पटना: सूबे में शिक्षकों की समान काम समान वेतन की मांग बढ़ती जा रही है. बिहार के हर जिले से शिक्षकों का विरोध प्रर्दशन सामने आ रहा है. राज्य के अलग-अलग शिक्षक संगठन अपने तरह से सरकार के सामने विरोध दर्ज करा रहे हैं. इसी क्रम में हर जिले से धरना प्रर्दशन की तस्वीरें सामने आई हैं.
सुपौल में प्रदर्शन
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की जिला इकाई ने सात सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. जिसमें जिले के शिक्षक, नेता और सैकड़ो शिक्षकों ने भाग लिया. शिक्षकों की मांग है कि नियमित शिक्षकों की तरह वेतनमान दी जाए. उनकी मांग है कि सरकार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे.
किशनगंज में प्रदर्शन
जिले में शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना प्रर्दशन किया. शिक्षकों की मुख्य मांग समान काम-समान वेतन का है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांग पूरी नहीं हुई, तो इससे बड़ा प्रदर्शन करेंगे. नीतीश सरकार की मनमानी का हमलोग मिलकर मुकाबला करेंगे.
मुजफ्फरपुर में प्रदर्शन
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति संगठन के नियोजित शिक्षकों ने जिला समाहरणालय में धरना प्रर्दशन किया. शिक्षकों का कहना है कि समान काम के बदले सरकार समान वेतनमान तय करे. शिक्षकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार शिक्षकों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है. उनका कहना है कि सरकार अगर सात सूत्री मांगों को पूरा नहीं करती है तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
बेतिया में प्रदर्शन
बेतिया जिला मुख्यालय में बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के शिक्षकों ने विरोध प्रर्दशन किया. शिक्षकों का कहना है कि बिहार सरकार शिक्षकों का लगातार शोषण कर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षक लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखते हैं. लेकिन सरकार शिक्षकों से लाठी और गोली से बात करती है. उन्होंने सात सूत्री मांगों को रखते हुए, पुरानी पेंशन योजना और सातवें वेतन भुगतान नहीं होने पर नाराजगी जताई.
दरभंगा में प्रदर्शन
जिले के नियोजित शिक्षकों ने जिला समाहरणालय से पोलो मैदान तक आक्रोश मार्च किया. आक्रोश मार्च समाहरणालय होते हुए शहर के विभिन्न चौक चौराहों से गुजरा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस विरोध प्रर्दशन में 18 शिक्षक संगठनों ने हिस्सा लिया. शिक्षकों ने कहा कि हम लोग अपनी मांगों को लेकर तब तक लड़ते रहेंगे. जब तक समान कार्य समान वेतन लागू नहीं हो जाता.
गोपालगंज में प्रदर्शन
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने अंबेडकर चौक पर धरना का आयोजन किया. धरना में उपस्थित सैकड़ों शिक्षकों ने समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर अपनी बात रखी. शिक्षकों ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रारंभिक शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था दोनों बदहाल हैं. सरकार शिक्षकों के बीच असमानता की खाई खोद कर शिक्षा का बेड़ा गर्क कर रही है.
मोतिहारी में प्रदर्शन
पूर्वी चंपारण के नियोजित शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का आगाज कर दिया है. समान काम समान वेतन को लेकर बंग्ला स्कूल से निकला शिक्षकों का मार्च समाहरणालय तक गया. जहां शिक्षकों ने आक्रोशपूर्ण धरना दिया.
भागलपुर में प्रदर्शन
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले नियोजित शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना दिया. शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला. शिक्षकों का कहना है कि उन्हें समान काम के बदले समान वेतन दिया जाए.
जहानाबाद में प्रदर्शन
जिले के नियोजित शिक्षकों ने समान काम समान वेतन को लेकर जिला समाहरणालय पर एक दिवसीय धरना दिया. शिक्षकों ने बताया कि जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरी नहीं करेगी. तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
क्या है नियोजित शिक्षकों की मांग
1. पुराने नियमित शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को वेतनमान और सेवा शर्त लागू किया जाए.
2. पुरानी पेंशन योजनाओं से सभी शिक्षकों को आच्छादित किया जाए.
3. सामान्य भविष्य निधि एवं ग्रुप बीमा से सभी शिक्षकों को आच्छादित किया जाए.
4. शिक्षकों के अप्रशिक्षित आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी जाए.
5. समान स्कूल प्रणाली लागू किया जाए और सत्र शुरू होने से पहले छात्रों को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराई जाए.
6. शिक्षकों को सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कर समय से वेतन दिया जाए.
7. शहरी क्षेत्रों में कार्यरत सभी नियोजित शिक्षकों को शहरी परिवहन भत्ता का लाभ दिया जाए.