आसपास के क्षेत्र के लिए है.

''डीजल इंजन को कन्वर्ट कराने के लिए जो सब्सिडी मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रही, इसलिए डीजल ऑटो वाले भारी भरकम खर्च और सब्सिडी मिलने में परेशानी को देखते हुए फिलहाल कन्वर्ट नहीं करा पा रहे हैं''- ऑटो ड्राइवर

संजय कुमार, अग्रवाल परिवहन सचिव
संजय कुमार, अग्रवाल परिवहन सचिव

''पटना के अलावा बिहार के अन्य जिलों में भी सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि अन्य जगहों पर भी भरी प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. बेगूसराय में एक सीएनजी स्टेशन खुल चुका है, इसके अलावा मुजफ्फरपुर, गया और दरभंगा जैसे शहरों में भी सीएनजी स्टेशन खोलने की कोशिश हो रही है''- संजय कुमार, अग्रवाल परिवहन सचिव

ये भी पढ़ें- कचरा से बिजली बनाने की योजना हुई फेल, 'अब CNG और खाद बनाएगा पटना नगर निगम'

30 सितंबर तक कन्वर्जन जरूरी
परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार की तरफ से डीजल और पेट्रोल वाहनों को कन्वर्ट कराने में मदद की जा रही है. 30 सितंबर तक तमाम तीन पहिया और बस जो व्यवसायिक हैं, उन्हें सीएनजी या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करा लेना है.

पटना: बिहार में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. वायु प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा जिम्मेवार माना जाता है, सड़क पर दौड़ती उन गाड़ियों को जिनके फिटनेस फेल होने के कारण वो गाड़ी रोजाना भारी मात्रा में जहरीला धुआं उगलती है. बिहार में प्रदूषण के लेवल को कम करने के लिए सीएनजी वाहनों के परिचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. सीएनजी वाहन के परिचालन से ना सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलती है, बल्कि पैसों की भी काफी बचत होती है.

ये भी पढ़ें- बिहार में लगातार बढ़ रही है CNG वाहनों की संख्या, परिवहन विभाग का बसों को भी CNG से चलाने पर जोर

पुरानी गाड़ियों पर सरकार की रोक
बिहार सरकार ने पहले ही सभी ऐसी सरकारी गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा रखी है, जो 15 साल से ज्यादा पुरानी हो चुकी है और जो डीजल पर चलती है. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जो सरकारी बसें बिहार में डीजल से चल रही हैं, उन्हें धीरे-धीरे सीएनजी या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट किया जा रहा है.

देखिए ये रिपोर्ट

पेट्रोल-डीजल गाड़ियों का सीएनजी में कन्वर्जन
पटना में चलने वाली 120 बसों में से 20 बसों को सीएनजी में कन्वर्ट किया जा चुका है. परिवहन विभाग के मुताबिक 12 इलेक्ट्रिक बसें पटना में चलाई जा रही हैं. इसके अलावा 50 नई सीएनजी बसें पटना की सड़कों पर जल्द ही दिखेगी.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

इलेक्ट्रिक-सीएनजी बसों का परिचालन
बता दें कि सिर्फ पटना ही नहीं बल्कि बिहार शरीफ, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया में भी बहुत जल्द इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों का परिचालन होता हुआ नजर आएगा. ये पूरी कवायद प्रदूषण के लेवल को कम करने के लिए है. पिछले साल सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, जिसके तहत डीजल से चलने वाले ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करना जरूरी है.

सीएनजी मतलब फायदे का सौदा
सीएनजी मतलब फायदे का सौदा

कन्वर्ट करने की बढ़ाई समय सीमा
ये समय सीमा पहले पटना नगर निगम क्षेत्र के लिए 31 जनवरी और दानापुर नगर परिषद क्षेत्र के लिए 31 मार्च तक थी. जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक कर दिया गया है. सरकार की तरफ से डीजल चालित ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए 40 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है.

सीएनजी स्टेशन
सीएनजी स्टेशन

सरकार मुहैया करवा रही सब्सिडी
पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को सीएनजी में कन्वर्ट कराने के लिए 38 हजार देने होते है. जिनमें 20 हजार की सब्सिडी दी जा रही है. 20 हजार की सब्सिडी उन कैब मालिकों को भी दी जाती है जो व्यवसायिक वाहन को पेट्रोल से सीएनजी में कन्वर्ट कराते हैं.

सीएनजी स्टेशन
सीएनजी स्टेशन

ये भी पढ़ें- पटना: डीजल ऑटो चालकों को बड़ी राहत, CNG में कन्वर्ट कराने के लिए मिली 8 महीने की मोहलत

सीएनजी मतलब फायदे का सौदा
बिहार में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों को सीएनजी किट लगाने की अनुमति मिली है, जो रिट्रोफिटमेंट के जरिए थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर में सीएनजी किट लगाती हैं. ऐसे ही एक कंपनी के प्रमोटर और वहां काम कर रहे मैकेनिक से ईटीवी भारत ने बात की. हमने जाना कि किस तरह लोग अपनी गाड़ी में सीएनजी किट लगवा सकते हैं, इसके क्या फायदे हैं. सबसे पहले यह समझिए कि क्यों सीएनजी में आपके वाहन को कन्वर्ट कराना या सीएनजी वाहन खरीदना फायदेमंद है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

सीएनजी गाड़ियों से नहीं होता है प्रदूषण
अपने पेट्रोल इंजन को सीएनजी में कन्वर्ट करा चुके ऑटो ड्राइवर और अन्य लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि इससे पेट्रोल पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से हमें निजात मिल गई है. सीएनजी प्रदूषण रहित भी है और माइलेज बेहतर है यानी कहीं कोई परेशानी नहीं है. परेशानी सिर्फ इतनी है कि पटना में सीएनजी स्टेशन कम है, इसलिए सीएनजी भरवाने के लिए लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ती है, जिसमें अच्छा खासा वक्त लग जाता है.

पवन कुमार, मैकेनिक
पवन कुमार, मैकेनिक

''ये काफी आसान तरीका है. सिर्फ 4 से 5 घंटे में पेट्रोल गाड़ियों में सीएनजी किट आराम से लग जाती है और उसके बाद कहीं कोई परेशानी नहीं होती है. ये सरकार से मान्यता प्राप्त है और प्रदूषण रहित गाड़ी बेहतर माइलेज के साथ कम खर्च में लोग चलाते हैं''- पवन कुमार, मैकेनिक

'4 से 5 घंटे में लग जाती है सीएनजी किट'
सीएनजी किट लगाने वाली कंपनी के प्रोपराइटर पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि जिस व्यक्ति को अपनी गाड़ी में चेंज कर लगवाना है उनके लिए सारी सुविधाएं हम उपलब्ध कराते हैं जो डॉक्यूमेंट का काम होता है वह भी हमारे तरफ से करा दिया जाता है 4 से 5 घंटे में सीएनजी किट गाड़ी में लग जाती है.

पुरुषोत्तम कुमार प्रोपराइटर, सीएनजी किट रेट्रोफिटिंग
पुरुषोत्तम कुमार प्रोपराइटर, सीएनजी किट रेट्रोफिटिंग

''सीएनजी किट लगाने के बाद आराम से 92.5 रु./लीटर पेट्रोल की जगह महज 62 रु./किलो सीएनजी गैस बेहतर माइलेज के साथ लोग चलाते हैं और महीने का भारी-भरकम खर्च बचा सकते हैं. अगर आपकी गाड़ी कमर्शियल है तो सरकार 20 हजार की सब्सिडी देती है, जबकि निजी गाड़ी वाले लोगों को पूरा खर्च खुद उठाना पड़ता है''- पुरुषोत्तम कुमार प्रोपराइटर, सीएनजी किट रेट्रोफिटिंग

15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों पर रोक
सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक 15 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों को सड़क से बाहर करना है या उन्हें सीएनजी या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराना जरूरी है. हालांकि, ये निर्देश फिलहाल सिर्फ पटना और इसके आसपास के क्षेत्र के लिए है.

''डीजल इंजन को कन्वर्ट कराने के लिए जो सब्सिडी मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रही, इसलिए डीजल ऑटो वाले भारी भरकम खर्च और सब्सिडी मिलने में परेशानी को देखते हुए फिलहाल कन्वर्ट नहीं करा पा रहे हैं''- ऑटो ड्राइवर

संजय कुमार, अग्रवाल परिवहन सचिव
संजय कुमार, अग्रवाल परिवहन सचिव

''पटना के अलावा बिहार के अन्य जिलों में भी सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि अन्य जगहों पर भी भरी प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. बेगूसराय में एक सीएनजी स्टेशन खुल चुका है, इसके अलावा मुजफ्फरपुर, गया और दरभंगा जैसे शहरों में भी सीएनजी स्टेशन खोलने की कोशिश हो रही है''- संजय कुमार, अग्रवाल परिवहन सचिव

ये भी पढ़ें- कचरा से बिजली बनाने की योजना हुई फेल, 'अब CNG और खाद बनाएगा पटना नगर निगम'

30 सितंबर तक कन्वर्जन जरूरी
परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार की तरफ से डीजल और पेट्रोल वाहनों को कन्वर्ट कराने में मदद की जा रही है. 30 सितंबर तक तमाम तीन पहिया और बस जो व्यवसायिक हैं, उन्हें सीएनजी या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करा लेना है.

Last Updated : Apr 15, 2021, 1:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.