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कन्हैया के बिहार आते ही कांग्रेस ने दिखाया दम, कहा- लोकसभा की सभी सीटों पर अकेले लड़ेंगे चुनाव - Kanhaiya Kumar

कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने ऐलान कर दिया कि बिहार में महागठबंधन टूट गया है. अब कांग्रेस अपने दम पर 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव लड़ेगी और जीतेगी. पढ़ें पूरी खबर...

Kanhaiya Kumar
कन्हैया कुमार
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Published : Oct 22, 2021, 3:54 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 4:04 PM IST

पटना: बिहार में दो विधानसभा सीट (तारापुर और कुशेश्वरस्थान) के लिए हो रहे उपचुनाव (By Election in Bihar) में महागठबंधन टूट गया है. राजद ने कांग्रेस के सीट कुशेश्वरस्थान से अपना उम्मीदवार उतारा तो कांग्रेस भी मैदान में आ गई. दोनों सीट पर कांग्रेस राजद और एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. इस दौरान कांग्रेस और राजद के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी हो रही है.

यह भी पढ़ें- बिहार कांग्रेस प्रभारी का दावा- बिहार में विधानसभा उपचुनाव बाद RJD का BJP से होगा गठबंधन

जेएनयू के भूतपूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के बिहार आते ही कांग्रेस ने महागठबंधन टूटने का ऐलान कर दिया है. सीपीआई छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया उपचुनाव के लिए प्रचार करने आए हैं. इस मौके पर कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) ने ऐलान कर दिया कि बिहार में महागठबंधन टूट चुका है. आरजेडी ने गठबंधन का रिश्ता नहीं निभाया. अब कांग्रेस अपने दम पर 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव लड़ेगी और जीतेगी.

"हम जमकर लड़ेंगे और 40 सीटों पर भी लड़ेंगे. अब कहां गठबंधन है, गठबंधन तो टूट गया, इन्होंने गठबंधन का रिश्ता नहीं निभाया. अभी तो हम चुनाव अपनी जीत के लिए लड़ रहे हैं. कांग्रेस के सारे नेता यहां मौजूद हैं और कुछ आ रहे हैं. आज से अभियान और तेज होगा. दोनों सीटों पर कांग्रेस बराबर की टक्कर में है और जीत की ओर बढ़ रही है."- भक्त चरण दास, बिहार कांग्रेस प्रभारी

बता दें कि कुशेश्वरस्थान सीट को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच पिछले कई दिनों से बयानबाजी हो रही है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस महागठबंधन में शामिल थी. कांग्रेस को 70 सीट मिले थे. कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस के खाते में आई थी. पार्टी ने यहां से अशोक कुमार को टिकट दिया था. अशोक कुमार को जेडीयू प्रत्याशी शशिभूषण हजारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.

शशिभूषण हजारी के निधन के चलते कुशेश्वरस्थान सीट खाली हुई. उपचुनाव की घोषणा होने पर कांग्रेस ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारने की मांग की, लेकिन राजद ने कुशेश्वरस्थान और तारापुर से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी. इसके बाद कांग्रेस ने भी दोनों सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया. कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार और तारापुर से राजेश मिश्रा को टिकट दिया है. आरजेडी ने तारापुर से अरुण कुमार साह और कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को टिकट दिया है. जदयू ने तारापुर से राजीव कुमार सिंह और कुशेश्वरस्थान से अमन हजारी को उम्मीदवार बनाया है.

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा अपने उम्मीदवार खड़ा करने के बाद राजद की ओर से पहले फ्रेंडली फाइट की बात कही गई थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने तुरंत इससे इनकार किया था और कहा था कि कांग्रेस दोनों सीटों पर जीतने के लिए लड़ रही है. पार्टी राजद और जदयू के उम्मीदवारों को हराएगी. राजद और कांग्रेस के नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग तब तेज हो गई थी जब कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने राजद पर बीजेपी के साथ मिले होने का आरोप लगाया था.

भक्त चरण दास ने कहा था कि उपचुनाव के बाद खुलकर राजद और बीजेपी गठबंधन कर सकती हैं. बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के कुल 110 विधायक हैं. सरकार बनाने के लिये 122 विधायकों की जरूरत होती है. 19 विधायकों वाली कांग्रेस की अनदेखी इसलिये राजद ने की, क्योंकि उसको किसी और दल का समर्थन सरकार बनाने के लिये मिल सकता है. जिस सांप्रदायिक पार्टी के खिलाफ महागठबंधन बना था. उपचुनाव बाद राजद उसी पार्टी से खुलकर गठबंधन कर सकता है.

भक्त चरण दास ने कहा था कि बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होना है. कुशेश्वरस्थान में पिछले पांच बार से कांग्रेस लड़ रही थी. राजद ने यह सीट उपचुनाव में कांग्रेस को नहीं दिया. दोनों सीटों पर राजद ने उम्मीदवार उतार दिया. इसलिये कांग्रेस से गठबंधन टूट गया. कांग्रेस भी दोनों सीटों पर लड़ रही है और जीतेगी भी. कुशेश्वरस्थान से राजद अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लेता तो गठबंधन कांग्रेस के साथ बना रहता, लेकिन राजद ने नाम वापस नहीं लिया.

इसके जवाब में राजद सांसद मनोज झा ने भक्त चरण दास को संघी कहा था. मनोज झा ने कहा था कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास संघ विचारधारा के हैं और यही कारण है कि वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. उन्हें नहीं पता है कि कांग्रेस और राजद का कितना पुराना गठबंधन है और किस तरह से लालू प्रसाद यादव हमेशा सोनिया गांधी के लिए खड़े रहे हैं. हम लोग बीजेपी का विरोध डाइनिंग रूम में बैठकर नहीं करते हैं, बल्कि सड़कों पर करते हैं. हम लोग जमीन से जुड़े लोग हैं और शुरू से ही बीजेपी और संघ का विरोध राष्ट्रीय जनता दल ने किया है.

मनोज झा ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव ही ऐसे शख्स हैं जिन्होंने आडवाणी के रथ को बिहार में रोकने की हिम्मत की थी और उनके मंसूबे पर पानी फेरा था. देश में अमन चैन रहे उसको लेकर हमारे नेता ने लगातार काम किया है और ये बात सोनिया गांधी भी जानती हैं. हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में भी कुछ संघ के लोग हैं. लगता है भक्त चरण दास उसी में से एक हैं. कांग्रेस के बिहार प्रभारी बनने से पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं से उन्होंने ट्रेनिंग नहीं ली है. इसीलिए इस तरह का बयान दिया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे लगता है कि वो पूर्ण रूप से संघ के विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए ही कांग्रेस से जुड़े हैं.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस को RJD का करारा जवाब, मनोज झा ने भक्त चरण दास को बताया 'संघी'

पटना: बिहार में दो विधानसभा सीट (तारापुर और कुशेश्वरस्थान) के लिए हो रहे उपचुनाव (By Election in Bihar) में महागठबंधन टूट गया है. राजद ने कांग्रेस के सीट कुशेश्वरस्थान से अपना उम्मीदवार उतारा तो कांग्रेस भी मैदान में आ गई. दोनों सीट पर कांग्रेस राजद और एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. इस दौरान कांग्रेस और राजद के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी हो रही है.

यह भी पढ़ें- बिहार कांग्रेस प्रभारी का दावा- बिहार में विधानसभा उपचुनाव बाद RJD का BJP से होगा गठबंधन

जेएनयू के भूतपूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के बिहार आते ही कांग्रेस ने महागठबंधन टूटने का ऐलान कर दिया है. सीपीआई छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया उपचुनाव के लिए प्रचार करने आए हैं. इस मौके पर कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) ने ऐलान कर दिया कि बिहार में महागठबंधन टूट चुका है. आरजेडी ने गठबंधन का रिश्ता नहीं निभाया. अब कांग्रेस अपने दम पर 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव लड़ेगी और जीतेगी.

"हम जमकर लड़ेंगे और 40 सीटों पर भी लड़ेंगे. अब कहां गठबंधन है, गठबंधन तो टूट गया, इन्होंने गठबंधन का रिश्ता नहीं निभाया. अभी तो हम चुनाव अपनी जीत के लिए लड़ रहे हैं. कांग्रेस के सारे नेता यहां मौजूद हैं और कुछ आ रहे हैं. आज से अभियान और तेज होगा. दोनों सीटों पर कांग्रेस बराबर की टक्कर में है और जीत की ओर बढ़ रही है."- भक्त चरण दास, बिहार कांग्रेस प्रभारी

बता दें कि कुशेश्वरस्थान सीट को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच पिछले कई दिनों से बयानबाजी हो रही है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस महागठबंधन में शामिल थी. कांग्रेस को 70 सीट मिले थे. कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस के खाते में आई थी. पार्टी ने यहां से अशोक कुमार को टिकट दिया था. अशोक कुमार को जेडीयू प्रत्याशी शशिभूषण हजारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.

शशिभूषण हजारी के निधन के चलते कुशेश्वरस्थान सीट खाली हुई. उपचुनाव की घोषणा होने पर कांग्रेस ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारने की मांग की, लेकिन राजद ने कुशेश्वरस्थान और तारापुर से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी. इसके बाद कांग्रेस ने भी दोनों सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया. कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार और तारापुर से राजेश मिश्रा को टिकट दिया है. आरजेडी ने तारापुर से अरुण कुमार साह और कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को टिकट दिया है. जदयू ने तारापुर से राजीव कुमार सिंह और कुशेश्वरस्थान से अमन हजारी को उम्मीदवार बनाया है.

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा अपने उम्मीदवार खड़ा करने के बाद राजद की ओर से पहले फ्रेंडली फाइट की बात कही गई थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने तुरंत इससे इनकार किया था और कहा था कि कांग्रेस दोनों सीटों पर जीतने के लिए लड़ रही है. पार्टी राजद और जदयू के उम्मीदवारों को हराएगी. राजद और कांग्रेस के नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग तब तेज हो गई थी जब कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने राजद पर बीजेपी के साथ मिले होने का आरोप लगाया था.

भक्त चरण दास ने कहा था कि उपचुनाव के बाद खुलकर राजद और बीजेपी गठबंधन कर सकती हैं. बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के कुल 110 विधायक हैं. सरकार बनाने के लिये 122 विधायकों की जरूरत होती है. 19 विधायकों वाली कांग्रेस की अनदेखी इसलिये राजद ने की, क्योंकि उसको किसी और दल का समर्थन सरकार बनाने के लिये मिल सकता है. जिस सांप्रदायिक पार्टी के खिलाफ महागठबंधन बना था. उपचुनाव बाद राजद उसी पार्टी से खुलकर गठबंधन कर सकता है.

भक्त चरण दास ने कहा था कि बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होना है. कुशेश्वरस्थान में पिछले पांच बार से कांग्रेस लड़ रही थी. राजद ने यह सीट उपचुनाव में कांग्रेस को नहीं दिया. दोनों सीटों पर राजद ने उम्मीदवार उतार दिया. इसलिये कांग्रेस से गठबंधन टूट गया. कांग्रेस भी दोनों सीटों पर लड़ रही है और जीतेगी भी. कुशेश्वरस्थान से राजद अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लेता तो गठबंधन कांग्रेस के साथ बना रहता, लेकिन राजद ने नाम वापस नहीं लिया.

इसके जवाब में राजद सांसद मनोज झा ने भक्त चरण दास को संघी कहा था. मनोज झा ने कहा था कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास संघ विचारधारा के हैं और यही कारण है कि वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. उन्हें नहीं पता है कि कांग्रेस और राजद का कितना पुराना गठबंधन है और किस तरह से लालू प्रसाद यादव हमेशा सोनिया गांधी के लिए खड़े रहे हैं. हम लोग बीजेपी का विरोध डाइनिंग रूम में बैठकर नहीं करते हैं, बल्कि सड़कों पर करते हैं. हम लोग जमीन से जुड़े लोग हैं और शुरू से ही बीजेपी और संघ का विरोध राष्ट्रीय जनता दल ने किया है.

मनोज झा ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव ही ऐसे शख्स हैं जिन्होंने आडवाणी के रथ को बिहार में रोकने की हिम्मत की थी और उनके मंसूबे पर पानी फेरा था. देश में अमन चैन रहे उसको लेकर हमारे नेता ने लगातार काम किया है और ये बात सोनिया गांधी भी जानती हैं. हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में भी कुछ संघ के लोग हैं. लगता है भक्त चरण दास उसी में से एक हैं. कांग्रेस के बिहार प्रभारी बनने से पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं से उन्होंने ट्रेनिंग नहीं ली है. इसीलिए इस तरह का बयान दिया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे लगता है कि वो पूर्ण रूप से संघ के विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए ही कांग्रेस से जुड़े हैं.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस को RJD का करारा जवाब, मनोज झा ने भक्त चरण दास को बताया 'संघी'

Last Updated : Oct 22, 2021, 4:04 PM IST
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