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नीतीश कुमार को BJP ने कठपुतली बनाकर रखा है, सीएम को उठाना चाहिए ठोस कदम - कांग्रेस - bihar political news

बीजेपी और जेडीयू के बीच चल रहे पावर वॉर के बीच कॉग्रेस ने एक बार फिर से नीतीश कुमार पर हमला किया है. भले ही जेडीयू और बीजेपी बिहार में गठबंधन अटूट होने का दावा कर रही हो, लेकिन दोनों दलों के बीच खटास भी साफ देखने को मिल रही है. ऐसे में कॉग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने नीतीश को बीजेपी का कठपुतली करार दिया है.

nitish kumar vs bjp politics news
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Published : Dec 29, 2020, 3:51 PM IST

पटना: एक दौर था जब नीतीश को प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जाता था, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उन्हें पटखनी दे दी. उसके बाद से सियासी उठापटक का दौर बिहार में चलता रहा. सालों की दुश्मनी दोस्ती में बदल गई. लालू और नीतीश एक-दूसरे के गले मिल गये थे. अब एक बार फिर से अरुणाचल प्रदेश की सियासी तपिश बिहार की राजनीति को गर्म कर रही है. विपक्ष के सोये अरमान फिर जाग उठे हैं.

नये साल में नयी सरकार बनने की बात पूरे भरोसे के साथ कही जा रही है. कॉग्रेस ने नीतीश पर जमकर हमला भी किया है. यही नहीं नीतीश को बीजेपी का कठपुतली करार दिया है.

'नये साल में हम उम्मीद करते हैं कि नई सरकार बनेगी. भाजपा ने जिस तरह से उन्हें कठपुतली बनाकर रखा है. निश्चित रूप से नीतीश जी को कोई निर्णय करना चाहिए. नीतीश में पहले जो साहस था भगवान करे उन्हें फिर से वो साहस दे. मैं तो कई बार कह चुका हूं शासन करने की उनकी इच्छा शक्ति मर चुकी है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी बिहार में भी अरुणाचल प्रदेश जैसा ही करने वाली है. पूरे देश में देखिये जो भी बीजेपी की सहयोगी रही उनके साथ क्या हुआ. अकाली दल के साथ क्या हुआ. मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब की पार्टी के साथ कश्मीर में क्या हुआ, शिवसेना के साथ बीजेपी ने क्या किया. अब तो जेडीयू ही बची है. आगे क्या करना है हम सलाह नहीं देंगे, नीतीश काफी समझदार हैं.' -अखिलेश सिंह, कांग्रेस नेता

देखिये कांग्रेस नेता का बयान

'नये साल में नयी सरकार'
बिहार की राजनीति में मचे घमासान को देख कॉग्रेस अंदर से खुश है. नीतीश पर चुटकी ली जा रही है. विपक्ष की उम्मीदें भी सत्ता में वापसी की बढ़ गई है. अब देखना दिलचस्प होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है. साथ ही सभी इंतजार में हैं कि सीएम नीतीश, अरुणाचल प्रदेश मामले को लेकर क्या कहते हैं. और क्या बिहार में भी कोई ठोस कदम उठाने की तैयारी चल रही है.

पटना: एक दौर था जब नीतीश को प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जाता था, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उन्हें पटखनी दे दी. उसके बाद से सियासी उठापटक का दौर बिहार में चलता रहा. सालों की दुश्मनी दोस्ती में बदल गई. लालू और नीतीश एक-दूसरे के गले मिल गये थे. अब एक बार फिर से अरुणाचल प्रदेश की सियासी तपिश बिहार की राजनीति को गर्म कर रही है. विपक्ष के सोये अरमान फिर जाग उठे हैं.

नये साल में नयी सरकार बनने की बात पूरे भरोसे के साथ कही जा रही है. कॉग्रेस ने नीतीश पर जमकर हमला भी किया है. यही नहीं नीतीश को बीजेपी का कठपुतली करार दिया है.

'नये साल में हम उम्मीद करते हैं कि नई सरकार बनेगी. भाजपा ने जिस तरह से उन्हें कठपुतली बनाकर रखा है. निश्चित रूप से नीतीश जी को कोई निर्णय करना चाहिए. नीतीश में पहले जो साहस था भगवान करे उन्हें फिर से वो साहस दे. मैं तो कई बार कह चुका हूं शासन करने की उनकी इच्छा शक्ति मर चुकी है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी बिहार में भी अरुणाचल प्रदेश जैसा ही करने वाली है. पूरे देश में देखिये जो भी बीजेपी की सहयोगी रही उनके साथ क्या हुआ. अकाली दल के साथ क्या हुआ. मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब की पार्टी के साथ कश्मीर में क्या हुआ, शिवसेना के साथ बीजेपी ने क्या किया. अब तो जेडीयू ही बची है. आगे क्या करना है हम सलाह नहीं देंगे, नीतीश काफी समझदार हैं.' -अखिलेश सिंह, कांग्रेस नेता

देखिये कांग्रेस नेता का बयान

'नये साल में नयी सरकार'
बिहार की राजनीति में मचे घमासान को देख कॉग्रेस अंदर से खुश है. नीतीश पर चुटकी ली जा रही है. विपक्ष की उम्मीदें भी सत्ता में वापसी की बढ़ गई है. अब देखना दिलचस्प होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है. साथ ही सभी इंतजार में हैं कि सीएम नीतीश, अरुणाचल प्रदेश मामले को लेकर क्या कहते हैं. और क्या बिहार में भी कोई ठोस कदम उठाने की तैयारी चल रही है.

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