पटना: सीनियर आईएएस के के पाठक (Senior IAS K K Pathak) का विवादों से गहरा रिश्ता रहा है. इस बार के के पाठक ने बासा (BASA) से लड़ाई ले ली है. केके पाठक द्वारा गाली गलौज की भाषा इस्तेमाल किए जाने के बाद से बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारियों ने तल्ख तेवर अख्तियार कर लिए हैं. संघ आर-पार की लड़ाई के मूड में है. बिहार प्रशासनिक सेवा संघ की ओर से गाली-गलौच को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. और सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन भी दिया गया है. लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है.
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केके पाठक के खिलाफ BASA ने दर्ज कराई प्राथमिकी : पटना के एसएसपी ने केके पाठक के खिलाफ दर्ज आवेदन को सामान्य प्रशासन विभाग के पास प्रॉसीक्यूशन सैंक्शन के लिए भेज दिया है. अगर सामान्य प्रशासन से हरी झंडी मिल जाती है तो केके पाठक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली जाएगी और उनके खिलाफ पुलिसिया जांच भी शुरू हो जाएगी. इधर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ की मान्यता रद्द किए जाने पर भी केके पाठक बैकफुट पर हैं. पटना उच्च न्यायालय ने पूरे प्रकरण में केके पाठक को अपना आदेश वापस लेने को कहा है. और दोनों पक्षों को मिल बैठकर विवाद खत्म करने का सुझाव दिया है.
के के पाठक को लेकर बासा ने खोला मोर्चा : इधर, गाली गलौज वाले दो वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मामले को गंभीरता से लिया है. और मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिए है. मुख्य सचिव ने ही वीडियो की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा है. आर्थिक अपराध इकाई की साइबर सेल ने जांच शुरू भी कर दिया है. डीएसपी के नेतृत्व में कमेटी का गठन भी किया गया है .
IPS विकास विकास वैभव को लेकर बिहार में सियासत तेज : बिहार गृह रक्षा वाहिनी की डीजी शोभा अहोतकर और आईजी विकास वैभव के बीच भी आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. होमगार्ड के डीजी ने जहां आरोप लगाए हैं कि विकास वैभव ने गोपनीयता अधिनियम एक्ट का उल्लंघन किया है, तो विकास वैभव का आरोप है कि डीजी मैडम ने उनके साथ गाली गलौच किया है और इसके ऑडियो वीडियो प्रमाण उनके पास है.
"सीनियर आईएएस के के पाठक के लिए मुश्किल बढ़ने वाली है. केके पाठक के खिलाफ जहां आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है. वहीं पटना उच्च न्यायालय और पटना पुलिस की ओर से भी कार्रवाई का डंडा चल सकता है. डीजी मैडम और आईजी विकास वैभव को मतभेद खत्म कर लेना चाहिए. अगर लड़ाई जारी रही तो दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जरूरत इस बात की है कि दोनों लोग आपस में मिल बैठकर विवाद को खत्म कर लें और जनहित में काम करें." - अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस