पटना: बिहार में चुनावी आगाज होते ही राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है. विपक्षी दल सत्ता पक्ष को कई मामलों में कटघरे में खड़े कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस ने कृषि बिल के खिलाफ सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया.
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि सरकार की ओर से लाया गया नया कृषि बिल काला कानून है. कांग्रेस पूरे देश में इसका विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगा.
कृषि बिल को चुनाव में मुद्दा बनाएगा विपक्ष
दो दिन पहले ही आरजेडी ने कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन किया था. जिसमें कांग्रेस शामिल नहीं थी. क्या महागठबंधन के सभी दलों को इस मुद्दे पर एकजुट नहीं होना चाहिए? इस सवाल के जवाब में मदन मोहन झा ने कहा कि सभी दल अपने-अपने तरीके से इस बिल का विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस ने तो आरजेडी के विरोध प्रदर्शन से पहले ही उसका समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि बिल चुनावी मुद्दा तो रहेगा ही इसके अलावा भी कई मुद्दे हैं, जो चुनाव में सरकार को घेरने का काम करेगा.
'माफी मांगे सीएम नीतीश'
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडे और उनकी टीम पर नामजद एफआईआर किए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा पटना के एयरपोर्ट पर कुछ नेता और कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में नारेबाजी जरूर की, लेकिन जिस तरह से बिहार सरकार की ओर से नामजद एफआईआर किया गया, इससे गलत परिपाटी की शुरुआत की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षियों को दबाना और डराना चाहती है. जो कभी भी संभव नहीं होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एफआईआर वापस लेते हुए माफी मांगनी चाहिए.