पटना: सोमवार से बिहार विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहा. राज्यपाल का संयुक्त अभिभाषण से पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने संबोधन दिया. उन्होंने अपना संबोधन उर्दू में किया. संबोधन समाप्ति पर बीजेपी के एक सदस्य ने लाहौल विला कूवत कह दिया, जिसके बाद मामला बढ़ गया. विपक्ष के कई सदस्य इसके विरोध में उतर आए और नारेबाजी करने लगे.
विधानसभा अध्यक्ष की मेहनत पर बीजेपी सदस्य ने फेरा पानी
विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी के उर्दू में संबोधन और बीजेपी सदस्य के लाहौल विला कूवत बोलने पर सदन में कुछ देर के लिए अजीबोगरीब स्थिति हो गई. विपक्ष के कई सदस्य जिसमें अधिकांश मुस्लिम विधायक थे. वे वेल में पहुंच गए और अपनी नाराजगी जताने लगे.
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'बीजेपी के नेताओं में है ज्ञान की कमी'
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा बीजेपी सदस्य ने या तो ये बात अज्ञानता में बात कही है, या उन्हें उर्दू जैसे शानदार लफ्ज का सम्मान करना नहीं आ रहा है. शकील अहमद खान ने यह भी कहा कि गोडसे की भाषा बोलने वालों को उर्दू अच्छी लग ही नहीं सकती.
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नहीं हो सका बीजेपी सदस्य का खुलासा
हालांकि, बाद में संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यदि सदन में चर्चा के दौरान कोई सदस्य बैठकर कुछ बोलते हैं तो वह सदन के रिकॉर्ड में नहीं माना जाता है. लेकिन, बीजेपी सदस्य को लेकर सदन के बाहर भी खूब चर्चा होती रही. हालांकि ये खुलासा नहीं हो सका कि किस बीजेपी के सदस्य ने लाहौल विला कूवत कहा था.