पटना : कांग्रेस प्रदेश कार्यलय 'सदाकत आश्रम' में विधायक दल की बैठक के दौरान हंगामा हुआ. दरअसल, कार्यकर्ताओं ने विजय शंकर दुबे को विधायक दल नेता के रूप में स्वीकारने से मना कर दिया. कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि पटना के बिक्रम से जीते सिद्धार्थ को विधायक दल का नेता चुना जाए. इस हंगामे को लेकर ऐसा कहा जाने लगा कि कांग्रेस में एकता नहीं रह गई है. पूरे मामले पर कांग्रेस नवनिर्वाचित विधायक नीतू सिंह और छत्रपति यादव ने सफाई दी है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में पहुंची नवनिर्वाचित विधायक नीतू सिंह ने कहा कांग्रेसी एकजुट है और हम अडिग है. पार्टी ने मुझ पर भरोसा करते हुए दूसरी बार टिकट दिया और मैं जीत कर आई हूं. कांग्रेस में तोड़फोड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि हां हर कांग्रेसी निष्ठा के साथ पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में काम करता है विधायक बनना, ना बनना बड़ा सवाल नहीं होता बल्कि पार्टी को एकजुट रखना बड़ा सवाल है.
खगड़िया से नवनिर्वाचित विधायक छत्रपति यादव ने कहा कि हम कहीं नहीं जाने वाले पार्टी एकजुट हैं. हम पार्टी के आलाकमान के निर्देश का पालन करेंगे. यादव ने कहा खगड़िया की जनता आतंक के राज से मुक्ति चाहती थी और इसलिए मुझे अपार जनसमर्थन प्राप्त हुआ है.